नई दिल्ली: उपचुनाव में मिली जीत से विपक्षी दल उत्साहित हैं तो बीजेपी अपने सहयोगी दलों को मनाने और कील कांटा दुरूस्त करने में लगी है । बीजेपी के कुछ सहयोगी उसका साथ छोड चुके हैं तो महाराष्ट्र और केंद्र में सहयोगी शिवसेना ने उस पर बड़ा हमला बोला है।
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह अब सहयोगी दलों के नेताओं के साथ लगातार बात कर रहे हैं और उन्हें मनाने में लगे हैं । बुधवार 6 जून शाम 6 बजे अमित शाह मातोश्री में उद्धव ठाकरे से मुलाकात करेंगे । लेकिन इससे पहले ही शिवसेना ने कह दिया है कि अब बहुत देर हो चुकी है।
महाराष्ट्र के पालघर उपचुनाव को लेकर शिवसेना और बीजेपी में टकराव हुआ था उसके साथ कई अन्य मुद्दों पर गठबंधन में जिस तरह से दूरियां बढ़ी हैं उसे खत्म करने के लिए अमित शाह उद्धव ठाकरे के साथ बात करेंगे। अमित शाह की कोशिश होगी कि 2019 चुनाव में शिवसेना एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़े।
शिवसेना के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह गुरुवार को चंडीगढ़ में अकाली दल के अध्यक्ष प्रकाश सिंह बादल और उनके बेटे सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात करेंगे। इस मुलाकात के जरिए पंजाब की ताजा राजनीतिक हालत और 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों पर चर्चा हो होगी । देश के 4 लोकसभा और 10 विधानसभा उपचुनाव के नतीजों के बाद जिस तरह से एनडीए के सहयोगी दलों ने एक के बाद एक बीजेपी नेतृत्व के खिलाफ अपनी नाराजगी जतानी शुरू की है उसी को देखते हुए अमित शाह सहयोगी दलों के नेताओं के साथ मुलाकात कर रहे हैं।
संपर्क अभियान के तहत अमित शाह देश की जानी मानी हस्तियों से भी मुलाकात कर रहे हैं। उपचुनाव के नतीजों के बाद 3 जून को लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान और उनके बेटे चिराग पासवान से अमित शाह ने दिल्ली में मुलाकात की थी। इस मुलाकात के बाद पासवान ने कहा था कि मोदी सरकार को जल्दी ही अनूसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति संबंधित कानून और प्रमोशन में आरक्षण संबंधी कानून पर अध्यादेश पर लाना चाहिए। इसके साथ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विषेश राज्य के दर्जा देने वाली मांग का समर्थन किया था। सूत्रों के अनुसार शाह ने आश्वासन दिया है उनकी मांगों पर सरकार जल्द ही उचित कदम उठाएगी।
उपचुनावों के नतीजे आने के बाद बिहार में एनडीए के जेडीयू समेत सभी सहयोगी दलों के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर अभी से कोहराम मचा हुआ है। राजनीति घटनाक्रम को देखते हुए शाह के निर्देश पर भूपेन्द्र यादव और बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने पटना में एनडीए को 7 जून गुरूवार को भोजन पर आमंत्रित किया है ।
रामविलास पासवान, नीतीश कुमार, भूपेंद्र यादव, सुशील मोदी, उपेंद्र कुशवाहा, नित्यानंद राय, अरुण कुमार समेत सभी सांसद, विधायक, विधान पार्षद, प्रदेश पदाधिकारी और सभी घटक दलों के जिलाध्यक्ष भोज में शामिल होंगे।
बीजेपी को इस बात का बखूबी एहसास हो गया है कि 2019 के चुनावी रण को अकेले जीतना इतना आसान नहीं हैं। विपक्ष दलों की बन रहे गठबंधन को मात देने के लिए एनडीए के सहयोगियों का साथ जरूरी है इसीलिए शाह पूरी तरह से सक्रिय हो गए हैं।
मुलाकात के पहले ही शिवसेना ने सामना के जरिए बीजेपी पर हमला बोला है। सामना में लिखा गया है कि अमित शाह इन चुनावों में किसी भी तरह 350 सीटें जीतना चाहते हैं।
सामना में लिखा गया है कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़े हुए हैं, किसान सड़क पर हैं, इसके बावजूद बीजेपी चुनाव जीतना चाहती है। शिवसेना ने कहा कि जिस तरह बीजेपी ने साम, दाम, दंड, भेद के जरिए पालघर का चुनाव जीता उसी तरह बीजेपी किसानों की हड़ताल को खत्म करना चाहती है। चुनाव जीतने की शाह की जिद को हम सलाम करते हैं।
शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया है कि एक ओर जहां मोदी पूरी दुनिया में घूम रहे हैं, वहीं शाह पूरे देश में घूम रहे हैं। बीजेपी को उपचुनावों में हार मिली है, क्या इसलिए अब उसने सहयोगी पार्टियों से मिलना शुरू कर दिया है। भले ही अब वह कनेक्शन बनाने की कोशिश करे, लेकिन अब बहुत देर हो चुकी है। चंद्रबाबू नायडू एनडीए छोड़ गए, नीतीश कुमार भी अलग बयान दे रहे हैं।
अमित शाह आज उद्धव ठाकरे से मुलाकात के साथ उद्योगपति रतन टाटा, गायक लता मंगेशकर, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित से भी मिलेंगे । शाह इससे पहले भी बाबा रामदेव, कपिल देव जैसी हस्तियों से मिल चुके हैं।
अमित शाह इन मुलाकातों में मोदी सरकार के चार साल का ब्योरा दे रहे हैंं बीजेपी अध्यक्ष 7 जून को चंडीगढ़ में मिल्खा सिंह से मुलाकात कर सकते हैं। बीजेपी का लक्ष्य है कि करीब 1 लाख नामित लोगों से सीधा संपर्क किया जा सके।