Balasore Train Accident: CBI की चार्जशीट में रेलवे के 3 ऑफिसर्स के नाम, गैर-इरादतन हत्या के आरोप, 296 लोगों की गई थी जान

Balasore Train Accident: बालासोर रेल हादसे में सीबीआई ने अपनी चार्जशीट दाखिल की है। जिसमें रेलवे के तीन अधिकारियों के नाम हैं। तीनों को केंद्रीय जांच एजेंसी ने 7 जुलाई को गिरफ्तार किया था।

Update:2023-09-02 21:45 IST
Balasore Train Accident (Social Media)

Balasore Train Accident : ओडिशा के बालासोर में 2 जून, 2023 को हुए ट्रेन हादसे में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने चार्जशीट दाखिल की है। सीबीआई की चार्जशीट में रेलवे के तीन अधिकारियों के नाम हैं। इनमें सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) अरुण कुमार महंत, सीनियर सेक्शन इंजीनियर (सिग्नल) मोहम्मद आमिर खान और टेक्नीशियन पप्पू कुमार शामिल हैं।

सीबीआई की चार्जशीट में रेलवे के तीनों अधिकारियों पर गैर इरादतन हत्या (Culpable homicide) और सबूतों को गायब करने के आरोप है। बता दें, तीनों आरोपियों को CBI ने 7 जुलाई को गिरफ्तार किया था। गौरतलब है कि, बालासोर में हुए रेल हादसे में 296 लोग मारे गए थे जबकि 1200 से अधिक घायल हुए थे।

चार्जशीट में CBI ने क्या कहा?

ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष दायर चार्जशीट में CBI ने कहा कि, 'जांच के दौरान पेश किए गए सबूतों के आधार पर IPC की धारा-304 पार्ट-II (गैर इरादतन हत्या), धारा-34 के साथ ही धारा-201 लगी है। जांच एजेंसी के प्रवक्ता के हवाले से बताया गया कि, आरोपी के खिलाफ सामान्य इरादे से अपराध के सबूतों को गायब करना और रेलवे अधिनियम की धारा-153 यानी जानबूझकर किए गए कृत्य से रेलवे यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डालना, लगाई गई है।'

आरोप पत्र में ये भी कहा

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने अपनी चार्जशीट में ये भी कहा है कि, बहनागा बाजार रेलवे स्टेशन के सिग्नल और दूरसंचार के रखरखाव की सीधी जिम्मेदारी आरोपी की थी। आरोप पत्र (charge sheet) में ये भी कहा कि, बहनागा बाजार स्टेशन (जहां हादसा हुआ) के पास लेवल क्रॉसिंग गेट नंबर- 94 पर मरम्मत का काम तथा LC गेट नंबर- 79 के सर्किट का उपयोग महंत की सीधी निगरानी में किया गया था। चार्जशीट में आगे कहा गया है कि, आरोपियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि मौजूदा सिग्नल और इंटरलॉकिंग इंस्टॉलेशन (Interlocking Installation) का परीक्षण, ओवरहालिंग और बदलाव योजना निर्देशों के अनुसार थे या नहीं। मगर, आरोपियों ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। ज्ञात हो कि, सीबीआई ने ओडिशा पुलिस (Odisha Police) से जांच अपने हाथ में ले ली थी।

'गलत सिग्नलिंग' हादसे की मुख्य वजह

ओडिशा के बालासोर में हुए इस भीषण हादसे में रेलवे ने उच्च स्तरीय जांच में पाया कि, हादसे की मुख्य वजह 'गलत सिग्नलिंग' था। जांच में ये भी सामने आया कि, सिग्नलिंग और दूरसंचार विभाग में कई स्तरों पर चूक हुई थी। इन्हें चिह्नित किया गया था। संकेत दिया गया था कि, अगर पिछली चेतावनी सिग्नलों की सूचना दी जाती तो इस त्रासदी को टाला जा सकता था। रेलवे सुरक्षा आयोग (Railway Safety Commission) द्वारा रेलवे बोर्ड को सौंपी गई स्वतंत्र जांच रिपोर्ट (Independent Investigation Report) में ये भी कहा गया है कि, सिग्नलिंग में खामियों के बावजूद अगर दो समानांतर पटरियों को जोड़ने वाले स्विचों का 'बार-बार असामान्य व्यवहार' होता तो सिग्नलिंग और दूरसंचार कर्मचारियों द्वारा जरूरी कदम उठाए जा सकते थे। इस संबंध में बहनागा बाजार स्टेशन प्रबंधक द्वारा उन्हें सूचना भी दी गई थी।

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