आर्मी चीफ का बड़ा बयान: लैंगिक समानता व बेटियों के हक पर कही ऐसी बात

गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा कि सेना लैंगिक समानता लाने के लिए प्रयासरत है और महिला अफसरों को स्थायी कमीशन प्रदान करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश इस दिशा में स्पष्टता प्रदान करेगा।

Update: 2020-02-21 05:21 GMT

नई दिल्ली : गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा कि सेना लैंगिक समानता लाने के लिए प्रयासरत है और महिला अफसरों को स्थायी कमीशन प्रदान करने का सुप्रीम कोर्ट का आदेश इस दिशा में स्पष्टता प्रदान करेगा।

उन्होंने कहा, सेना ने हर स्तर पर महिलाओं की भर्ती की पहल की है। सैन्य पुलिस केंद्र और स्कूल कोर में 100 महिला सैन्यकर्मियों के पहले बैच को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिला अफसरों से पूछा जा रहा है कि क्या वे स्थायी कमीशन को तरजीह देना चाहेंगी ?

 

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जनरल नरवाने ने पत्रकारों से कहा, सेना किसी जवान से धर्म, जाति, वर्ण और लिंग के आधार पर भेदभाव नहीं करती। सेना का नजरिया हमेशा से ऐसा ही रहा है और इसलिए हमने 1993 में ही महिला अधिकारियों की भर्ती शुरू कर दी थी। सेना प्रमुख ने कोर्ट के फैसले को स्वागत योग्य बताते हुए कहा, यह संस्था की बेहतर क्षमता के लिए अधिकारियों की भर्ती की दिशा में स्पष्टता प्रदान करता है।

सुप्रीम कोर्ट ने सेना में महिला अफसरों को स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया है। जम्मू-कश्मीर के संदर्भ में नरवाने ने कहा, वहां आतंकी घटनाओं में कमी आई है। सेना आतंकी समूहों पर दबाव बनाए हुए है। सेना प्रतिकूल हालात में भी पाकिस्तानी फौज के नापाक मंसूबों को पूरा विफल कर रही है। उन्होंने कहा, गुलाम कश्मीर में 15-20 आतंकी कैंप हैं, जहां 250-350 आतंकी ठहरे हुए हैं।

 

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जम्मू-कश्मीर के लिए विशेष रूप से थियेटर कमान के प्रस्तावित गठन पर कहा, कुछ भी तय करने से पहले विस्तृत विचार-विमर्श किया जाएगा। सेना प्रमुख ने कहा है चीन को लगने लगा है कि वह अपने सदाबहार मित्र पाकिस्तान की हर समय मदद नहीं कर सकता। उन्होंने जोर दिया कि वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) यदि पाकिस्तान पर दबाव बनाने में कामयाब रहता है, तो उसे अपनी आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने को मजबूर होना पड़ सकता है। ज्ञात हो, चीन एफएटीएफ की अब तक हुई हर मीटिंग में पाक को ग्रे लिस्ट से बाहर निकालने की मांग करता रहा है, लेकिन, पेरिस में हुई बैठक में उसने ऐसा नहीं किया।

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