Ram Mandir Pran Pratishtha: 'आज हमारे राम आ गए...रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे', PM मोदी ने दी देशवासियों को बधाई

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या नगरी में रामलला दिव्य, भव्य, नव्य मंदिर में विराजमान हो चुके हैं। प्राण प्रतिष्ठा का अनुष्ठान संपन्न हुआ। प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में कहा, 'आज से हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख की चर्चा करेंगे।'

Report :  aman
Update: 2024-01-22 08:18 GMT

अनुष्ठान के बाद प्रधानमंत्री मोदी (Social Media) 

Ram Mandir Pran Pratishtha: अयोध्या राम मंदिर में भगवान श्री राम के बालरूप रामलला के लिए देश-दुनिया में फैले करोड़ों श्रद्धालुओं का इंतजार पूरा हुआ। देश-दुनिया के राम भक्तों की मुराद आखिरकार आज पूरी हो गई। अयोध्या राम मंदिर में रामलला विराज गए हैं। इसी के साथ सनातनियों का 500 वर्ष लंबा इंतजार खत्म हुआ। अनुष्ठान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित किया।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संबोधन में कहा, 'राम आग नहीं ऊर्जा हैं। वह विवाद नहीं बल्कि समाधान हैं। वह वर्तमान नहीं, अनंतकाल हैं। वह भारत के आधार भी हैं और विचार भी।' ये बातें पीएम मोदी ने सोमवार (22 जनवरी) अयोध्या में बने भव्य, नव्य, दिव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद कही।

PM मोदी- अगले 1000 साल तक की नींव रखनी है

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'यही समय है, सही समय है। आज से अगले 1000 साल तक की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर सभी देशवासी भव्य और दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। राम के विचार मानस के साथ जनमानस में भी हों, यह राष्ट्र निर्माण की सीढ़ी है। उन्होंने कहा, आज के युग की मांग है कि, हमें अपने अंतःकरण को विस्तार देना होगा। हनुमान की भक्ति, सेवा और समर्पण को हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता। हर भारतीय में ये गुण निहित हैं। यही देव से देश और राम से राष्ट्र का आधार बनेंगे।'

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2024-01-22 09:24 GMT

'एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है'

पीएम मोदी ने कहा, 'आज अयोध्या भूमि सवाल कर रही है कि श्रीराम का भव्य मंदिर तो बन गया, अब आगे क्या? सदियों का इंतजार तो खत्म हुआ, अब आगे क्या? जो दैवीय आत्माएं हमें आशीर्वाद देने उपस्थित हुई हैं, उन्हें क्या हम ऐसे ही विदा करेंगे। हमें आज इस पवित्र समय से अगले एक हजार साल के भारत की नींव रखनी है। मंदिर निर्माण से आगे बढ़कर सभी देशवासी समर्थ, सक्षम, भव्य, दिव्य भारत के निर्माण की सौगंध लेते हैं। राम के विचार जनमानस में भी हों, यही राष्ट्र निर्माण की सीढ़ी है। हमें चेतना का विस्तार देना होगा। हनुमान जी की भक्ति, उनकी सेवा, उनका समर्पण ऐसे गुण हैं, जिन्हें हमें बाहर नहीं खोजना पड़ता। पीएम ने कहा, प्रत्येक भारतीय में भक्ति, सेवा के भाव आधार बनेंगे। यही है देव से देश, राम से राष्ट्र की चेतना का विस्तार।'

2024-01-22 09:22 GMT

राम भारत की आस्था हैं, भारत के आधार हैं

पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, 'यह मंदिर मात्र एक दैव मंदिर नहीं है। यह भारत की दृष्टि का, दर्शन का, दिग्दर्शन का मंदिर है। यह राम के रूप में राष्ट्र चेतना का मंदिर है। राम भारत की आस्था हैं, भारत के आधार हैं। राम भारत का विचार है, विधान हैं। चेतना है, चिंतन हैं। प्रतिष्ठा हैं, प्रताप हैं। राम नेकी भी है, नीति भी है। नित्यता भी है, निरंतरता भी हैं। राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं। जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव वर्षों, शताब्दियों तक नहीं होता, हजारों वर्षों के लिए होता है।'

2024-01-22 09:19 GMT

पीएम मोदी- राम विवाद नहीं समाधान हैं

प्रधानमंत्री मोदी ने राम को अभिव्यक्त करते हुए कहा, 'हर युग में लोगों ने राम को जीया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। उन्होंने कहा, यह 'राम रस' जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहा है और आगे भी बहता रहेगा। पीएम मोदी ने कहा, राम आग नहीं ऊर्जा हैं। विवाद नहीं समाधान हैं।'

2024-01-22 09:14 GMT

रमंते इति रामः

प्रधानमंत्री ने आगे कहा, 'देश को समायोजित करने वाला इससे उत्कृष्ट सूत्र और क्या हो सकता है? आज देश के कोने-कोने में रामायण सुनने का अवसर लोगों को मिला है। पीएम ने कहा, पिछले 11 दिनों में मुझे रामायण अलग-अलग भाषाओं में सुनने का मौका मिला। राम को परिभाषित करते हुए ऋषियों ने कहा है कि, रमंते इति रामः।'

2024-01-22 09:13 GMT

'सागर से सरयू तक रामनाम का वही उत्सव'

प्रधानमंत्री मोदी ने संबोधन में अपने 11 दिन के व्रत अनुष्ठान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा, इन 11 दिनों के दौरान मैंने उन स्थानों का चरण स्पर्श करने का प्रयास किया, जहां प्रभु श्रीराम के चरण पड़े थे। चाहे वो नासिक हो या केरल, रामेश्वरम हो या फिर धनुषकोडी, मेरा सौभाग्य है कि सागर से सरयू तक की यात्रा का अवसर मिला। उन्होंने कहा, सागर से सरयू तक रामनाम का वही उत्सव छाया हुआ है। प्रभु राम तो भारत की आत्मा के कण-कण से जुड़े हैं। हम भारत में कहीं भी किसी की अंतरआत्मा को छुएंगे तो इसी एकत्व की अनुभूति होगी।'

2024-01-22 09:11 GMT

पीएम मोदी- कालचक्र फिर बदलेगा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'आज का दिन बेहद खास है। आज शाम घर-घर में राम ज्योति प्रज्वलित करने की तैयारी है। कल मैं श्रीराम के आशीर्वाद से राम सेतु के आरंभ बिंदु पर था। जिस घड़ी भगवान प्रभु श्रीराम समुद्र पार करने निकले थे। वह पल था, जिसने कालचक्र बदला था। उसे महसूस करने का मेरा विनम्र प्रयास था। लेकिन, अब कालचक्र फिर बदलेगा। शुभ दिशा में बढ़ेगा।'

2024-01-22 09:08 GMT

भारत की न्यायपालिका का आभार व्यक्त करूंगा

पीएम मोदी ने कहा, 'मुझे विश्वास है कि प्रभु राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। क्योंकि, आज लंबे वियोग से आई आपत्ति का अंत हो गया। उन्होंने कहा, त्रेता युग में तो वह वियोग केवल 14 वर्षों का था। तब भी इतना असह्य था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों वर्षों का वियोग सहा। पीएम बोले, हमारी कई-कई पीढ़ियों ने ये वियोग सहा। भारत के तो संविधान की पहली प्रति में भगवान राम विराजमान हैं। संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। इसलिए आज मैं भारत की न्यायपालिका का आभार व्यक्त करूंगा। जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्याय बद्ध तरीके से ही बना।'

2024-01-22 09:06 GMT

'लंबे वियोग से आई आपत्ति का अंत हो गया'

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा, 'दैवीय आशीर्वाद और दिव्य आत्माओं की वजह से आज यह मंगल कार्य पूरा हुआ है। मैं इन सभी दिव्य चेतनाओं को भी नमन करता हूं। उन्होंने कहा, मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, हमारे त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक ये कार्य कर नहीं पाए। आज वो कमी पूरी हुई है। लंबे वियोग से आई आपत्ति का आज अंत हो गया।' 

2024-01-22 09:04 GMT

PM मोदी- ये समय सामान्य नहीं है

उन्होंने कहा, 'आज दिन-दिशाएं, दिग-दिगंत, सब दिव्यता से परिपूर्ण हैं। पीएम मोदी ने संबोधन में कहा, ये समय सामान्य नहीं है। यह काल के चक्र पर सर्वकालिक स्याही से अंकित हो रही अमिट स्मृति रेखाएं हैं। देशवासियों हम सब जानते हैं कि जहां भगवान राम का काम होता है, वहां पवन पुत्र हनुमान अवश्य विराजमान होते हैं। इसलिए मैं रामभक्त हनुमान और हनुमान गढ़ी, माता जानकी, अयोध्या पुरी और सरयू को भी प्रणाम करता हूं। भारत और शत्रुघ्न का भी नमन करता हूं।'

2024-01-22 09:02 GMT

...ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, 'गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा हुआ राष्ट्र ऐसे ही नव इतिहास का सृजन करता है। उन्होंने कहा, आज से हजार साल बाद भी आज की इस तारीख और पल की चर्चा करेंगे। यह कितनी बड़ी राम कृपा है। हम सब इस पल को जी रहे हैं। इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं।

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