राम मंदिर की भविष्यवाणी सचः 19 साल पहले 5 अगस्त को हुआ एलान, अब हो रहा पूरा
अशोक सिंघल जैसे दूरदर्शी व्यक्ति ने दो टूक कहा था कि कांग्रेस ने अगर हस्तक्षेप किया तो उसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा और सत्ता की राजनीति से मुस्लिम वोट बैंक की समाप्ति हो जाएगी। ये दोनो ही बातें आज सच साबित हुई हैं।
5 अगस्त को अयोध्या में श्री रामजन्मभूमि मंदिर का भूमिपूजन होने जा रहा है। इस करोड़ों हिन्दू आस्था के पर्व के अवसर पर रामजन्मभूमि मुक्ति आंदोलन के अग्रणी पंक्ति के सेनानी और हिन्दू जागरण के सूत्रधार रहे विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष अशोक सिंघल की लगभग दो दशक पहले 5 अगस्त 1991 को सत्ता की राजनीति से मुस्लिम वोट बैंक की समाप्ति और कांग्रेस का वजूद खत्म होने की भविष्यवाणी कर दी थी ये दोनो ही बातें आज सच साबित हुई हैं। भले ही अशोक सिंघल आज शारीरिक रूप से हमारे बीच नहीं हैं लेकिन उनका सूक्ष्म शरीर इस पावन मौके पर अयोध्या में अवश्य मौजूद रहेगा।
5 अगस्त 1991
वह सोमवार 5 अगस्त 1991 लंदन की शाम थी। जब पत्रकारों ने उनसे तमाम सवाल किये थे और उन्होंने बेबाकी से जवाब दिया था। ये सवाल जवाब एक ऐसे समय हो रहे थे जब अयोध्या में दो बार कारसेवा के प्रयास हो चुके थे। निहत्थे कारसेवकों पर अंधाधुंध गोलिया बरसाकर उनकी हत्या करवा दी गई थी। जब राम जन्मभूमि आंदोलन अपने चरम पर था और वर्तमान सत्ता से आंदोलन से जुड़े लोगों का लगातार टकराव हो रहा था।
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ऐसे समय में अशोक सिंघल जैसे दूरदर्शी व्यक्ति ने दो टूक कहा था कि कांग्रेस ने अगर हस्तक्षेप किया तो उसका अस्तित्व खत्म हो जाएगा और सत्ता की राजनीति से मुस्लिम वोट बैंक की समाप्ति हो जाएगी। ये दोनो ही बातें आज सच साबित हुई हैं।
पूरे देश में हिन्दू जागरण
अशोक सिंघल ने कहा था आज भारत के 70 से 75 फीस दी युवक इस आंदोलन से जुड़ गए हैं। संतों के प्रचार का परिणाम यह हुआ है कि पूरे देश में जन जागरण हो गया है और हिंदू लहर चल रही है। उत्तर प्रदेश की नई सरकार को जनादेश मिला है कि वह मंदिर निर्माण के कार्य में आने वाली बाधाओं को दूर करे। उनका इशारा भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की कल्याण सिंह सरकार की ओर था।
विहिप नेता ने कहा कि हम चाहते हैं कि जो मुस्लिम नेता हैं उनसे मीर वार्ता हो। मीर बाकी के वंशज अभी भी शेष हैं उनसे वार्ता होनी चाहिए। संभवतः उत्तर प्रदेश सरकार विधेयक पारित करके इस समस्या को हल करने का प्रयत्न करे। हम शांतिपूर्ण समाधान चाहते हैं पर ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार हस्तक्षेप करेगी और यदि हस्तक्षेप हुआ तो संघर्ष की स्थिति होगी। जो हिंदू लहर इस समय देश में खड़ी हुई है, उससे कांग्रेस के भविष्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए संभव है कांग्रेस विरोध ना करे।
भ्रांतियां दूर करें
इस सवाल पर कि भारत से बाहर बसे हिन्दुओं का रामजन्मभूमि मामले से क्या संबंध हो सकता है अशोक सिंघल ने कहा कि भारत से बाहर के हिंदुओं का भावनात्मक संबंध है। उन्हें चाहिए कि बाहर इस विषय संबंधी जो भ्रांतियां उत्पन्न की जा रही हैं, उन्हें दूर करने का प्रयत्न करें।
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अयोध्या में किसी मस्जिद को ध्वस्त करके मंदिर नहीं बनाया जा रहा है। वहां मस्जिद है ही नहीं, वहां मंदिर है, जहां रामलला विराजमान हैं। हम मंदिर का पुनर्निर्माण करना चाहते हैं।
उनसे पूछा गया कि यह आरोप लगाया जाता है कि विश्व हिंदू परिषद को विदेशों से धन भेजा गया इसमें कितनी सच्चाई है, अशोक सिंघल ने कहा यह आरोप लगाना तो कुछ लोगों का स्वभाव है। प्रमाण कोई नहीं है। रिजर्व बैंक से पूछा जा सकता है। यदि कुछ लोगों ने धन भेजने का प्रयत्न भी किया तो बैंक ने उनके चेक का भुगतान कराने की अनुमति नहीं दी।
लटका दूसरे पक्ष रहे हैं
पत्रकारों ने कहा भाजपा और विश्व हिंदू परिषद राजनीतिक लाभ के लिए इस मामले को लटकाना चाहते हैं, उन्होंने कहा कि लटकाने की बात तो दूसरे पक्ष के लोग स्वयं करते हैं। हम नहीं कर रहे। वह लटकाना इसलिए चाहते हैं कि मुसलमान नाखुश न हो। सर्वोच्च न्यायालय के अंदर निर्णय 4 दिन में हो सकता है।
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सरकार ने कहा था वह सर्वोच्च न्यायालय से परामर्श करना चाहती है, हमने नहीं रोका। लेकिन फैसला इस बात पर नहीं होगा कि राम जन्मभूमि है या नहीं। मामले को तूल दिया विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार ने सब ने देखा उनकी क्या गति हुई।
कांग्रेस जानती है कि यदि उसने हस्तक्षेप किया तो इसका परिणाम क्या होगा। वह अपने स्वयं का अस्तित्व समाप्त कर लेगी। उन्होंने संत मंडल से लड़ाई ली है। सिंघल ने दो टूक कहा सत्ता की राजनीति में मुस्लिम वोट बैंक समाप्त हो जाएगा। कांग्रेस अल्पमत सरकार है गिर जाएगी।
आंदोलन से देश टूट जाएगा संबंधी सवाल पर सिंघल ने कहा हम ऐसा नहीं मानते। राम मंदिर बनने से पिछली 8 सदियों में देश जितना मजबूत नहीं हुआ है उससे कहीं अधिक मजबूत होगा।
मुसलमानों पर कोई संकट नहीं
सिंघल ने कहा मुसलमानों पर कोई संकट नहीं आ रहा है। बल्कि उनका यह कहना है कि भाजपा के शासन में अधिक सुरक्षित हैं। जहां जहां भाजपा की सरकारें हैं वहां शांति है। मुसलमानों पर कोई अत्याचार नहीं होता।
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हमें कुछ मुस्लिम विधायकों ने कहा है कि हमें भाजपा शासन से कोई चिंता नहीं है। इस आंदोलन के कारण मुसलमानों के साथ कहीं संघर्ष नहीं हुआ। कार सेवा के समय किसी मुसलमान पर उंगली नहीं उठाई गई। हमारा आंदोलन किसी अन्य धर्म के विरुद्ध नहीं है।
मैं समझता हूं कि अधिकांश मुसलमान वस्तुतः शांति बनाए रखने के लिए हिंदुओं के तीनों मुख्य धर्म स्थलों को देने के लिए तैयार हैं लेकिन वर्तमान केंद्र सरकार ऐसा नहीं चाहती है।