Delhi Election 2025: दिल्ली की इन सीटों पर हो रहा कड़ा मुकाबला, जातीय समीकरण साधने में आखिर कौन होगा कामयाब

Delhi Election 2025: दक्षिण दिल्ली की इन सीटों पर प्रत्याशियों की जीत-हार में जाट और गुर्जर मतदाताओं की प्रमुख भूमिका रहती है।;

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2025-01-22 10:48 IST

Delhi assembly Election 2025 (photo: social media )

Delhi Election 2025: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए तीनों प्रमुख दलों भाजपा, आप और कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा रखी है। तीनों दलो ने अलग-अलग क्षेत्रों के लिए उम्मीदवार तय करने में जातीय समीकरण का पूरा ख्याल रखा है। दक्षिण दिल्ली का इलाका भी इससे अछूता नहीं है।

इस इलाके की छह विधानसभा सीटों पर तीनों प्रमुख दलों के बीच कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद जताई जा रही है। तीनों दलों ने इस इलाके में गुर्जर और जाट समीकरण साधने के लिए इन दोनों बिरादरियों के उम्मीदवारों को प्रमुखता दी है।

जाट और गुर्जर मतदाताओं पर सबकी निगाहें

दक्षिण दिल्ली की इन सीटों पर प्रत्याशियों की जीत-हार में जाट और गुर्जर मतदाताओं की प्रमुख भूमिका रहती है। यही कारण है कि तीनों दलों ने इसी हिसाब से अपने प्रत्याशी तय किए हैं। दक्षिण दिल्ली लोकसभा क्षेत्र में 10 विधानसभा सीटें शामिल हैं और इनमें से 6 सीटों पर गुर्जर और जाट मतदाता प्रत्याशियों की जीत-हार में बड़ी भूमिका निभाते रहे हैं।

दक्षिण दिल्ली इलाके में बिजवासन,पालम और महरौली में जाट व तुगलकाबाद,छतरपुर और बदरपुर में गुर्जर मतदाताओं का प्रभाव माना जाता रहा है। इस कारण तीनों प्रमुख दलों की ओर से इन विधानसभा क्षेत्र में जाट और गुर्जर प्रत्याशी उतार कर समीकरण साधने का प्रयास किया गया है।

वैसे बदरपुर विधानसभा क्षेत्र में पूर्वांचल के मतदाताओं की भूमिका भी अहम मानी जाती रही है। यही कारण है कि भाजपा ने इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण प्रत्याशी उतार कर मतदाताओं का समर्थन हासिल करने का प्रयास किया है।


कई सीटों पर उलझ गया समीकरण

दक्षिण दिल्ली की इन सीटों में से कई पर गुर्जर और जाट प्रत्याशी एक-दूसरे को कड़ी चुनौती दे रहे हैं। छतरपुर और तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र में भाजपा,आप और कांग्रेस तीनों दलों ने गुर्जर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार दिए हैं और इस कारण इन दोनों विधानसभा क्षेत्रों का समीकरण काफी उलझ गया है।

इसी तरह पालम विधानसभा क्षेत्र में तीनों दलों की ओर से उतारे गए प्रत्याशी जाट बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले हैं। इस कारण पालम विधानसभा क्षेत्र में भी जाट मतों को हासिल करने के लिए कड़ा मुकाबला होता दिख रहा है।

बिजवासन विधानसभा क्षेत्र में समीकरण थोड़ा बदला हुआ है। यहां पर भाजपा और कांग्रेस ने जाट प्रत्याशी प्रधान लगाया है जबकि आप की ओर से ब्राह्मण प्रत्याशी उतारा गया है।

महरौली विधानसभा क्षेत्र में तीनों दलों ने अलग-अलग जाति के उम्मीदवार उतारे हैं। इस विधानसभा क्षेत्र में भाजपा ने यादव,कांग्रेस ने जाट और आम आदमी पार्टी ने गुर्जर प्रत्याशी पर दांव लगाकर समीकरण को उलझा दिया है।


राहुल पर टिकी हैं कांग्रेस की उम्मीदें

शुरुआती चुनाव प्रचार में भाजपा और आम आदमी पार्टी ने पूरी ताकत लगा रखी है जबकि कांग्रेस थोड़ी पिछड़ती हुई दिख रही है। वैसे कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बुधवार से राहुल गांधी दिल्ली के विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में ताबड़तोड़ रैलियां करने वाले हैं। वैसे पार्टी के स्थानीय नेताओं की निष्क्रियता पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की नैया पार लगाने की पूरी जिम्मेदारी राहुल गांधी के कंधों पर आ गई है।


दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता नहीं खुल सका था और ऐसे में पार्टी इस बार अपनी ताकत दिखाने की कोशिश में जुटी हुई है। यही कारण है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भाजपा के साथ ही आम आदमी पार्टी के खिलाफ भी मोर्चा खोल रखा है। हरियाणा और महाराष्ट्र की हार के बाद यदि कांग्रेस दिल्ली में भी अपनी ताकत दिखाने में कामयाब नहीं हुई तो विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ जाएगी।

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