अब सुधरेगी शहरों की हवा: साफ हवा के लिए बजट-2020 में 4400 करोड़ का ऐलान
पिछले साल सरकार ने 10 जनवरी को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम लांच किया था, जिसके तहत 102 शहरों को लाया गया था। अब इस प्रोग्राम को बड़े स्तर तक बढ़ाकर दूसरे बड़े शहरों तक ले जाने का भी प्रावधान है। दूसरे ये लगातार देखने में आ रहा है कि वायु प्रदूषण अब भारत की बड़ी समस्या बन चुका है। जिससे बड़े स्तर पर निपटने की जरूरत है।
नई दिल्ली: इस बार जिस प्रकार दिल्ली की हवा ने शहरवासियों के दिल में दर्द दिया था, इस समस्या को वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने अपने बजट में स्थान दिया है। उन्होंने बड़े शहरों में साफ हवा के लिए 4400 करोड़ का ऐलान किया है। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है। बल्कि 2019-20 के बजट में भी सरकार ऐसा ऐलान कर चुकी है लेकिन पिछले बजट में इसके लिए 406 करोड़ की घोषणा की गई थी, जिसे इस बजट में दस गुना बढ़ा दिया गया है।
नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम
पिछले साल सरकार ने 10 जनवरी को नेशनल क्लीन एयर प्रोग्राम लांच किया था, जिसके तहत 102 शहरों को लाया गया था। अब इस प्रोग्राम को बड़े स्तर तक बढ़ाकर दूसरे बड़े शहरों तक ले जाने का भी प्रावधान है। दूसरे ये लगातार देखने में आ रहा है कि वायु प्रदूषण अब भारत की बड़ी समस्या बन चुका है। जिससे बड़े स्तर पर निपटने की जरूरत है।
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वायु प्रदूषण हृदय से जुड़ी कई बीमारियों का कारण
पिछले दिनों कई रिपोर्ट्स आईं थीं, जिसमें बताया गया था कि वायु प्रदूषण हृदय से जुड़ी कई बीमारियों, स्ट्रोक, इंफेक्शन, लंग कैंसर, डाइबिटीज और क्रोनिक बीमारियों की वजह बन रहा है। लिहाजा शहरों की हवा पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।
वायु प्रदूषण से अकेले भारत में वर्ष 2017 में हुई 12 लाख मौत
वर्ष 2019 में जारी हुई स्टेट ऑफ ग्लोब एयर रिपोर्ट 2019 में कहा भी गया था कि वायु प्रदूषण दुनिया के आगे तीसरे बड़े खतरे के रूप उभरा है। इससे अकेले भारत में वर्ष 2017 में 12 लाख मौत हुई हैं।
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लगातार खराब हो रही है हवा की क्वालिटी पिछले कुछ सालों से देश में हवा की क्वलिटी बहुत खराब हुई है। विशेषज्ञों ने लगातार इसके रोकथाम और लगातार निगरानी की बात की है। हर साल जाड़ों में देश के तमाम शहरों में लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है।
लिहाजा जब सरकार इस बार 2020-21 के लिए बजट की तैयारी कर रही थी, तभी ये माना जा रहा था कि सरकार इस बार वायु प्रदूषण को अपनी प्राथमिकता में रखेगी और बजट में उसे ज्यादा धन आवंटित होगा।