Assam Encounter: भीषण मुठभेड़ जारी उल्फा-आई और सुरक्षाबलों के बीच, एक उग्रवादी ढेर
Assam Encounter: असम में उल्फा-I और सुरक्षाबलों के बीच भीषण मुठभेड़ की सूचना मिली है। इस मुठभेड़ में एक उग्रवादी ढेर किया है।
Assam Encounter Today: प्रलयकारी बाढ़ की विभीषिका झेल रहे उत्तर – पूर्वी राज्य असम (Assam Encounter) से एक बड़ी खबर सामने आई है। राज्य के तिनसुकिया जिले के काकोपाथर (Kakopathar in Tinsukia district) से विद्रोही संगठन उल्फा-I और सुरक्षाबलों के बीच भीषण मुठभेड़ की सूचना मिली है। जानकारी के मुताबिक, उल्फा-I के विद्रोहियों ने सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड और गोलियों से हमला कर दिया। जिसका भारतीय सेना (Indian Army) के जवानों ने डटकर मुकाबला किया। सेना की जवाबी कार्रवई विद्रोही संगठन का एक उग्रवादी मारा गया। सुरक्षाबलों ने अभी तक मृत विद्रोही के पहचान का खुलासा नहीं किया है।
प्राप्त सूचना के मुताबिक, रूपम असोम के नेतृत्व में चार सदस्यों के एक विद्रोही गुट ने इस हमले को अंजाम दिया है। रूपम असोम के अलावा इस गुट में रिंकू असोम, मृगांका असोम और उदय असोम शामिल थे। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मुठभेड़ में कमांडर रूपम असोम को भी गोली लगी है। लेकिन वह मौके से फरार होने में कामयाब रहा। सुरक्षाबलों को मुठभेड़ स्थल से दो ग्रेनेड मिले हैं।
क्या है उल्फा-I
यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम – इंडिपेंडेंट (उल्फा-I ) असम का एक विद्रोही संगठन है। इस संगठन का मकसद असम को भारत से अलग कर एक स्वतंत्र राष्ट्र बनाना है। उल्फा-आई हर स्वतंत्रता दिवस के मौके पर असम में बंद का आह्वान करता रहा है। हालांकि, ऐसा उसने बीते साल नहीं किया था, लेकिन लोगों से जश्न मनाने से दूर रहने को कहा था। इस संगठन का कहना है कि असम कभी भी ब्रिटिश भारत का हिस्सा नहीं था।
संगठन 24 फरवरी 1826 को ईस्ट इंडिया कंपनी और बर्मा के बीच हुई यंदाबू की संधि का जिक्र करते हुए कहता है कि इस संधि में दोनों पक्षों ने असम की संप्रभुता को स्वीकार कर लिया था और राज्य को कभी भी ब्रिटिश भारत का हिस्सा नहीं बनाया गया था। बता दें कि इस संगठन ने अब तक राज्य में कई हिंसक वारदातों को अंजाम दिया है। भारत सरकार ने 1990 में इस संगठन को प्रतिबंधित कर दिया था।