Assembly Elections: कांग्रेस के चुनाव रणनीतिकार पर अजित पवार को भरोसा, विधानसभा चुनाव के लिए सौंपी बड़ी जिम्मेदारी

Maharashtra Assembly Elections: सियासी जानकारों के मुताबिक नरेश अरोड़ा पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट कंपनी चलाते हैं। वे पूर्व समय में कांग्रेस के चुनाव अभियान में बड़ी भूमिका निभा चुके हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-07-09 05:16 GMT

Ajit Pawar (photo: social media )

Maharashtra Assembly Elections: महाराष्ट्र में जल्द होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। डिप्टी सीएम अजित पवार की अगुवाई वाला एनसीपी गुट भी चुनावी तैयारी में जुटा हुआ है। अजित पवार गुट ने अगले विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव रणनीतिकार का भी फैसला कर लिया है। राजस्थान और कर्नाटक समेत कई राज्यों में कांग्रेस के चुनाव अभियान की रणनीति बनाने वाले नरेश अरोड़ा को एनसीपी की चुनावी रणनीति बनाने की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी गई है। अरोड़ा ने एक बैठक के दौरान विधानसभा के चुनाव अभियान के संबंध में पार्टी नेताओं को दिशा निर्देश भी दिया है।

कांग्रेस की चुनाव रणनीति बना चुके हैं अरोड़ा

सियासी जानकारों के मुताबिक नरेश अरोड़ा पॉलिटिकल कैंपेन मैनेजमेंट कंपनी चलाते हैं। वे पूर्व समय में कांग्रेस के चुनाव अभियान में बड़ी भूमिका निभा चुके हैं। कर्नाटक और राजस्थान में उनकी देखरेख में ही कांग्रेस ने अपना चुनाव अभियान चलाया था। उन्हें चुनाव अभियान का माहिर खिलाड़ी माना जाता है और इसी कारण अजित पवार ने उन्हें महाराष्ट्र में बड़ी जिम्मेदारी सौंपने का फैसला किया है।

अजित पवार खेमे की सोमवार को हुई एक बैठक के दौरान अरोड़ा ने पार्टी की ब्रांडिंग और रणनीति के बारे में एक प्रेजेंटेशन भी दिया। उन्होंने अजित खेमे के वरिष्ठ नेताओं और विधायकों की बैठक को संबोधित करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान अपनाई जाने वाली रणनीति की बारीकियां भी बताईं।


विधायकों की बैठक में बनी चुनाव रणनीति

विधायकों की बैठक के दौरान इस बात का फैसला किया गया कि वित्त मंत्री अजित पवार की ओर से पेश किए गए बजट की लोकप्रिय योजनाओं की जानकारी आम लोगों तक पहुंचाई जाएगी। इसके लिए तीन महीने की अवधि तय की गई है। पार्टी के नेता के रूप में अजित पवार की ब्रांडिंग का भी फैसला किया गया है।

इसके तहत प्रशासन पर उनकी पकड़,अपने वादों पर कायम रहना, जन समस्याओं को सुलझाना और पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए हमेशा उपलब्ध रहने की खूबियों के संबंध में जनता को जानकारी दी जाएगी।

विधायकों को भी सचेत किया गया कि वे विपक्ष के नेताओं की ओर से दिए जा रहे उल्टे-सीधे बयानों के जाल में न फंसें। उन्हें विकास के एजेंडे पर डटे रहने और योजनाओं को जमीन पर उतारने का निर्देश दिया गया।

इस बैठक में अजित पवार के अलावा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल, प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे, वरिष्ठ मंत्री छगन भुजबल और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता व विधायक मौजूद थे।


अजित पवार गुट के पास ज्यादा विधायक

अजित पवार की बगावत के बाद एनसीपी पिछले साल दो गुटों में बंट गई थी। पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान एनसीपी के 53 विधायकों को जीत हासिल हुई थी और अजित पवार गुट का दावा है कि अजित पवार के पास 41 विधायकों का समर्थन है। दूसरी ओर शरद पवार गुट के पास सिर्फ 12 विधायक हैं।

अजित पवार के डिप्टी सीएम बनने के साथ ही उनके गुट के आठ विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली थी। एनसीपी में बगावत का मामला चुनाव आयोग तक भी पहुंचा था और आयोग ने अजित पवार गुट के दावे को सही ठहराते हुए पार्टी का चुनाव निशान भी इसी गुट को सौंप दिया था। हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान शरद पवार गुट ने अजित पवार गुट की अपेक्षा ज्यादा अच्छा प्रदर्शन किया था।



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