सेना प्रमुख नरवणे का कश्मीर दौरा, थर-थर कांपा नापाक पाकिस्तान

भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे गुरुवार को कश्मीर का दौरा करेंगे। इसके साथ ही सेना प्रमुख वहां चल रहे अभियानों की समीक्षा करेंगे।

Update: 2020-04-15 16:13 GMT

श्रीनगर: भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे गुरुवार को कश्मीर का दौरा करेंगे। इसके साथ ही सेना प्रमुख वहां चल रहे अभियानों की समीक्षा करेंगे। जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब पाकिस्तान की तरफ से नियंत्रण रेखा पर बार-बार सीजफायर का उल्लंघन किया जा रहा है और आतंकी गतिविधियां बढ़ गई हैं।

सेना प्रमुख का दौरा भारतीय सैनिकों के लिए उत्साह का काम तो करेगा ही जो दिनरात देश की सुरक्षा में लगे हुए हैं, वहीं इस दौरे से पाकिस्तान की चिंता बढ़नी तय है जो पहले ही पीओके में आतंकियों के लॉन्चपैड के ध्वस्त किए जाने के बाद से डरा हुआ है।

सेना में जोश भरेंगे सेना नरवणे

एक मीडिया रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि सेना प्रमुख श्रीनगर पहुंचेंगे और 15 कॉर्प्स द्वारा चलाए जा रहे आतंक रोधी व घुसपैठ रोधी अभियानों की समीक्षा करेंगे। वह नियंत्रण रेखा पर अभियानों की तैयारी की भी समीक्षा करेंगे।इस दौरान वह सैनिकों का उत्साह भी बढ़ाएंगे जो पाक के मंसूबों को हर रोज नाकाम कर रहे हैं।

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सेना प्रमुख नरवणे ने 31 दिसंबर, 2019 को पद ग्रहण किया था और उसके बाद से लगातार वह कभी सियाचिन तो कभी घाटी और कभी जम्मू जाकर चल रहे ऑपरेशन और वहां की तैयारियों का जायजा लेते हैं। पद ग्रहण करने के तुरंत बाद वह सियाचिन में अग्रिम चौकियों का जायजा लेने पहुंचे थे।

कोरोना पर फेल पाक की सीमा पर नापाक हरकत

महामारी कोरोना संकट में भी पाकिस्तान की नापाक हरकतें जारी हैं और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पाक रेंजर और नियंत्रण रेखा पर पाक सैनिक बिना उकसाहट के गोलीबारी कर रहे हैं। इस महासंकट में जब इजरायल से लेकर सऊदी अरब ने या तो सीजफायर की घोषणा कर दी है या फिर अपने सैनिकों को संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों से बुलाकर कोरोना से निपटने में लगाया है, पाकिस्तान के सैनिक बिना उकसाहट के भारतीय सीमा की तरफ गोलीबारी कर रहे हैं। ऐसा माना जा रहा है कि कोरोना से निपटने में विफल रही इमरान सरकार ऐसा कर जनता का ध्यान एलओसी की तरफ मोड़ना चाहती है ताकि अपनी इज्जत बचा सके।

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UN की अपील भी नहीं मान रहा पाक

संयुक्त राष्ट्र चीफ एंतेनियो गुतेरस ने कोविड19 महामारी के बीच संघर्ष प्रभावित क्षेत्रों में सीजफायर लागू करने की अपील की थी। भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 को नियंत्रण रेखा पर सीजफायर की घोषणा हुई थी, लेकिन पाक ने कभी भी उसका पालन नहीं किया और आए दिन उसका उल्लंघन करता है जिसमें भारतीय सीमा में जानमाल दोनों का नुकसान हुआ है।

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जब नरवणे के बयान से कांपा थे इमरान

नरवणे ने 15 जनवरी को सेना दिवस के मौके पर बयान दिया था कि अगर संसद कहे तो सेना पीओके को वापस लाने के लिए कभी भी तैयार है। दरअसल उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के पीओके को वापस लाने संबंधी बयान पर एक सवाल के जवाब में यह बात कही थी। सेना प्रमुख ने कहा कि संसद का प्रस्ताव है कि पूरा जम्मू-कश्मीर हमारा क्षेत्र है जिसमें पीओके भी शामिल है और अगर संसद से आदेश मिला तो सेना कार्रवाई को तैयार है।

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