इनकी 90 करोड़ कमाई हर दिन की, जानिए इस भारतीय की 7 अहम बातें..
आज पूरे देश में 'नेशनल मिल्क डे' मनाया जाता है। इसी दिन भारत में 'श्वेत क्रांति' के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन का ब्रथडे होता है। बता दें कि, वर्गीज कुरियन ही डेयरी प्रोडक्ट ब्रैंड अमूल (AMUL) के फाउंडर हैं।
नई दिल्ली: आज पूरे देश में 'नेशनल मिल्क डे' मनाया जाता है। इसी दिन भारत में 'श्वेत क्रांति' के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन का ब्रथडे होता है। बता दें कि, वर्गीज कुरियन ही डेयरी प्रोडक्ट ब्रैंड अमूल (AMUL) के फाउंडर हैं। दूध की कमी से जूझने वाले भारत को दुनिया का सर्वाधिक दूध उत्पादक देश बनाने के पीछे वर्गीज की अहम भूमिका थी। अमूल अपने अच्छी क्वालिटी की वजह से देश की नंबर वन डेयरी प्रोडक्ट बनाने वाली कंपनी बनी हुई है। अमूल हर दिन करीब 90 करोड़ रुपये की कमाई करता है। आज नेशनल मिल्क डे और वर्गीज कुरियन के बर्थडे के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि, आखिर कैसे कुरियन ने इतने बड़े कारोबार की शुरुआत की थी।
साल 1945-46 में हुई थी शुरुआत
साल 1945-46 में कुरियन ने अमूल को शुरु किया था। इसकी शुरुआत Bombay Milk Scheme के साथ हुई थी। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सहकारी योजना की नींव रखी थी और इसके बाद 14 दिसंबर 1946 को सहकारी सोसाइटी के तौर पर इसका रजिस्ट्रेशन किया गया।
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भैंस के दूध से किया पाउडर का निर्माण
वर्गीज कुरियन ने इसकी शुरुआत देश को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने और किसानों की हालत में सुधार करने के लिए किया था। वर्गीज कुरियन को' भारत का मिल्कमैन' भी बोला जाता है। जब भारत में दूध की कमी थी तो उस समय वर्गीज कुरियन के नेतृत्व भारत को दूध उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम शुरु किया गया। कुरियन ने त्रिभुवन भाई पटेल के साथ मिलकर खेड़ा जिला सहकारी समिति की शुरुआत की। फिर साल 1949 में कुरियन ने डेयरी सहकारिता संघ की स्थापना की, जिसमें गुजरात के दो गांवों को सदस्य बनाया गया। कुरियन दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति थे, जिन्होंने भैंस के दूध से पाउडर का निर्माण किया। इससे पहले गाय के दूध से पाउडर बनाया जाता था।
33 लाख लीटर दूध का कलेक्शन
शुरुआती दौर में कंपनी प्रति दिन 250 लीटर का उत्पादन करती थी। मौजूदा समय में कुल 7.64 लाख मेंबर्स अमूल कंपनी से जुड़े हुए हैं। इस समय कंपनी हर रोज 33 लाख लीटर दूध का कलेक्शन करती है। कंपनी की रोजाना की हैंडलिंग क्षमता 50 लाख लीटर है। पूरी दुनिया के दूध उत्पादन में अमूल का 1.2 फीसदी हिस्सा है।
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एनडीडीबी के बने अध्यक्ष
तत्कालीन प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री ने अमूल की सफलता पर इसके मॉडल को अन्य जगहों पर भी फैलाने के लिए राष्ट्रीय दुग्ध विकास बोर्ड (एनडीडीबी) का गठन किया। एनडीडीबी ने साल 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ की शुरुआत की। जिसके बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश बना। वर्गीज कुरियन ने साल 1965 से 1998 तक एनडीडीबी के अध्यक्ष बने रहे।
खुद दूध नहीं पीते थे वर्गीज
भारत के मिल्कमैन कहे जाने वाले और ‘श्वेत क्रांति’ लाने वाले वर्गीज कुरियन खुद दूध नहीं पीते थे। उनका कहना था कि, मैं दूध नहीं पीता क्योंकि मुझे ये अच्छा नहीं लगता।
वर्गीज कुरियन का जन्म 1921 में केरल के कोझिकोड में एक सीरियाई ईसाई परिवार में हुआ था। उन्होंने साल 1940 में लॉयला कॉलेज से स्नातक किया। फिर उसके बाद चेन्नई के गिंडी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से डिग्री हासिल की। जिसके बाद उन्हें डेयरी इंजीनियरिंग में पढ़ाई करने के लिए भारत सरकार की तरफ से स्कॉेलरशिप भी दिया गया था। फिर साल 1948 में कुरियन ने मिशीगन स्टेट यूनिवर्सिटी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की मास्टर डिग्री प्राप्त की। जिसमें डेयरी इंजीनियरिंग भी उनके पास एक विषय था।
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