Delhi Elections 2025: नई दिल्ली सीट पर सबसे ज्यादा प्रत्याशी, छोटे दलों की भरमार

Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों में नई दिल्ली विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट है। अनोखी बात ये है कि इस सीट पर सबसे ज्यादा 23 उम्मीदवार मैदान में हैं और तरह तरह की छोटी पार्टियां भी ताल ठोंक रही हैं।;

Written By :  Neel Mani Lal
Update:2025-01-21 17:21 IST

Delhi Elections 2025: New Delhi seat sees highest candidates (Photo: Social Media)

Delhi Assembly Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनावों में नई दिल्ली विधानसभा सीट सबसे हॉट सीट है। अनोखी बात ये है कि इस सीट पर सबसे ज्यादा 23 उम्मीदवार मैदान में हैं और तरह तरह की छोटी पार्टियां भी ताल ठोंक रही हैं।

नई दिल्ली में हमेशा से ही दिल्ली के अन्य विधानसभा क्षेत्रों की तुलना में अधिक संख्या में उम्मीदवार आते रहे हैं। 2020 में यहां 28 उम्मीदवार मैदान में थे। इस बार 23 उम्मीदवारों में मौजूदा विधायक और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल, भाजपा के पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा और वरिष्ठ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित शामिल हैं। दिल्ली की सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारने वाली बसपा ने भी नई दिल्ली में एक उम्मीदवार मैदान में उतारा है।

ऐसे ऐसे दल

- बड़े दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के अलावा, आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स) या आप (पीपुल्स) और भारतीय लिबरल पार्टी (बीएलपी) जैसी छोटी पार्टियों के 12 चेहरे हैं।

- चुनाव मैदान में सबसे प्रमुख छोटा संगठन राइट टू रिकॉल पार्टी है, जिसकी स्थापना 2018 में पूर्व केंद्रीय मंत्री चिमनभाई मेहता के बेटे राहुल मेहता ने की थी। इस पार्टी का मुख्य एजेंडा लोगों को अपने चुने हुए अधिकारियों को वापस बुलाने का अधिकार देना है। इस पार्टी ने दिल्ली भर में 19 उम्मीदवार उतारे हैं। भले ही कोई सफलता नहीं मिल पाई लेकिन राहुल मेहता ने लगातार कई चुनावों में अपनी भूमिका निभाई है। 2020 के दिल्ली चुनावों में इसने चार उम्मीदवार उतारे, जबकि 2024 के लोकसभा चुनावों में इसने 10 राज्यों में 33 उम्मीदवार उतारे थे।

- भारतीय लिबरल पार्टी या बीएलपी की स्थापना 2019 में व्यवसायी रमेश गुप्ता ने की थी, जिसका घोषित उद्देश्य लोकतांत्रिक सुधारों को आगे बढ़ाना है। यह अपना पहला दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ रही है। इसके वर्तमान अध्यक्ष मुनीश कुमार रायज़ादा ने 2011 में केजरीवाल के नेतृत्व में इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन का समर्थन किया था और 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान राजद का समर्थन करने के लिए निलंबित होने तक वह आप के सदस्य थे।

- "आपकी अपनी पार्टी (पीपुल्स)" या आप (पीपुल्स) पांच सीटों पर चुनाव लड़ रही है, जिसमें नई दिल्ली, मॉडल टाउन, छतरपुर, राजौरी गार्डन और बुराड़ी शामिल हैं। यह पार्टी 2018 में चुनाव आयोग में पंजीकृत हुई थी।

- नई दिल्ली में चुनाव लड़ने वाली अन्य छोटी पार्टियों में राष्ट्रीय मानव पार्टी है जो कुल सात सीटों पर चुनाव लड़ रही है। वहीं, भीम सेना भीम सेना ने चार सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए हैं। भीम सेना की स्थापना सतपाल तंवर ने 2010 में दलित-उन्मुख पार्टी के रूप में की थी। तंवर अक्सर विवादों के केंद्र में पाए जाते हैं।

- दिल्ली जनता पार्टी ने दो सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं और राइट टू रिकॉल के अलावा यह एकमात्र छोटी पार्टी है जिसने पहले भी नई दिल्ली विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा हुआ है। दिल्ली जनता पार्टी की स्थापना 2013 में इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय जोशी और अन्य लोगों ने की थी। पार्टी की वेबसाइट के अनुसार, जोशी 1997 तक आरएसएस में सक्रिय थे और भाजपा के सदस्य थे, उसके बाद वे शिवसेना में शामिल हो गए और 2013 तक वहीं रहे।

- नई दिल्ली में भारत राष्ट्र लोकतांत्रिक पार्टी और समर्थ भारतवर्ष पार्टी के उम्मीदवार भी हैं, जो दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिर्फ इसी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं।

- नई दिल्ली में उम्मीदवार उतारने वाली अन्य पार्टियाँ हैं अभिनव भारत पार्टी, हरियाणा जनसेना पार्टी, जातीय जनसेना पार्टी और राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्य)। अभिनव भारत पार्टी का दावा है कि इसकी जड़ें स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी हैं और यह वी डी सावरकर और उनकी हिंदुत्व विचारधारा से प्रेरित है। इसके घोषित उद्देश्यों में गोहत्या पर प्रतिबंध, वक्फ अधिनियम को निरस्त करना और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करना शामिल है।

- जातीय जनसेना पार्टी 2024 के आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान अपने नाम और चुनाव चिह्न की समानता अभिनेता-राजनेता पवन कल्याण की जनसेना पार्टी (जेएसपी) से होने के कारण प्रमुखता में आई। 2022 में स्थापित, हैदराबाद स्थित यह पार्टी अपना पहला दिल्ली चुनाव लड़ रही है। पिछले साल इसने अपने चुनाव चिन्ह के रूप में “बाल्टी” की मांग की थी, जिसकी तुलना जेएसपी के “कांच के गिलास” चुनाव चिन्ह से की गई थी। इसने जेएसपी के समान नाम वाले उम्मीदवार भी उतारे थे।

असली मुकाबला भाजपा-आप में

नई दिल्ली में मुख्य मुकाबला भाजपा और आप के बीच है। केजरीवाल ने पिछली तीन बार यह सीट जीती है, इससे पहले 1998 से 2008 तक कांग्रेस की शीला दीक्षित ने लगातार नई दिल्ली सीट जीती थी। भाजपा ने इस सीट पर केवल 1993 में जीत हासिल की थी, जो दिल्ली विधानसभा की स्थापना के बाद पहला चुनाव था।।2020 में नई दिल्ली विधानसभा सीट पर 28 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 1993 में 22, 1998 में आठ, 2003 में 19, 2008 में 25, 2013 में 17 और 2015 में 13 उम्मीदवार मैदान में थे। 2020 में 28 उम्मीदवारों में से 11 निर्दलीय थे। नई दिल्ली सीट पर सबसे अधिक निर्दलीय उम्मीदवार 1993 में थे, जब 16 ऐसे उम्मीदवार मैदान में थे। 1998 और 2015 में इस सीट पर सिर्फ तीन-तीन निर्दलीय उम्मीदवार थे।

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