Amit Shah: यूपीए सरकार के दौरान मुझ पर नरेंद्र मोदी को फंसाने का दबाव था, CBI पर अमित शाह का बड़ा खुलासा
Amit Shah: केंद्रीय एजेंसियों के लगातार दुरूपयोग के लग रहे आरोपों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को लेकर बड़ा खुलासा किया है।
Amit Shah: केंद्रीय एजेंसियों के दुरूपयोग और राहुल गांधी की मानहानि मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद संसद सदस्यता खत्म करने को लेकर देश की राजनीति में उबाल आया हुआ है। मुख्य विपक्षी कांग्रेस संसद से लेकर सड़क तक इस मुद्दे को लेकर मोदी सरकार और बीजेपी पर हमलावर है। पार्टी को गैर यूपीए विपक्षी दलों का भी पूरा समर्थन मिल रहा है। कांग्रेस के इस व्यापर विरोध-प्रदर्शन पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने निशाना साधा है।
शाह ने कहा कि 2014 और 2019 के आम चुनाव में हमने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने का वादा किया था। कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दल इस लड़ाई को कमजोर करना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि भ्रष्टाचारियों पर मुकदमा दर्ज न हो। केंद्रीय गृह मंत्री ने ये बातें एक निजी न्यूज टेलीविजन चैनल के एक प्रोग्राम में कहीं।
सीबीआई पर अमित शाह का बड़ा खुलासा
केंद्रीय एजेंसियों के लगातार दुरूपयोग के लग रहे आरोपों के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को लेकर बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि यूपीए सरकार के दौरान सीबीआई ने उन पर गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को फंसाने के लिए दवाब बनाया था। उन्होंने कहा, जब मैं गुजरात में मंत्री था तो सीबीआई ने एनकाउंटर के एक मामले में मुझ पर फर्जी केस दर्ज किया था। मुझसे तब सीबीआई वाले कहते थे क्यों परेशान हो रहे हो नरेंद्र मोदी का नाम ले लो, बच जाओगे।
उन्होंने कहा कि मुझे गिरफ्तार करने के लिए केंद्रीय एजेंसी के पास पर्याप्त सबूत नहीं थे। मुझे 90 दिनों के अंदर ही हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। मामले को तब गुजरात के बाहर बॉम्बे हाईकोर्ट ले जाया गया, वहां भी उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ। अदालत ने कहा कि सीबीआई ने राजनीतिक प्रतिशोध के तहत राजनीतिक इशारों पर ये केस दर्ज किया है। इसलिए सारे आरोप खारिज कर दिए गए। तब यही लोग सत्ता में बैठे थे, गृह मंत्री चिदंबरम थे, सोनिया गांधी यूपीए का नेतृत्व करती थीं, तब हमने संसद में इतना हायतौबा नहीं मचाया था।
अमित शाह ने कहा कि राहुल गांधी का मामला बदजुबानी से जुड़ा हुआ है। उन पर कोई फेक केस या मुकदमा कायम नहीं हुआ है। उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि राहुल गांधी देश के अकेले राजनेता नहीं हैं, जिनकी सजा के कारण सदस्यता गई है। इससे पहले लालू यादव और जयललिता जैसे नेताओं के साथ भी यही हुआ था। लेकिन तब देश का लोकतंत्र खतरे में नहीं पड़ा था।
सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस
बता दें कि अमित शाह जिस मुठभेड़ की बात कर रहे हैं, वो गुजरात का चर्चित सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस है। जिसकी गूंज सालों तक देश की राजनीति में सुनाई दी थी। गुजरात की एंटी टेरर स्कवॉड ने नवंबर 2005 को गैंगस्टर सोहराबुद्दीन शेख को एनकाउंटर में मार गिराया था। कुछ महीनों बाद उसके साथी रहे तुलसी प्रजापित का भी एनकाउंटर कर दिया गया था।
सोहराबुद्दीन का परिवार एनकाउंटर को फेक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट चला गया और फिर मामले की जांच सीबीआई की हाथों में आई। जुलाई 2010 में गुजरात के तत्कालीन गृह मंत्री अमित शाह को इस मामले में जेल भेज दिया गया। उनपर सीबीआई ने अपहरण, हत्या और सबूत मिटाने का आरोप लगाया गया था। उन्हें तीन महीना जेल में बिताने के बाद कोर्ट से जमानत मिली थी।
हालांकि कोर्ट ने जमानत देते हुए अमित शाह को दो साल तक गुजरात न आने की शर्त भी रखी थी। शाह ने 2012 का विधानसभा चुनाव भी अदालत से परमिशन मिलने के बाद लड़ा था। साल 2014 में केंद्र में सत्ता परिवर्तन के बाद सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर मामले के सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।