Ajab Gajab: नवाब साहब की अजब-गजब कहानी, कुत्ते की शादी में खर्च कर दिए लाखों रुपये

Dogs Marriage History: जूनागढ़ के नवाब कुत्तों के प्रति ऐसा प्यार रखते थे कि अपनी डॉगी की रॉयल वेडिंग करवाई और इस शादी में उन्होंने लाखों रुपये खर्च किए थे।

Update:2023-08-01 18:02 IST
Junagadh Nawab Mahabat Khan Dogs Marriage History (Photo - Social Media)

Dog Royal Wedding: भारत में राजा महाराजा के क़िस्से बड़े अनोखे रहे हैं। जिनकी वजह से भी उन्हें आज तक हम याद रखते हैं। कोई राजा अजीब शौक़ के लिए जाने गए तो कुछ राजा अपने आलीशान हवेलियों व अकूत पैसों के लिए जाने गए। ब्रिटिश काल के दौरान तो इतना पैसा था कि राजा पेपर वेट के लिए डायमंड का इस्तेमाल करते थे। वहीं आज के दौर सबसे महंगी कारों में शुमार रोल्ज़ रोयस का उपयोग कूड़ा फेंकने के लिए किया जाता था।

आज हम ऐसे ही एक राजा की बात कर रहे हैं जो जूनागढ़ (Junagadh) के थे, जिनका नाम महाबत खान (Mahabat Khan) था। महाबत को अपने कुत्तों से मोहब्बत थी। मोहब्बत भी ऐसी थी कि अपने कुत्तों के लिए बीवी और बच्चों को भी छोड़ दिया था। इसी वजह से अपने कुत्ते की शादी में करोड़ों रुपये बहा दिए थे।

राजा के पास थे 800 पालतू कुत्ते

कहा जाता है इस राजा के पास क़रीब 800 पालतू कुत्ते थे। जिनके लिए हर महीने 800 से लेकर 1000 रुपये का खर्च वह करते थे। इनकी देखभाल करने के लिए नौकर थे। इनका अलग कमरा था। यदि किसी कुत्ते की मौत होती थी तो उसके शव यात्रा में शोक संगीत बजाया जाता था। साथ ही साथ पूरी रस्म रिवाज के साथ उसे अंतिम विदाई दी जाती थी।

बेटी जैसी डॉगी की शादी में खर्च किए थे लाखों

इन्हीं कुत्तों में से एक रोशना थी, जिसे नवाब साहब अपनी बेटी से भी बढ़कर मानते थे, जिसकी शादी उन्होंने अपने ही दूसरे डॉगी जिसका नाम बॉबी था, से करायी थी।

भले ही यह शादी कुत्ते की थी पर यह शादी देखने लायक़ थी। इसमें राजा ने सभी राजा-महाराजा और अंग्रेजों को भी बुलाया था। इस शादी में 1.5 लाख से अधिक मेहमान शामिल हुए थे। इन मेहमानों का स्वागत 250 कुत्तों ने रेलवे स्टेशन पर ‘मिलिट्री बैंड’ के साथ ‘गार्ड ऑफ़ ऑनर’ से किया था। इस शादी में राजा ने 09 लाख रुपय खर्च किए थे, जो आज के समय में करोड़ों में गिने जा सकते हैं।

और रोशना को सोने के हार, ब्रेसलेट और महंगे कपड़े पहनाए गए थे। कहा जाता है महबात खान ने कुछ समय बाद अपने कुत्तों के साथ कराची (आज के पाकिस्तान) चले गए थे। उनकी चार बीवियाँ भारत में ही थी। उनका आख़िरी समय कराची में ही बीता था। उन्हें इमारतें बनवाने का भी बहुत शौक़ था। आज भी कराची में उनके द्वारा बनवाई गयी कई इमारतें हैं।

Tags:    

Similar News