Congress President Election: गहलोत को लेकर संशय बरकरार, सोनिया से मुलाकात के बाद ही तस्वीर होगी साफ

Congress President Election: अशोक गहलोत को लेकर संशय इसलिए बरकरार है क्योंकि राजस्थान के सियासी बवाल के बाद अभी तक उनकी सोनिया से आमने-सामने की बातचीत नहीं हो सकी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2022-09-29 09:17 IST

 सीएम अशोक गहलोत (Social media)

Congress President Election: कांग्रेस में अध्यक्ष पद के चुनाव के नामांकन की आखिरी तारीख नजदीक आने के साथ ही मुकाबला दिलचस्प होता दिख रहा है। शशि थरूर ने पहले ही मैदान में उतरने का ऐलान कर रखा है और वे शुक्रवार को आखिरी दिन नामांकन दाखिल करेंगे। इस बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भी दावेदार बनकर उभरे हैं। हालांकि दिग्विजय ने अभी तक खुलकर चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा नहीं की है मगर सूत्रों का कहना है कि उनका भी चुनाव मैदान में उतरना तय है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लेकर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो सकी है। गहलोत को लेकर संशय इसलिए बरकरार है क्योंकि राजस्थान के सियासी बवाल के बाद अभी तक उनकी सोनिया से आमने-सामने की बातचीत नहीं हो सकी है। गहलोत बुधवार की रात को दिल्ली पहुंच गए और अब उनकी आज सोनिया गांधी से मुलाकात की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि गहलोत और सोनिया की मुलाकात के बाद गहलोत के नामांकन को लेकर तस्वीर साफ हो जाएगी।

समर्थकों के साथ बैठक में बनी रणनीति

वैसे राजस्थान के सियासी बवाल को लेकर पार्टी पर्यवेक्षकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को क्लीनचिट दे दी है। उनके तीन करीबियों को कारण बताओ नोटिस जारी करके 10 दिनों में स्पष्टीकरण मांगा गया है। बुधवार को दिल्ली रवाना होने से पहले गहलोत ने अपने आवास पर मंत्रियों और समर्थक विधायकों के साथ लंबी बैठक की। इस बैठक में विधानसभा के स्पीकर सीपी जोशी, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और कांग्रेस हाईकमान के निशाने पर आए महेश जोशी व शांति धारीवाल भी मौजूद थे।

बैठक के बाद गहलोत के करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि बैठक में राजस्थान की सियासी स्थिति और आगे की रणनीति पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि दिल्ली में पार्टी नेतृत्व से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री गहलोत राज्य के 102 विधायकों की भावनाओं की जानकारी देंगे। शुरुआत से ही हमारा रुख पूरी तरह स्पष्ट है। इस बैठक के बाद ही गहलोत ने दिल्ली के लिए उड़ान भरी।

दिल्ली में गहलोत के नरम तेवर

दिल्ली पहुंचने के बाद गहलोत नरम तेवर अपनाते हुए दिखे। उन्होंने सोनिया गांधी को सुप्रीम नेता बताते हुए उनके नेतृत्व में एकजुट रहने की बात कही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हमेशा अनुशासन रहा है और हमारी पार्टी के लोग अनुशासन नहीं तोड़ते। राजस्थान के सियासी संकट को गहलोत ने घर की बातें बताते हुए कहा कि मिल बैठकर इस संकट को सुलझा लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मीडिया में अलग बातें कही जा रही हैं, लेकिन हमारी असली चिंता देश को लेकर है। विचार का सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि देश किधर जा रहा है। देश में तानाशाही प्रवृत्ति बढ़ती जा रही है और देश की संस्थाओं पर कब्जा किया जा रहा है। इसी चिंता के कारण ही राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा निकाली है जिसे लोगों का व्यापक समर्थन मिल रहा है।

राजस्थान संकट के बाद पहली मुलाकात

हालांकि गहलोत ने कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के संबंध में कोई बात नहीं की। यही कारण है कि उनके चुनाव मैदान में उतरने को लेकर अभी तक सस्पेंस बना हुआ है। राजस्थान के सियासी संकट के बाद गहलोत की एक बार सोनिया से फोन पर बातचीत हुई है और इस दौरान उन्होंने हाईकमान को चुनौती न देने की बात कही थी।

राजस्थान संकट के बाद आज पहली बार उनकी सोनिया से आमने-सामने की मुलाकात होगी। राजस्थान प्रकरण को लेकर सोनिया गांधी नाराज बताई जा रही हैं और ऐसे में यह देखने वाली बात होगी कि गहलोत सोनिया की नाराजगी दूर करने में कहां तक कामयाब हो पाते हैं। पर्यवेक्षकों की ओर से क्लीन चिट मिलने के बाद अगर गहलोत सोनिया की नाराजगी दूर कर सके तो वे भी कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।

मुलाकात के बाद ही तस्वीर होगी साफ

कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि गहलोत के नामांकन को लेकर बनी संशय की स्थिति आज सोनिया गांधी से उनकी मुलाकात के बाद ही साफ हो पाएगी। शशि थरूर और दिग्विजय सिंह का चुनाव मैदान में उतरना तय माना जा रहा है। कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति के मुखिया मधुसूदन मिस्त्री आज दिल्ली में नहीं है। इस कारण अब सभी नामांकन शुक्रवार को ही किए जाएंगे।

इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी लगातार पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ मंथन करने में जुटी हुई हैं। बुधवार को उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री एके एंटनी से सियासी मुद्दों पर चर्चा की। माना जा रहा है कि सोनिया ने कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर एंटनी से सलाह मशविरा किया है।

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