Maharashtra Politics: अजित पवार ने किया बड़ा दावा, खुद को बताया NCP का राष्ट्रीय अध्यक्ष, बयान में शरद पवार का नहीं किया जिक्र

Maharashtra Politics: अजित पवार ने यह भी कहा कि शिंदे सरकार में शामिल होकर मैंने कोई गलत कदम नहीं उठाया है। उन्होंने अपने बयान में महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंत राय चव्हाण को अपना प्रेरणास्रोत बताया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-10-11 10:04 IST

Ajit Pawar  (photo: social media )

Maharashtra Politics: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पर कब्जे की जंग लगातार तीखी होती जा रही है। शरद पवार गुट और अजित पवार गुट ने पार्टी और सिंबल पर कब्जा पाने के लिए चुनाव आयोग में अपने-अपने तर्क पेश किए हैं। इस बीच महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बगावत करने वाले गुट के नेता अजित पवार ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया है।

इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि शिंदे सरकार में शामिल होकर मैंने कोई गलत कदम नहीं उठाया है। उन्होंने अपने बयान में महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री यशवंत राय चव्हाण को अपना प्रेरणास्रोत बताया है जबकि शरद पवार का कोई जिक्र नहीं किया है।

यशवंत राव चव्हाण को बताया प्रेरणास्रोत

महाराष्ट्र की सियासत में अजित पवार ने गत 2 जुलाई को भूचाल पैदा कर दिया था। उन्होंने एनसीपी के आठ अन्य विधायकों के साथ बगावत कर दी थी। बाद में उन्होंने महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम पद की शपथ ली थी जबकि एनसीपी के अन्य विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। इसके बाद दोनों गुटों की ओर से किए गए शक्ति प्रदर्शन में भी अजित पवार भारी पड़े थे।

अजित पवार ने मंगलवार को डिप्टी सीएम के रूप में 100 दिन पूरे कर लिए। इस मौके पर जारी बयान में अजित पवार कहा कि उन्हें महाराष्ट्र के पहले मुख्यमंत्री दिवंगत यशवंत राव चव्हाण से लोगों के कल्याण के लिए पूरी मजबूती से काम करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने चव्हाण की विरासत पर भी दावा किया।

मजे की बात यह है कि उन्होंने चव्हाण को अपना प्रेरणास्रोत बताया मगर बयान में अपने चाचा शरद पवार का कोई जिक्र तक नहीं किया। शरद पवार भी यशवंत राव चव्हाण को अपना राजनीतिक गुरु बताते रहे हैं।

समाज के सभी वर्गों के कल्याण के लिए काम

अजित पवार के बयान की सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि उन्होंने खुद को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताया है जबकि शरद पवार का गुट अपनी एनसीपी को असली पार्टी बताता रहा है। अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार समाज के सभी वर्गों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की कोशिश में जुटी हुई है और एनसीपी इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरी लगन के साथ प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि एनसीपी सत्ता के जरिए आर्थिक सशक्तिकरण, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य कल्याणकारी योजनाओं का लक्ष्य हासिल करके समाज के सभी वर्गों को लाभ पहुंचाना चाहती है। हमने इन्हीं लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सरकार में शामिल होने का फैसला किया था।

अजित पवार ने किया अपने फैसले का बचाव

महाराज के डिप्टी सीएम ने कहा कि राज्य में समय-समय पर कई शीर्ष नेताओं ने अलग-अलग राजनीतिक रुख अपनाया है। हर नेता मौजूदा राजनीतिक और सामाजिक हालात के आधार पर ही अपना आगे का रुख तय करता है। मेरी अगुवाई में एनसीपी ने गत दो जुलाई को यही रुख अपनाया था और शिंदे सरकार में शामिल होने का फैसला किया था। इस बयान के जरिए उन्होंने बगावत के अपने फैसले का बचाव किया है।

उल्लेखनीय है कि एनसीपी पर कब्जे की जंग अब चुनाव आयोग के पास पहुंच चुकी है। चुनाव आयोग ने सोमवार को दोनों गुटों की ओर से किया जा रहे दावे पर सुनवाई की थी। हालांकि शरद पवार गुट ने अजित पवार खेमे की ओर से दिए गए तर्कों में विसंगतियों की बात कही थी।

अजीत पवार गुट की ओर से एनसीपी के 53 में से 42 विधायकों और 6 में से 3 एमएलसी का समर्थन हासिल होने का दावा किया गया है। चुनाव आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अगली सुनवाई के लिए 9 नवंबर की तारीख तय की है।

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