कमांडो के हेलमेट में लगे थे कैमरे, डोभाल ने ऐसे देखा LIVE सर्जिकल स्ट्राइक
नई दिल्लीः पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) में बुधवार की रात की गई सर्जिकल स्ट्राइक काफी कुछ अमेरिका के उस अभियान से मिलती-जुलती थी, जिसमें उसने आतंक के आका ओसामा बिन लादेन को एबटाबाद में मार गिराया था। उस वक्त भी अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा उस ऑपरेशन का लाइव वीडियो देख रहे थे। उसी तरह इस बार सेना के वॉर रूम में एनएसए अजीत डोभाल, सेना प्रमुख दलबीर सिंह और डीजीएमओ लेफ्टि. जनरल रणबीर सिंह तक भी ऑपरेशन के एक-एक पल का वीडियो पहुंच रहा था।
इस तरह लाइव हुआ ऑपरेशन
इस सर्जिकल स्ट्राइक का संचालन उधमपुर में उत्तरी कमान के मुखिया लेफ्टि. जनरल डीएस हुड्डा कर रहे थे। पीओके में दाखिल हुए कमांडो के हेलमेटों में कैमरे लगे थे। इन कैमरों से वीडियो सीधे सैटेलाइट तक पहुंच रहा था और वहां से रक्षा मंत्रालय के वॉर रूम में वीडियो आ रहा था। अजीत डोभाल पल-पल की रिपोर्ट पीएम मोदी को दे रहे थे।
सुबह करीब पांच बजे अजीत डोभाल ने उनके आवास पर जाकर बताया कि मिशन पूरा हो गया है। इसके बाद ही मोदी ने सीसीएस की बैठक और सर्वदलीय बैठक का फैसला लिया। विदेश मंत्रालय को तुरंत कहा गया कि वह प्रमुख मित्र देशों को पूरी घटना बताएं।
सर्जिकल ऑपरेशन के समय पूरी रात नहीं सोए मोदी, पल-पल की ली जानकारी...
मोदी ने की रात भर मॉनीटरिंग
-उरी हमले के बाद से पीएम मोदी ने बदला लेने के संकेत दे दिए थे।
-उन्होंने कहा था 'जवानों की शहादत व्यर्थ नही जाएगी, सेना कहती नहीं पराक्रम करती है।'
-सर्जिकल आॅपरेशन के समय पीएम मोदी बहुत बेचैन थे।
-वह इस घटना वाली रात जगते रहे, उन्होंने पल-पल कि खबर ली।
-28-29 सितंबर की पूरा रात पीएम अपनी कोर टीम के साथ सात लोक कल्याण मार्ग से पूरे आॅपरेशन की माॅनीटरिंग करते रहे।
-सूत्रों के मुताबिक़ आपरेशन सफल होने की जानकारी न आने तक उन्होंने पानी की एक घूंट भी गले से नीचे नहीं उतारी।
-राजनाथ, पर्रिकर, सुषमा और जेटली के अलावा एनएसए अजीत डोभाल और सेनाओं के उच्चाधिकारियों से उनके संपर्क में थे।
-जब सफल आॅपरेशन की तस्दीक हो गई तो ही पीएम 29 सितंबर की सुबह को अपनी कुर्सी से उठे और आराम करने के बजाय आगे की तैयारियों में लग गए।
मोदी ने सफल ऑपरेशन के लिए जवानों को दी बधाई
-पीएम ने ऑपरेशन में शामिल अफसरों और जवानों को बधाई दी।
-पीएम अगले दिन सुबह समय पर आॅफिस पहुंचे।
-मोदी के सर्जिकल ऑपरेशन की रणनीति उरी हमले के तुरंत बाद ही बना ली थी।
-सिर्फ टाइमिंग और प्लान को अंजाम देने का जिम्मा सेना को सौंप दिया था।
-मोदी इस ऑपरेशन में कोई जल्दबाजी नहीं दिखाना चाहते थे ताकि कोई चूक न हो।
-फुल प्रूफ योजना के बाद ही आॅपरेशन को अंजाम दिया गया।
आगे की स्लाइड में पढ़ें कौन हैंं अजीत डोभाल और उनके हैरतअंगेज कारनामें...
भारत के जेम्स बांड हैंं अजीत डोभाल
-अजीत डोभाल को भारत के जेम्स बांड के रूप में जाना जाता है।
-वह भारत के ऐसे एकमात्र नागरिक हैं जिन्हें शांतिकाल में दिया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा पुरस्कार 'कीर्ति चक्र' से सम्मानित किया गया है।
-केरल कैडर के 1968 बैच के आईपीएस अजीत डाभोल 1972 में भारतीय खुफिया एजेंसी आईबी से जुड़े।
-मूलत: उत्तराखंड के पौडी गढ़वाल से आने वाले अजीत डोभाल ने अजमेर मिलिट्री स्कूल से पढ़ाई की है।
-उन्होंने आगरा विवि से अर्थशास्त्र में एमए किया है।
डोभाल से क्यों डरता है पाकिस्तान?
-डोभाल कई ऐसे खतरनाक कारनामों को अंजाम दे चुके हैं जिन्हें सुनकर जेम्स बांड के किस्से भी फीके लगते हैं।
-राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के पद पर आसीन अजीत कुमार डाभोल से बड़े-बड़े मंत्री भी सहमे रहते हैं।
-भारतीय सेना द्वारा म्यांमार में सीमापार सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए डाभोल ने भारत के शत्रुओं को सीधा और साफ -संदेश दे दिया था कि अब भारत आक्रामक रवैया अख्तियार कर चुका है।
अजीत डोभाल के कुछ रोमांचक किस्से
-भारतीय सेना के एक महत्वपूर्ण ऑपरेशन ब्ल्यू स्टार के दौरान उन्होंने एक गुप्तचर की भूमिका निभाई।
-भारतीय सुरक्षाबलों के लिए महत्वपूर्ण खुफिया जानकारी उपलब्ध कराई।
-इसकी मदद से सैन्य ऑपरेशन सफल हो सका।
-इस दौरान उनकी भूमिका एक ऐसे पाकिस्तानी जासूस की थी, जिसने खालिस्तानियों का विश्वास जीत लिया था और --उनकी तैयारियों की जानकारी मुहैया करवाई थी।
-कंधार विमान हाईजैक मामले में भी उनकी भूमिका अहम थी।
-वो सात साल तक मुसलमान बन पाकिस्तान में भी रह चुके हैं।
आगे की स्लाइड में पढ़ें उरी अटैक के बाद ही बन गई थी पूरी रणनीति...
मुगालते में था पाक
-सूत्रों के मुताबिक उड़ी में 18 सितंबर को हुए आतंकी हमले के बाद ही बदला लेने की तैयारी होने लगी थी। उ
-सी दिन से पाक को माकूल जवाब देने के लिए ऑपरेशन का खाका खींचा जाने लगा था।
-भारत ने साफ तौर पर पाकिस्तान और बाकी दुनिया को बता दिया था कि सही वक्त और जगह पर सेना जवाब देगी।
-पाकिस्तान इस खुशफहमी में था कि भारतीय सेना इस तरह का कोई ऑपरेशन नहीं कर सकती। उसकी ये धारणा गलत साबित हो गई।
सिर्फ डीजीएमओ देंगे जानकारी
-इस बीच, पीएम मोदी ने सभी मंत्रियों और बीजेपी नेताओं को हिदायत दी है कि वे सर्जिकल स्ट्राइक पर बयान नहीं देंगे।
-इसके लिए सिर्फ डीजीएमओ रणबीर सिंह को अधिकृत किया गया है।
-एक अफसर ने बताया कि ऑपरेशन के बाद कुछ मंत्रियों ने मीडिया को अपने-अपने तरीके से ब्रीफ किया।
-इससे कई तरह की गलतफहमी पैदा हुई। इसे देखते हुए ही पीएम ने बयानबाजी पर रोक लगाने का फैसला किया।