नई दिल्ली: भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) लखनऊ, देवघर, राजकोट और इलाहाबाद हवाईअड्डों में विकास कार्य शुरू करेगा। इसका उद्देश्य यात्रियों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए हवाईअड्डे की आधारभूत संरचना को बेहतर बनाना है। नागरिक विमानन मंत्रालय के बयान के मुताबिक, एएआई 1230 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाईअड्डे में नए एकीकृत यात्री टर्मिनल भवन का निर्माण करेगा।
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बयान में कहा गया, "पिछले पांच वर्षों में इस हवाईअड्डे में यात्रियों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। नया टर्मिनल भवन व्यस्ततम समय (पीक ऑवर) में 4000 यात्रियों और पूरे वर्ष के दौरान 63.5 लाख यात्रियों को सुविधा प्रदान करेगा।"
एएआई झारखंड के देवघर में हवाईअड्डे को इस प्रकार विकसित करेगा कि यह सैन्य व असैन्य दोनों ही उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जा सकेगा। असैन्य उपयोग के तहत यहां एयरबस 320 तथा सैन्य उपयोग के तहत सी-130 एयर क्राफ्ट जैसे विमानों का परिचालन किया जा सकेगा।
इस परियोजना की अनुमानित लागत 401.34 करोड़ रुपये तथा परियोजना पूरी होने की अनुमानित लागत 427.43 करोड़ रुपये है।
बयान में कहा गया, "झारखंड सरकार, डीआरडीओ और एएआई के मध्य 2017 के मार्च में एक सहमतिपत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। सहमतिपत्र के अनुसार, इस परियोजना के लिए झारखंड सरकार 50 करोड़ रुपये, डीआरडीओ 200 करोड़ रुपये और शेष राशि एएआई उपलब्ध कराएगा।"
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यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए एएआई 125.76 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से इलाहाबाद में एक नए सिविल एनक्लेव का निर्माण करेगा। 2019 के जनवरी में होने वाले अर्धकुंभ मेले के पहले इस नए टर्मिनल का परिचालन प्रारंभ करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
एएआई हिसार और राजकोट में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डों को निर्माण-संचालन-परिचालन के आधार पर विकसित करेगा।
बयान में कहा गया, "गुजरात सरकार ने सौराष्ट्र क्षेत्र के यात्रियों की जरूरतों को देखते हुए राजकोट में ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के निर्माण के लिए नि:शुल्क जमीन उपलब्ध कराई है।"
--आईएएनएस