Baba Balak Nath: अलवर सांसद बालकनाथ ने दिया इस्तीफा, राजस्थान सीएम के हैं प्रबल दावेदार

Baba Balak Nath: भारतीय जनता पार्टी ने चार साल बाद उन्हें विधानसभा चुनाव के रण में उतार दिया। राजस्थान के योगी आदित्यनाथ कहे जाने वाले बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में गिना जाता है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2023-12-07 14:12 IST

Baba Balak Nath  (photo: social media )

Baba Balak Nath: राजस्थान विधानसभा चुनाव में तिजारा सीट से चुनाव जीतने वाले सांसद बालकनाथ ने संसद की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में वे बीजेपी के टिकट पर अलवर सीट से सांसद चुने गए थे। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने चार साल बाद उन्हें विधानसभा चुनाव के रण में उतार दिया। राजस्थान के योगी आदित्यनाथ कहे जाने वाले बाबा बालकनाथ को मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदारों में गिना जाता है।

इससे पहले बुधवार को बीजेपी के उन 11 सांसदों ने अपनी संसद सदस्यता से इस्तीफा दिया था, जो एमपी,राजस्थान और छत्तीसगढ़ से चुने गए हैं। इनमें तीन केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। बाबा बालकनाथ विधानसभा चुनाव जीतने वाले इकलौते ऐसे सांसद थे, जिन्होंने कल अपना त्यागपत्र नहीं सौंपा था। जबकि चुनाव जीतने के बाद से ही सीएम पद के दावेदारों में उनका नाम प्रमुखता से गिना जाता है।

कौन हैं बाबा बालकनाथ ?

बाबा बालकनाथ योगी का जन्म 16 अप्रैल 1984 को राजस्थान के अलवर जिले के कोहराना गांव के एक किसान परिवार में हुआ था। वे अपने माता-पिता की इकलौती संतान हैं। उनके पिता का नाम सुभाष यादव और माता का नाम उर्मिला देवी है। उनका परिवार शुरू से ही अध्यात्म से जुड़ा हुआ बताया जाता है। मात्र छह साल के उम्र में बाबा बालकनाथ ने अध्यात्म की पढ़ाई के लिए घर त्याग दिया था।

माने जाते हैं सीएम योगी के करीबी

बाबा बालकनाथ योगी को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का करीबी माना जाता है। उनकी वेशभूषा और हावभाव सभी सीएम योगी से मिलते-जुलते हैं। इसलिए राजस्थान में उनके समर्थक और बीजेपी कार्यकर्ता उन्हें यहां का योगी आदित्यनाथ कहते हैं। यूपी सीएम से उनकी करीबी की एक और वजह है ये कि बाबा बालकनाथ भी उसी नाथ संप्रदाय के महंत हैं, जिससे योगी आदित्यनाथ जुड़े हुए हैं।

बालकनाथ का सियासी सफर

बाबा बालकनाथ योगी अध्यात्म के साथ-साथ सियासत में भी खूब एक्टिव हैं। अलवर और आसपास के इलाकों में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। यही वजह है कि विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी ने जब राजस्थान ईकाई का ऐलान किया था, तो उन्हें उपाध्यक्ष बनाया गया था। बाबा बालकनाथ ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में कद्दावर कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह को 3 लाख से अधिक मतों के भारी अंतर से चुनाव हराया था। हालिया विधानसभा चुनाव में उन्होंने तिजारा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी इमरान खान को 6 हजार से अधिक मतों से हराया।

दरअसल, बालकनाथ उस यादव जाति से आते हैं, जिसकी हिंदी पट्टी के राज्यों में अच्छी – खासी आबादी है। यूपी-बिहार से लेकर एमपी, हरियाणा,राजस्थान तक की राजनीति में यादवों की प्रभावशाली भूमिका है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव से पहले बालकनाथ पर दांव खेलकर इन राज्यों में इस ताकतवर जाति को साधने की कोशिश कर सकती है।

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