EXCLUSIVE: अन्‍ना हजारे के टेस्‍ट में फेल हुई मोदी सरकार, अब ये है उनका Action Plan

Update:2018-02-27 22:26 IST

सुधांशु सक्‍सेना

लखनऊ : वर्ष 2011 में लोकपाल को लेकर पूरे देश के अंदर भ्रष्‍टाचार मुक्ति का बिगुल बजाने वाले अन्‍ना हजारे एक बार फिर मैदान में हैं। इस बार वो अपने लोकतंत्र मुक्ति आंदोलन के लिए अलख जगाने नवाबी नगरी पहुंचे, जहां उन्‍होंने मंगलवार को न्‍यूजट्रैक डॉट कॉम से ए‍क्‍सक्‍लूसिव बातचीत की। उन्‍होंने वर्तमान मोदी सरकार को फेल्‍योर बताते हुए कहा कि इस सरकार से उम्‍मीद थी कि जनता की भलाई के लिए सरकार के जो कर्तव्‍य हैं, वो मोदी सरकार निभाएगी, लेकिन इन्‍होंने जनता को अच्‍छे दिनों का आश्‍वासन देकर धोखा दिया है। इसलिए अब जनांदोलन जरूरी हो गया है। जिसे आगामी 23 मार्च से दिल्‍ली में शुरू किया जाएगा और सरकार को उसके कर्तव्‍यों की याद दिलाई जाएगी। इसके लिए बकायदा एक्‍शन प्‍लान बनाकर जनांदोलन को खड़ा किया जाएगा।

रिपोर्टर: आपके पिछले आंदोलन के चलते वर्तमान में मोदी सरकार केंद्र में सत्‍तासीन है, आप इसे 10 में से कितने नंबर देना चाहेंगे?

अन्‍ना हजारे: मैंने अपना जीवन समाज की भलाई में लगाया है। पिछली बार भी वर्ष 2011 में जब मैंने आंदोलन किया था तो किसी राजनीतिक पार्टी के लिए नहीं बल्कि भ्रष्‍टाचार के खिलाफ जंग जीतने के लिए जनांदोलन किया था। उस समय सरकार ने आंदोलन बड़ा होते देखा तो मेरी मांगे मानने की बात कही और मुझे अनशन तोड़ने को कहा था। मैंने उनकी बात मानी और अनशन तोड़ा। पर जब तीन महीने तक कार्यवाही नहीं हुई तो मैंने फिर से अनशन करने की बात तत्‍कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से पत्र के जरिए कही। इसके बाद उन्‍होंने जो कानून बनाया उसमें खेल किया। मैंने पूरे देश में लोकपालों की नियुक्ति की बात कही थी, लेकिन उन्‍होंने सिर्फ उन राज्‍यो में लोकपालों की नियुक्ति की बात कही जहां लोकायुक्‍त तैनात नहीं थे। जनता तब तक मेरे आंदोलन से जाग चुकी थी। उन्‍हें लगा कि मोदी सरकार उन्‍हें वादों के मुताबिक अच्‍छे दिन लाकर देगी, लेकिन ये सरकार झूठी निकली। मैं इसीलिए आंदोलन कर रहा हू। जहां तक मोदी सरकार को नंबर देने की बात है, मैं सिर्फ 10 में से 2 नंबर उन्‍हें देता हूं।

रिपोर्टर: आपके लोकतंत्र मुक्ति आंदोलन की मुख्‍य वजह क्‍या है, क्‍या जनांदोलन से पहले आपने मोदी सरकार से कोई संवाद किया है?

अन्‍ना हजारे: कांग्रेस में भ्रष्‍टाचार बढ़ गया था, जिसकी वजह से महंगाई बढ गई थी और पारिवारिक लोगों को जीना मुश्किल हो रहा था। इसलिए मैंने तब जनांदोलन खड़ा किया था। मैं लगातार 35 सालों से जनता की आवाज उठाता रहा हूं। मेरे आंदोलन से कई मंत्री और अधिकारी घर चले गए। मैंने पिछली मनमोहन सिंह सरकार में 72 बार पत्र लिखकर लोकपाल लाने की बात कही तो वह जवाब तो देते रहे लेकिन लोकपाल नहीं लाए। हमारे लोकपाल ड्राफ्ट पर कानून बनता तो 85 प्रतिशत भ्रष्‍टाचार कम हो जाता लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बार की मोदी सरकार को भी 22 बार पत्र व्‍यवहार करके लोकपाल लाने की बात कही, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए आंदोलन कर रहा हूं। इसलिए मैं 23 मार्च को दिल्‍ली में फिर से जनांदोलन खड़ा करने जा रहा हूं।सरकार को उसके जनता के प्रति कर्तव्‍यों को याद दिलाने जा रहा हूं।

रिपोर्टर: इस बार भाजपा सत्‍ता में है, ऐसे में आपको क्‍या लगता है कि इस बार आंदोलन खड़ा करना पिछली बार की तुलना में मुश्किल है या आसान?

अन्‍ना हजारे: मेरा इस बार का लोकतंत्र मुक्ति आंदोलन पिछली बार से ज्‍यादा सशक्‍त होगा। मैं इसके लिए पिछले ढाई महीने से टूर कर रहा हूं और लोगों को इसके लिए जागरूक करके दिल्‍ली आने का आवाहन कर रहा हूं। लखनऊ भी इसी मकसद से आया हूं। मेरी कई जनसभाएं हुई हैं। मेरी जनसभा में कई मीडिया वाले आते हैं लेकिन न्‍यूज नहीं निकलती है। भाजपा ने मीडिया मैनेजमेंट कर रखा है। लेकिन मैं इन परिस्थितियों में भी जनांदोलन को खड़ा करने की इच्‍छाशक्ति रखता हूं और इसे हर हाल में करूंगा। मेरे देश में घूमने से और आंदोलन से जनता जागेगी, मेरे साथ खड़ी होगी और जनता का आंदोलन जरूर सफल होगा। इसका असर पहले दिन से ही दिखेगा।

रिपोर्टर: इस बार आंदोलन में आपके पास क्‍या कोई नया मुद्दा भी है?

अन्‍ना हजारे: मेरा लोकतंत्र मुक्ति आंदोलन लोकपाल के साथ साथ्‍ किसानों के प्रश्‍न को भी उठाएगा। इसमें चुनाव आयोग, वित्‍त आयोग की तरह ही कृषि मूल्‍य आयोग को संवैधानिक दर्जा देने की बात भी शामिल होगी। जिससे देश के किसानों को उनकी फसलों का सही मूल्‍य मिल सके।

रिपोर्टर: आपने कई बार चुनावी सुधारों की बात की है, आगामी चुनावों में आपके अनुसार चुनाव प्रक्रिया में क्‍या क्‍या तब्‍दीलियां होनी चाहिए?

अन्‍ना हजारे: मेरा ये मानना है कि चुनावों मे सबसे जरूरी सुधार है ईवीएम को टोटलाइजर मशीन से बदलना। ईवीएम मशीन में जब वोटों की गिनती होती है तो बूथवार प्रत्‍याशियों को पता चल जाता है कि कहां से वोट मिला और कहां से नहीं। ऐसा होने पर जीता हुआ प्रत्‍याशी उस इलाके में विकास कार्य नहीं करवाते हैं, जहां से वोट नहीं मिलता है।ये सिस्‍टम ठीक नहीं है। इसलिए एक टोटलाइजर मशीन का इस्‍तेमाल होना चाहिए, जिसमें प्रत्‍याशी को मिले कुल वोटों की गिनती हो, न कि इलाकेवार वोटों की गिनती हो। चुनावी प्रक्रिया में सुधार के बिना राजनीतिक भ्रष्‍टाचार को दूर नहीं किया जा सकता है। इसलिए ये सुधार होना बहुत आवश्‍यक है।

रिपोर्टर: दिल्‍ली में आंदोलन और अरविंद केजरीवाल की सरकार दोनों होंगे, ऐसे में उनकी पार्टी के सदस्‍य को मंच पर कोई जगह मिलने की संभावना है?

अन्‍ना हजारे: मैं इस बार दावा करता हूं कि अरविंद केजरीवाल, योगेंद्र यादव जैसे लोगों को मंच पर कोई जगह नहीं मिलेगी। अ‍रविंद केजरीवाल गड़बड करता है। इस बार सिर्फ ऐसे लोगों को ही जनांदोलन में जुडने का मौका मिलेगा जो 100 रूपये के स्‍टाम्‍प पर शपथ पत्र में यह लिखकर देगा कि वह आजीवन किसी राजनीतिक दल का हिस्‍सा नहीं बनेगा। इस अनुबंध को तोडने वालों को मैं कोर्ट में घसीटूंगा। मुझे अब तक ऐसे 5000 एफिडेविट प्राप्‍त हो चुके हैं और लगातार शपथ पत्र मिलने का सिलसिला जारी है। इस बात से मैं बहुत उत्‍साहि हूं और जनांदोलन को सफल होते देख पा रहा हूं।

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