Arth Culture Fest 2023: अशोक वाजपेयी रेख़्ता प्रोग्राम में नहीं होंगे शामिल, कहा- 'इस तरह का सेंसरशिप अस्वीकार्य है'
Arth Culture Fest 2023: हिंदी के चर्चित लेखक, कवि अशोक वाजपेयी ने 'अर्थ और रेख़्ता फ़ाउंडेशन' द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'अर्थ कल्चर फेस्ट' में हिस्सा लेने से मना कर दिया।
Ashok Vajpayee News: हिंदी के चर्चित लेखक, कवि और आलोचक अशोक वाजपेयी (Ashok Vajpayee) ने 'अर्थ और रेख़्ता फ़ाउंडेशन' (Arth and Rekhta Foundation) द्वारा आयोजित कार्यक्रम 'अर्थ कल्चर फेस्ट' (Arth Culture Fest 2023) में हिस्सा लेने से मना कर दिया। अशोक वाजपेयी का कहना है, 'आयोजक की तरफ से उन्हें कहा गया कि, वो कार्यक्रम में वही कविताएं पढ़ें जिनमें राजनीति या सरकार की सीधे तौर पर आलोचना न हो।' ये जानकारी अशोक वायपेयी ने अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट के जरिये दी।
अशोक वाजपेयी ने शुक्रवार (24 फ़रवरी) को अपने फ़ेसबुक पेज 'कभी कभार' पर लिखा, 'इस तरह का सेंसर अस्वीकार्य है।' अशोक वाजपेयी अर्थ और रेख़्ता फ़ाउंडेशन के निर्देशों को मानने से साफ इनकार करते हुए स्वयं को इस कार्यक्रम से अलग कर लिया।
जानें क्या है मामला?
आपको बता दें, 'अर्थ लाइव' (Arth Live) 24-26 फरवरी के बीच राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सुंदर नर्सरी में एक सांस्कृतिक मेले का आयोजन कर रहा है। इस कार्यक्रम को 'अर्थ कल्चर फेस्ट' नाम दिया गया है। आज यानी 24 फ़रवरी को 8 बजकर 30 मिनट पर होने वाले सेशन में हिंदी के चर्चित लेखक अशोक वाजपेयी, अनामिका (Anamika), बद्री नारायण (Badri Narayan), धीरेंद्र कुशवाहा (Dhirendra Kushwaha) और मानव कौल (Manav Kaul) को आमंत्रित किया गया था। ये सत्र उर्दू की मशहूर वेबसाइट 'रेख़्ता' (Rekhta) द्वारा आयोजित किया जाना था। अशोक वाजपेयी ने जब इस सेशन में शामिल होने से इनकार कर दिया तो 'अर्थ' ने शेड्यूल में उनके नाम को हटाकर अष्टभुज शुक्ला (Ashtabhuj Shukla) का नाम शामिल किया।
सरकार के मुखर आलोचकों में गिनती
गौरतलब है कि, अशोक वाजपेयी की गिनती केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के मुखर आलोचकों में होती रही है। वर्ष 2015 में 'विरोध के अधिकार' का समर्थन करते हुए वाजपेयी ने साहित्य अकादमी पुरस्कार (Sahitya Akademi Award) लौटा दिया था। जानकारी के अनुसार इस आयोजन का प्रमोटर जी मीडिया समूह है।