Mission 2024: नीतीश से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने नहीं खोले पत्ते, 2024 की सियासी जंग में फंसा पेंच

Mission 2024: केजरीवाल से नीतीश की मंगलवार को काफी देर तक बातचीत हुई मगर इस बातचीत के बाद केजरीवाल ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-09-07 13:12 IST

Arvind Kejriwal meets Nitish Kumar (PHOTO: social media )

Mission 2024: 2024 की सियासी जंग में विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिशों के तहत बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों दिल्ली मिशन पर हैं। अपने दो दिवसीय दिल्ली प्रवास के दौरान नीतीश कुमार ने राहुल गांधी समेत विपक्ष के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल से नीतीश की मुलाकात पर सबकी निगाहें थीं क्योंकि आप 2024 की जंग को केजरीवाल बनाम मोदी बता रही है।

केजरीवाल से नीतीश की मंगलवार को काफी देर तक बातचीत हुई मगर इस बातचीत के बाद केजरीवाल ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया है कि 2024 की जंग को लेकर उनकी नीतीश से बातचीत में किन बिंदुओं पर सहमति बनी है। मुलाकात के दौरान विपक्ष के दोनों बड़े नेता मुस्कुराते हुए तो जरूर नजर आए मगर उनकी सियासी चुप्पी से माना जा रहा है कि अभी भी 2024 की जंग को लेकर पेंच फंसा हुआ है। नीतीश कुमार का आज भी दिल्ली में कई बड़े विपक्षी नेताओं से मिलने का कार्यक्रम है।

केजरीवाल के साथ मुलाकात क्यों महत्वपूर्ण

दिल्ली दौरे पर पहुंचने के बाद नीतीश कुमार ने अभी तक राहुल गांधी के अलावा कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री कुमारस्वामी, माकपा नेता सीताराम येचुरी, भाकपा नेता डी राजा, समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मुलाकात की है। केजरीवाल से नीतीश की मुलाकात के दौरान राज्य के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे। केजरीवाल और नीतीश के बीच मंगलवार को काफी देर तक चर्चा हुई मगर यह चर्चा किस नतीजे पर पहुंची है, यह अभी तक साफ नहीं हो सका है।

दरअसल डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के घर पर पड़े छापे के बाद से ही आप लगातार इस बात का दावा कर रही है कि 2024 का चुनाव केजरीवाल बनाम मोदी का होगा। पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह समेत पार्टी के कई नेताओं ने बार-बार इस बात को दोहराया है। ऐसे में केजरीवाल से नीतीश कुमार की मुलाकात को सियासी दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

2024 को लेकर नहीं खोले पत्ते

इस मुलाकात के बाद नीतीश और केजरीवाल दोनों नेताओं की ओर से 2024 के चुनाव को लेकर कुछ भी बयान नहीं दिया गया है। नीतीश से मुलाकात के बाद केजरीवाल ने अपने घर पर मुलाकात के लिए आने पर नीतीश का शुक्रिया अदा किया। उनका कहना था कि नीतीश के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, ऑपरेशन लोटस, विधायकों की खरीद-फरोख्त, भाजपा के भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई।

हालांकि उन्होंने यह साफ नहीं किया कि 2024 के चुनावों को लेकर उनकी नीतीश के साथ क्या चर्चा हुई। उन्होंने यह भी स्पष्ट नहीं किया कि आम आदमी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने की रणनीति अपनाएगी या भाजपा को हराने के लिए विपक्षी दलों के साथ हाथ मिलाकर चुनाव मैदान में उतरेगी। 2024 को लेकर केजरीवाल की सियासी चुप्पी से विपक्षी एकता को लेकर सवाल उठ रहे हैं। सियासी पंडितों का मानना है कि निश्चित रूप से अभी भी विपक्षी एकता को लेकर पेंच फंसा हुआ है और इसी कारण नेता इस मुद्दे पर खुलकर कुछ भी नहीं बोल रहे हैं।

अब पवार से मुलाकात पर सबकी निगाहें

नीतीश कुमार की आज एनसीपी के मुखिया शरद पवार के साथ महत्वपूर्ण मुलाकात होनी है। पवार भी विपक्षी एकता की वकालत करते रहे हैं मगर 2024 के चुनाव में विपक्ष के चेहरे को लेकर उन्होंने भी चुप्पी साध रखी है। हाल में हुए राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में विपक्ष का उम्मीदवार तय करने में पवार ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्हें विपक्ष का कद्दावर नेता माना जाता है। ऐसे में अब सबकी निगाहें पवार के साथ नीतीश की मुलाकात पर टिकी हुई हैं।

नीतीश का आज रात को ही पटना लौटने का कार्यक्रम है। नीतीश विपक्षी एकता का बड़ा मिशन लेकर दिल्ली के दौरे पर पहुंचे हैं हालांकि यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि अपने मिशन में उन्हें कितनी कामयाबी मिली है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से नीतीश की मुलाकात के बाद कांग्रेस नेताओं का कहना था कि समान विचारधारा वाले दलों के एकजुट होकर लड़ने पर सहमति बनी है मगर विपक्ष के चेहरे को लेकर कांग्रेस नेताओं ने भी चुप्पी साध रखी थी।

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