राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराने का प्रकोप शुरू, देवड़ा के इस्तीफे पर आचार्य प्रमोद कृष्णम की टिप्पणी, रमेश बोले-PM मोदी ने तय की टाइमिंग

Milind Deora: भगवान राम का नाम लेगा या सच की बात करेगा, उसे कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ रही है। आचार्य प्रमोद कृष्णम इससे पूर्व राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने पर नाराजगी और तीखी प्रतिक्रिया जता चुके हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-01-14 14:07 IST

Milind Deora: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा के पार्टी से इस्तीफे के बाद सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन का निमंत्रण ठुकराने का प्रकोप शुरू हो गया है। उन्होंने अयोध्या में 22 जनवरी को आयोजित होने वाले प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का निमंत्रण ठुकराने के पार्टी हाईकमान के फैसले पर एक बार फिर सवाल उठाए हैं।

दूसरी ओर कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा शुरू होने से ठीक पहले मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे की टाइमिंग पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया है कि मिलिंद देवड़ा के इस्तीफे की टाइमिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तय की गई थी। उन्होंने इस्तीफे से पूर्व मिलिंद देवड़ा के साथ हुई बातचीत का पूरा वाकया भी बताया है।

सनातन विरोधियों का कांग्रेस पर कब्जा

पूर्व केंद्रीय मंत्री मिलिंद देवड़ा की ओर से कांग्रेस से इस्तीफा देने का ऐलान किए जाने के बाद आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा कि भगवान राम के मंदिर के उद्घाटन कार्यक्रम का निमंत्रण जिस तरह ठुकराने का काम किया गया,मुझे लगता है कि पार्टी में उसका प्रकोप दिखने लगा है। मैं तो भगवान से यही प्रार्थना करूंगा कि कुछ लोगों की गलतियों की सजा पूरी कांग्रेस पार्टी को नहीं मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि सच्चाई तो यह है कि पार्टी पर कुछ ऐसे लोगों का कब्जा हो गया है जो न तो सच सुनना चाहते हैं और न सनातन या भगवान राम का नाम सुनना चाहते हैं। जो भी भगवान राम का नाम लेगा या सच की बात करेगा, उसे कांग्रेस पार्टी छोड़नी पड़ रही है। आचार्य प्रमोद कृष्णम इससे पूर्व राम मंदिर का निमंत्रण ठुकराने पर नाराजगी और तीखी प्रतिक्रिया जता चुके हैं।

इस्तीफों पर विचार करने की जरूरत

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने भी लगातार पार्टी नेताओं के इस्तीफे पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यह अफसोस की बात है कि कांग्रेस से महत्वपूर्ण नेता लगातार इस्तीफा दे रहे हैं। इस पर विचार करना होगा कि कांग्रेस से लगातार युवा और महत्वपूर्ण नेता इस्तीफा क्यों दे रहे हैं। एक ही दिन के भीतर कोई अपने विचारधारा को कैसे बदल सकता है? अब ऐसा लगता है कि विचारों की अहमियत कम हो गई है और सत्ता की अहमियत काफी ज्यादा बढ़ गई है।

पीएम मोदी ने तय की इस्तीफे की टाइमिंग

इस बीच कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने आरोप लगाया कि देवड़ा के इस्तीफे की टाइमिंग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से तय की गई थी। उन्होंने दावा किया कि शुक्रवार को ही मिलिंद देवड़ा के साथ उनकी फोन पर बातचीत हुई थी और वे पार्टी नेता राहुल गांधी से मिलना चाहते थे, क्योंकि वे अपनी पूर्व की लोकसभा सीट (दक्षिण मुंबई) को लेकर चिंतित थे।

देवड़ा से बातचीत का पूरा वाकया बताया

रमेश ने कहा कि देवड़ा ने शुक्रवार सुबह 8:52 बजे मुझे मैसेज किया और फिर उसी दिन दोपहर 2:47 बजे मैंने जवाब दिया और पूछा कि क्या आप पार्टी छोड़ने की योजना बना रहे हैं? फिर 2:48 बजे उन्होंने एक संदेश भेजा कि क्या आपसे बात हो सकती है? मैंने उनसे कहा कि आपको कॉल करूंगा और फिर उसी दिन मैंने 3:40 बजे उनसे बात की।

देवड़ा ने मुझसे कहा कि उन्हें चिंता है कि दक्षिण मुंबई सीट शिवसेना (यूबीटी) की सीट है। वे राहुल गांधी से मिलना चाहते हैं और उन्हें सीट के बारे में बताना चाहते हैं। उनका यह भी कहना था कि मुझे इस संबंध में राहुल गांधी से बातचीत करनी चाहिए। अब उन्होंने राहुल गांधी की न्याय यात्रा शुरू होने से ठीक पहले कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने देवड़ा के इस्तीफे की टाइमिंग पर भी सवाल उठाए। 

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