खुशखबरी! राममंदिर पर इस महीने हो जाएगा फैसला

अयोध्या में चल रहे राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट इस साल नवंबर में अपना फैसला सुना सकता है। इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में इस विवाद को लेकर लगातार सुनवाई चल रही है।

Update:2019-08-31 17:19 IST

अयोध्या में चल रहे राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद पर सुप्रीम कोर्ट इस साल नवंबर में अपना फैसला सुना सकता है। इन दिनों सुप्रीम कोर्ट में इस विवाद को लेकर लगातार सुनवाई चल रही है। सुप्रीम कोर्ट में इस विवाद को लेकर 16 दिनों की सुनवाई पुरी हो चुकी है और इन सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकील अपना पक्ष रख चुके हैं। ऐसे में सम्भावना जताई जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट इस मुद्दे पर नवंबर तक अपना फैसला सुना सकता है।

सुन्नी वक्फ बोर्ड रखेगा अपना पक्ष-

16 दिनों की सुनवाई में हिंदू पक्ष के वकीलों ने अपना पक्ष रख लिया है। अब इस मुद्दे पर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन अपना पक्ष सुप्रीम कोर्ट के सामने रखेंगे। राजीव ने सुप्रीम कोर्ट में रोज-रोज की सुनवाई का विरोध किया था। राजीव ने कहा था कि उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए 20 दिनों का समय चाहिए।

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नवंबर तक आ सकता है फैसला-

नवंबर में इस मामले का ऐतिहासिक फैसला आने की एक और वजह सामने आ रही है। दरअसल, इस केस की सुनवाई चीफ जस्टिस रंजन गंगोई, जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एसए बोबडो, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड और जस्टिस एस अब्दुल नजीर कर रहे हैं। ये पीठ इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर 14 याचिकाओं पर सुनवाई कर रहे हैं। और चीफ जस्टिस रंजन गंगोई इसी साल नवंबर में 17 तारीख को रिटायर होने वाले हैं। ऐसे में उम्मीद ये भी है कि नवंबर में दूसरे हफ्ते तक फैसला आ सकता है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सुनाया था ये फैसला-

अयोध्या विवाद पर पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सितंबर 2010 को अपना फैसला सुनाया था। जिसमें हाई कोर्ट ने जमीनों को तीन बराबर हिस्सों में बांटने को कहा था। फैसले में कहा गया था, रामलला की मूर्ति जिस जगह स्थित है उसे रामलला विराजमान को दे दी जाए, जहां सीता रसोई और राम चबूतरे को निर्मोही अखाड़े को दे दी जाए, और जमान का एक तिहाई लैंड सुन्नी वक्फ बोर्ड को दे दी जाए। इस फैसले के बाद ये मामला सुप्रीम कोर्ट के पास पहुंचा था।

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