'मुझे बचपन से कांग्रेस पसंद नहीं...', राज्यसभा में तीनों बिलों पर जवाब देते हुए बोले अमित शाह
Amit Shah on Congress: संसद के ऊपरी सदन में चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर खुलकर बात रखी। उन्होंने कहा, 'मुझे बचपन से ही कांग्रेस पार्टी पसंद नहीं थी। मेरी विचारधारा में जुड़ने से पहले भी कांग्रेस मुझे पसंद नहीं थी।
Parliament Winter Session: संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में पारित होने के बाद अब राज्यसभा में भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम से संबंधित तीनों बिलों पर चर्चा के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने जवाब दिया। अमित शाह ने गुरुवार (21 दिसंबर) को कहा कि, 'हमने सिर्फ कानूनों के नाम नहीं बदले हैं, बल्कि उनके उद्देश्य के भीतर भी आमूल-चूल परिवर्तन किया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज राज्यसभा में कहा, 'जिन तीनों बिलों को मैं लेकर आया हूं, उनका उद्देश्य दंड देने का नहीं है, न्याय देने का है'। अपने संबोधन में शाह ने कांग्रेस के प्रति अपनी भावना भी साझा की।
'तीनों कानून अंग्रेजों के शासन की रक्षा के लिए'
गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने कहा, 'भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) तथा भारतीय साक्ष्य अधिनियम (Indian Evidence Act), इन तीनों कानूनों को 1957 के स्वतंत्रता संग्राम के बाद अंग्रेजों के शासन की रक्षा के लिए बनाया गया था। इसका उद्देश्य सिर्फ और सिर्फ अंग्रेजों के शासन की सुरक्षा करना था। इसमें कहीं भी भारत के नागरिकों की सुरक्षा, उसके सम्मान या मानव अधिकार की सुरक्षा कहीं नहीं थी'।
अमित शाह- बचपन से ही रहा कांग्रेस विरोधी
संसद के ऊपरी सदन में चर्चा का जवाब देते हुए अमित शाह ने कांग्रेस पर खुलकर बात रखी। उन्होंने कहा, 'मुझे बचपन से ही कांग्रेस पार्टी (Amit Shah on Congress) पसंद नहीं थी। मेरी विचारधारा में जुड़ने से पहले भी कांग्रेस मुझे पसंद नहीं थी। तब से मैं कांग्रेस विरोधी रहा हूं। उन्होंने कहा, जब-जब कांग्रेस सत्ता में आती थी, तब 124ए (राजद्रोह) का बड़े मौज से उपयोग करते थे। मगर, सत्ता से जाने के बाद उसे निरस्त करने की बात कही। शाह बोले, कांग्रेस ने राजद्रोह को कभी समाप्त करना नहीं चाहा। लेकिन, बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार इस देश के कानून से 'राजद्रोह' को हमेशा-हमेशा के लिए समाप्त करने जा रही है। उन्होंने कहा, शासन के खिलाफ बोलने का अधिकार हमारे संविधान का मूल अधिकार (Fundamental Rights of the Constitution) है।'
तिलक-गांधी-सावरकर को सजा देने वाली धारा ख़त्म
केंद्रीय गृह मंत्री ने आगे कहा, जिन धाराओं के तहत बाल गंगाधर तिलक, महात्मा गांधी और वीर सावरकर जेल गए, मुझे आनंद है कि वह धारा आज यहां से समाप्त हो रही है। अमित शाह ने कहा, ये (कांग्रेस) कहते हैं कि राजद्रोह को आप अलग तरीके से 'देशद्रोह' बनाकर लाए हैं। अब बीएनएस में धारा- 152 में भारत की संप्रभुता (India's sovereignty), एकता और अखंडता के खिलाफ, जो कुछ करेगा उसको देशद्रोही माना जाएगा। उन्होंने आगे कहा, सरकार की जगह पर 'भारत' शब्द का इस्तेमाल किया गया। इन लोगों को भारत शब्द ही पसंद नहीं। मगर, मैं क्या कर सकता हूं। इस देश का नाम ही भारत है'।