एक बजट ऐसा भी: माता-पिता का नहीं रखा ख्याल तो कर्मचारियों की सैलरी काटेगी असम सरकार
असम सरकार ने अपने कर्मचारियों के माता-पिता की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए उनके स्वास्थ्य को वेतन से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। असम के फाइनेंस मिनिस्टर हेमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार (7 फरवरी) को बजट 2017-18 पेश करते हुए कहा कि प्रत्येक कर्मचारी को अपने माता-पिता का ख्याल रखना चाहिए, वरना ऐसा न करने पर राज्य सरकार कर्मचारियों की सैलेरी का एक हिस्सा उनके माता-पिता को दे देगी।
गुवाहाटी: असम सरकार ने अपने कर्मचारियों के माता-पिता की देखभाल सुनिश्चित करने के लिए उनके स्वास्थ्य को सैलरी से जोड़ने का प्रस्ताव रखा है। असम के फाइनेंस मिनिस्टर हेमंत बिस्वा शर्मा ने मंगलवार (7 फरवरी) को बजट 2017-18 पेश करते हुए कहा कि प्रत्येक कर्मचारी को अपने माता-पिता का ख्याल रखना चाहिए, वरना ऐसा न करने पर राज्य सरकार कर्मचारियों की सैलरी का एक हिस्सा उनके माता-पिता को दे देगी।
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फाइनेंस मिनिस्टर हेमंत बिस्वा ने कहा कि अगर एक सरकारी नौकरी वाला बेटा अपने माता-पिता का ध्यान नहीं रखता तो यह गलत है और ऐसी स्थिति में सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह उनकी सैलरी से पैसे काटकर उसके माता-पिता को दे।
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बता दें कि फाइनेंस मिनिस्टर हेमंत बिस्वा ने लगभग चार घंटे के बजट भाषण में किसानों और चाय बागान श्रमिकों सहित सभी वर्गों के फाइनेंशियल इन्क्ल्युजन (वित्तीय समावेशन) पर जोर दिया। यह सबसे लंबे बजट भाषणों में है।
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फाइनेंस मिनिस्टर हेमंत बिस्वा ने बजट 2017-18 के लिए 2,349.79 करोड़ रुपए के घाटे का बजट (डेफिसिट बजट) पेश किया। शर्मा ने विधानसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि केवल आगामी वित्त वर्ष के बजटीय अनुमानों को ध्यान में रखा जाए तो अनुमानित घाटा 367.19 करोड़ रुपए रहेगा।