भारत में कोरोना होगा और भयानक! AIIMS के डायरेक्टर ने दी ये चेतावनी

देश के इन शहरों  मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद में कोविड-19 का ग्राफ बढ़ रहा है और पिछले 24 घंटे में देशभर से कोरोना के रिकॉर्ड हजारों पॉजिटिव केस आ चुके हैं। लोगों की लापरवाही देश में कोरोना संक्रमण का विस्फोटक कारण बन सकती हैं

Update:2020-06-07 09:23 IST

नई दिल्ली : देश के इन शहरों मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद में कोविड-19 का ग्राफ बढ़ रहा है और पिछले 24 घंटे में देशभर से कोरोना के रिकॉर्ड हजारों पॉजिटिव केस आ चुके हैं। लोगों की लापरवाही देश में कोरोना संक्रमण का विस्फोटक कारण बन सकती हैं। एम्स के निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने लोकमत से बातचीत में यह बात कही।

 

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उन्होंने कहा कि लॉकडाउन 4 में सभी सरकारी, प्राइवेट कार्यालय और दुकानें खोल दी गई हैं। महानगरों में लोगों की आबादी बहुत ज्यादा है। जिससे रोज संक्रमितों के आंकड़े बढ़ रहे हैं। कई जगह सार्वजनिक शौचालय, सार्वजनिक किचन और घरों के बीच लोग फिजिकल डिस्टेंसिंग नहीं कर पा रहे हैं।

एम्स (AIIMS) के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना संक्रमण के फैलाने पर चिंता जताई है। डॉ. गुलेरिया का दावा है कि कोरोना वायरस का पीक पर आना अभी बाकी है। एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि दिल्ली-मुंबई हॉटस्पॉट हैं, वहां लोकल ट्रांसमिशन हो रहा है। पूरे देश में ऐसी स्थिति नजर नहीं आ रही है। 10 से 12 ऐसे शहर हैं, जहां पर कम्युनिटी ट्रांसफर के चांसेज हैं।70 से 80 केस एम्स में ऐसे ही आ रहे हैं।

 

गरीबों के लिए खुला लॉकडाउन

देशव्यापी लॉकडाउन अब धीरे-धीरे अनलॉक की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन से कहीं न कहीं फायदा हुआ है। केस एकदम से कम होने लगे। गरीबों की मदद के लिए लॉकडाउन खोलना अनिवार्य हो गया था।डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि लॉकडाउन खुल रहा है तो हर व्यक्ति की जिम्मेदारी बढ़ जाती है। ऐसे में लोगों के लिए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना जरूरी होगा।

हर किसी से कम से कम दो गज की दूरी बनाकर रखनी है। साबुन से या सैनिटाइजर से हाथ साफ करते रहना है। अगर आपको लगता है कि कोरोना के लक्षण हैं, बुखार और जुकाम है तो तुरंत टेस्ट कराएं। अगर किसी कर्मचारी का घर हॉटस्पॉट क्षेत्र में है और वह वहां से आ रहा है तो ज्यादा सतर्कता बरतने की जरूरत है।

 

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अब प्लानिंग चेंज की जरूरत

कोरोना मरीजों के लिए बेड और वेंटिलेटर्स की कमी पर उन्होंने कहा कि बेड और वेंटिलेटर्स का ख्याल रखते हुए हमें प्लानिंग चेंज करनी होगी। जिन लोगों में संक्रमण के लक्षण हैं, उन्हें घर पर रहना चाहिए, उन्हें एडमिट नहीं करना चाहिए। दिल्ली में केवल दिल्ली के मरीजों के इलाज पर डॉ. गुलेरिया ने कहा कि जो लोग बीमार हैं, वे सब लोग भारत के ही नागरिक हैं। जो एनसीआर में लोग हैं, अगर उन्हें बाहर के राज्यों में सुविधा नहीं मिल पा रही है, दिल्ली में मिल रही है तो हमें उनकी देखभाल करनी चाहिए।

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि हम दूसरे देशों से मुकाबला नहीं कर सकते हैं क्योंकि यूरोप के कई देशों को मिलाकर हमारी संख्या है। केस बढ़ेंगे तो लोगों की जान बचाना हमारे लिए ज्यादा जरूरी है।

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