Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता पर मोदी सरकार को मिल रही मजबूती, आप के बाद अब उद्धव ठाकरे गुट भी समर्थन में आया

Uniform Civil Code: आम आदमी पार्टी के बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना भी इसके पक्ष में खड़ी दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे गुट ने संसद में इस बाबत बिल जाने पर इसका समर्थन करने का फैसला किया है।

Update:2023-06-30 19:15 IST
(Pic: Newstrack)

Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (UCC) के मुद्दे पर मोदी सरकार को मजबूती मिलती दिख रही है। आम आदमी पार्टी के बाद उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना भी इसके पक्ष में खड़ी दिख रही है। जानकार सूत्रों के मुताबिक उद्धव ठाकरे गुट ने संसद में इस बाबत बिल जाने पर इसका समर्थन करने का फैसला किया है।

इससे पूर्व आम आदमी पार्टी ने भी समान नागरिक संहिता के प्रस्ताव का समर्थन किया था। हालांकि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से अभी तक इस बाबत आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है मगर पार्टी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक पार्टी इस संबंध में लाए जाने वाले विधेयक का समर्थन करेगी।

उद्धव ने क्यों किया समर्थन का फैसला

दरअसल समान नागरिक संहिता के मुद्दे पर भले ही कांग्रेस सहित कुछ दलों की ओर से विरोध जताया गया हो मगर अधिकांश दल इस मुद्दे पर काफी सोच समझकर अपना पक्ष रख रहे हैं। उद्धव ठाकरे गुच के लिए यह मुद्दा वैचारिक रहा है और पार्टी शुरुआत से ही समान नागरिक संहिता का समर्थन करती रही है। उद्धव ठाकरे गुट इन दिनों महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी के साथ महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल है मगर यूसीसी बिल का पार्टी ने समर्थन का फैसला किया है।

पार्टी को इस बात का भी डर सता रहा है कि इस मुद्दे पर विरोध करने की स्थिति में भाजपा की ओर से पूरी दमदारी के साथ पार्टी पर हिंदुत्व विरोधी होने का आरोप लगाया जा सकता है। उद्धव ठाकरे गुट अपने खिलाफ इस तरह की धारणा नहीं बनने देना चाहता। यही कारण है कि उसने यूसीसी संबंधी प्रस्ताव का समर्थन करने का फैसला किया है।

बाल ठाकरे ने किया हमेशा इसका समर्थन

शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे भी समान नागरिक संहिता को देश में लागू करने की वकालत करते थे। वे अपनी जनसभाओं के दौरान हमेशा तीन महत्वपूर्ण मुद्दों की चर्चा किया करते थे। ये तीन महत्वपूर्ण मुद्दे हैं अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण, कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाना और देश में समान नागरिक संहिता को लागू करना। ऐसे में उद्धव ठाकरे के लिए इस प्रस्ताव का विरोध करना मुमकिन नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी पिछले दिनों आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यूसीसी का समर्थन करने की बात कही थी। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही कई सवाल भी उठाए थे।

उद्धव ठाकरे के करीबी माने जाने वाले सांसद संजय राउत का भी कहना है कि अभी यूनिफॉर्म सिविल कोड के संबंध में कोई ड्राफ्ट सामने नहीं आया है और ऐसे में यह कहना गलत होगा कि हम इसका विरोध कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में ड्राफ्ट सामने आने के बाद हम अपनी भूमिका स्पष्ट करेंगे। एनसीपी के मुखिया शरद पवार का कहना है कि यूसीसी के मुद्दे पर सरकार की ओर से कुछ बातें स्पष्ट करने के बाद पार्टी अपना रुख तय करेगी। वैसे इस मुद्दे पर सरकार को एनसीपी का समर्थन भी मिल सकता है।

मानसून सत्र में लाया जा सकता है बिल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हाल में भोपाल में एक कार्यक्रम के दौरान समान नागरिक संहिता की जोरदार वकालत की गई थी। प्रधानमंत्री का कहना था कि जब दो कानून से घर नहीं चल सकता तो फिर देश कैसे चलाया जाएगा। अब इस मामले को लेकर 3 जुलाई को एक महत्वपूर्ण बैठक भी बुलाई गई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि समान नागरिक संहिता के संबंध में मानसून सत्र के दौरान ही संसद में बिल पेश किया जा सकता है। इस दिशा में तेजी से काम किया जा रहा है।

विपक्षी दलों के बीच पड़ी फूट

देश में अगले साल होने वाले लोकसभा और कुछ राज्यों में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा का यह बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। इस मुद्दे पर विपक्षी दलों के बीच फूट पड़ती भी दिख रही है। पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक के बाद यूसीसी के मुद्दे पर आप और शिवसेना का उद्धव ठाकरे गुट इस बिल के समर्थन में खड़ा दिखाई दे रहा है। सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर सरकार को कुछ अन्य दलों का समर्थन भी हासिल हो सकता है।

Tags:    

Similar News