6 दिसम्बर: प्रदेश में रही शांति, कहीं काला दिवस, कहीं शौर्य दिवस मनाया
विवादित बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने की 25वीं बरसी यानि 6 दिसम्बर का दिन शान्ति से गुजर गया। अयोध्या फैजाबाद, लखनऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, संभल, बरेली
लखनऊ: विवादित बाबरी मस्जिद ढांचा गिराए जाने की 25वीं बरसी यानि 6 दिसम्बर का दिन शान्ति से गुजर गया। अयोध्या फैजाबाद, लखनऊ, वाराणसी, मुरादाबाद, संभल, बरेली समेत प्रदेश के अलग अलग हिस्सों में काला दिवस मनाया गया तो वहीं हिन्दू वादी संगठनों ने शौर्य दिवस के रूप में मनाया। विरोध और प्रदर्शन के बीच पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतज़ाम किये थे।
प्रदेश में 6 दिसम्बर को कही काला दिवस तो कही शौर्य दिवस के रूप में मनाया गया। लखनऊ में सुबह से ही अलग अलग संगठनों ने प्रदर्शन किया। जीपीओ स्थित गांधी प्रतिमा पर अफसोस दिवस के रूप सांकेतिक प्रदर्शन हुआ। इस के अलावा ऐशबाग में भी काला दिवस मनाया गया। आरएसएस के विंग राष्ट्रीय मुस्लिम मंच ने भी लखनऊ में विवादित ढांचा गिराए जाने की बरसी पर कार सेवकों को बधाई दी। लखनऊ के अलावा फैज़ाबाद अयोध्या में भी विवादित ढांचा गिराए जाने की 25वीं बरसी के मौके सख्त सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण गुज़रा।
मुरादाबाद में मुस्लिम लीग के तत्वाधान में बाबरी विध्वंस की 25वीं बरसी पर जिले के जामा मस्जिद चौराहे पर जलसे का आयोजन किया गया था, जिसमें मंच से विवादित बोल बोले गए। जामा मस्जिद चौराहे पर आयोजित जलसे में मुस्लिम लीग के मुस्तफा अली ने देश की संसद में बैठे सभी सांसदों और मंत्रियों को आतंकवादी बताया। मुस्तफा का कहना था, संसद में बैठा हर व्यक्ति आतंकवादी है। मुस्तफ़ा इससे पहले भी विवादित बोल बोलते रहे हैं। वाराणसी, बरेली, इलाहाबाद, कानपुर, आगरा, संभल, मेरठ समेत अलग अलग ज़िलों में कही काला दिवस तो कहीं शौर्य दिवस मनाया गया। केंद्रीय गृह मंत्रालय की एडवाइज़री के बाद प्रदेश भर में सुरक्षा व्यवस्था सख्त करने के निर्देश जारी किए थे।