कांग्रेस नाराज है! ठाकोर और माणेक की विस अध्यक्ष से शिकायत
गुजरात में कांग्रेस विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गांधीनगर में विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी से मुलाकात की और उनसे भाजपा विधायक पबुभा माणेक को अयोग्य ठहराने की अपील की। दरअसल, त्रुटिपूर्ण नामांकन पत्र दाखिल करने को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय ने माणेक का निर्वाचन अमान्य कर दिया है।
अहमदाबाद : गुजरात में कांग्रेस विधायकों के एक प्रतिनिधिमंडल ने गांधीनगर में विधानसभा अध्यक्ष राजेंद्र त्रिवेदी से मुलाकात की और उनसे भाजपा विधायक पबुभा माणेक को अयोग्य ठहराने की अपील की। दरअसल, त्रुटिपूर्ण नामांकन पत्र दाखिल करने को लेकर गुजरात उच्च न्यायालय ने माणेक का निर्वाचन अमान्य कर दिया है।
कांग्रेस नेताओं ने मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि द्वारका विधानसभा क्षेत्र से 2017 में माणेक के निर्वाचन को अमान्य करार देने के उच्च न्ययालय के 12 अप्रैल के आदेश के बावजूद उन्हें अब तक अयोग्य नहीं ठहराया गया है।
उन्होंने त्रिवेदी पर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम करने का आरोप लगाया।
प्रतिनिधिमंडल ने अध्यक्ष से ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर के खिलाफ कार्रवाई करने की भी मांग की, जिन्होंने 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था और पिछले महीने विपक्षी दल छोड़ने की घोषणा की थी।
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उल्लेखनीय है कि पाटन जिले के राधनपुर से विधायक (ठाकोर) ने कांग्रेस छोड़ने के दौरान विधानसभा से इस्तीफा नहीं दिया।
प्रतिनिधिमंडल में शामिल मुख्य नेताओं में गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष अमित चावडा, विपक्ष के नेता परेश धनानी और मुख्य सचेतक अश्विन कोटवाल शामिल हैं। प्रतिनधिमंडल में करीब 15 विधायक थे।
पार्टी ने 25 अप्रैल को अध्यक्ष से अनुरोध किया था पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने के बाद अब उन्हें (ठाकोर को) विधानसभा से अयोग्य ठहरा दिया जाए।
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि स्पीकर पक्षपातपूर्ण तरीके से काम कर रहे हैं क्योंकि वह कांग्रेस विधायक भगवान बारड और निर्दलीय विधायक भूपेंद्रसिंह खांट को अयोग्य करार देने में जल्दबाजी में थे, लेकिन जब भाजपा के एक विधायक के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की बारी आई तो वह पीछे हट रहे हैं।
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एक अवैध खनन मामले में फरवरी में दोषी ठहराए गए तलाला से विधायक बारड को अयोग्य करार दिया गया था।
साथ ही, पंचमहल जिले के मोरवा हादफ से निर्दलीय विधायक खांट का जाति प्रमाणपत्र उच्च न्यायालय द्वारा अमान्य ठहराए जाने के कुछ ही हफ्तों बाद तीन मई को उन्हें अयोग्य करार दिया गया था।
चावडा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष (स्पीकर) का पद दलगत राजनीति से ऊपर का होता है। उनसे बगैर पक्षपात के काम करने की उम्मीद होती है। उन्होंने कहा, ‘‘हमने मुलाकात की और स्पीकर से माणेक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की क्योंकि उच्च न्यायालय ने त्रुटिपूर्ण नामांकन पत्र दाखिल करने को लेकर द्वारका से उनका निर्वाचन रद्द कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यहां तक कि उच्चतम न्यायालय ने भी उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन नहीं दिया है। इस तरह की परिस्थिति में उन्हें विधायक के तौर पर अयोग्य करार दिया जाए...हम यह स्पीकर से अपील करते हैं।’’
चावडा ने कहा, ‘‘स्पीकर ने हमसे मौखिक रूप से कहा है कि माणेक का वेतन विधायक के तौर पर रोक दिया गया है और वह बतौर विधायक किसी बैठक में हिस्सा नहीं ले सकते। लेकिन जब हमने आदेश की प्रति मांगी तब उन्होंने इसे देने से इनकार कर दिया। वह दोहरा मानदंड अपना रहे हैं।’’
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उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा बारड की दोषसिद्धि पर स्थगन जारी किए जाने के बावजूद उन्हें अयोग्य करार दे दिया गया। वहीं, खांट के मामले में उच्च न्यायालय के आदेश पर स्थगन की अपील उच्चतम न्यायालय में लंबित है।
प्रदेश कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि ठाकोर ने लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ प्रचार किया। लेकिन आज तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई।
उन्होंने कहा, ‘‘हम स्पीकर से उनके खिलाफ कानून के मुताबिक कार्रवाई करने की मांग करते हैं।’’