Andhra Pradesh: YSRCP के आजीवन अध्यक्ष बने रहेंगे आंध्र सीएम जगनमोहन रेड्डी, पार्टी अधिवेशन में हुआ फैसला

Andhra Pradesh: बता दें कि जगन ने 2011 में सीएम पद को लेकर कांग्रेस पार्टी से मतभेद होने के बाद अपनी अलग पार्टी युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वायएसआरसीपी) बना ली थी।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2022-07-09 20:17 IST

Andhra Pradesh CM Jaganmohan Reddy (Image:Social Media)

Andhra Pradesh: आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ पार्टी वायएसआरसीपी (YSRCP) के दिवसीय अधिवेशन का आज आखिरी दिन था। राजधानी अमरावती में अधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी को आजीवन अध्यक्ष चुना है। वायएसआरसीपी के महासचिव वी. विजयसाई रेड्डी जो पार्टी अध्यक्ष के चुनाव के लिए रिटर्निंग अधिकारी थे, ने जगन रेड्डी को पार्टी के आजीवन अध्यक्ष के रूप में सर्वसम्मति से चुने जाने का ऐलान किया।

बता दें कि जगन ने 2011 में सीएम पद को लेकर कांग्रेस पार्टी से मतभेद होने के बाद अपनी अलग पार्टी युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (वायएसआरसीपी) बना ली थी। स्थापना के बाद से ही वह अपनी मां और पार्टी की मानद अध्यक्ष विजयम्मा के साथ पार्टी अध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे।

चुनाव आय़ोग से अनुमति लेगी पार्टी

नियमों के अनुसार, वायएसआरसीपी को अब भारतीय जगन को आजीवन पार्टी प्रमुख बनाए रखने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग से अनुमति लेनी होगी। पार्टी नेताओं को मंजुरी मिलने का भरोसा है। उन्होंने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु की सत्ताधारी पार्टी डीएमके का उदाहरण देते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने दिवंगत नेता एम.करूणानिधि को जीवन भर के लिए पार्टी प्रमुख के रूप में नामित करने की अनुमति दी थी।

मां ने मानद अध्यक्ष पद से दिया इस्तीफा

अधिवेशन के पहले दिन जगन की मां विजयम्मा ने पार्टी के मानद अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे का ऐलान करते हुए उन्होंने कहा था कि वह तेलंगाना में अपनी बेटी शर्मिला के साथ काम करने के लिए वायएसआरसीपी को अवविदा कह रही हैं। बता दें कि आंध्र सीएम जगनमोहन रेड्डी की बहन पड़ोसी राज्य तेलंगाना में अपने पिता की विरासत के लिए लड़ाई रही हैं। वह वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की अध्यक्ष हैं।

परिवार में मतभेद

वायएसआरसीपी के सत्ता में आने के बाद सीएम जगन मोहन रेड्डी और उनकी बहन शर्मिला की बीच मतभेद होने शुरू हो गए। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक, दोनों के बीच पिता की सियासी विरासत के अलावा संपत्ति से जुड़े मुद्दों को लेकर भी मतभेद है। दोनों के बीच तनातनी इतनी बढ़ गई कि शर्मिला तेलंगाना चली गईं। बताया जा रहा है कि इसके बाद से मां विजयम्मा भी अपने बेटे से दूर रहने लगीं थीं। हालांकि, पार्टी छोड़ने के दौरान उन्होंने कहा था कि एक मां के रूप में वह हमेशा जगन के नजदीक रहेंगी।

बता दें कि मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी के पिता और पूर्व सीएम वाईएस राजशेखर रेड्डी अविभाजित आंध्र प्रदेश के करिश्माई नेता थे। उनके जीवित रहने तक कांग्रेस का आंध्र प्रदेश पर जबरदस्त नियंत्रण थे। उनके निधन के बाद राज्य में कांग्रेस बिखर गई, जो आज तक एकजुट नहीं हो पाई है।     

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