बार काउंसिल की वकीलों को कड़ी चेतावनी, कहा-दोषियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

मामले को संज्ञान में लेते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया भी हरकत में आया और वकीलों को कड़ी चेतावनी दी बार काउंसिल ने कहा कि रोहिणी और साकेत कोर्ट में हिंसा करने वाले वकीलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

Update: 2019-11-05 10:47 GMT

नई दिल्ली: वकीलों और पुलिस के बीच का मामला जोर पकड़ता जा रहा है। शनिवार को हुई झड़प का मामला मंगलवार को एक बार फिर तब सुलग गया जब पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन करने जुटे पुलिसकर्मियों ने कमिश्नर अमूल्य पटनायक की बात भी नहीं मानी और प्रदर्शन को जारी रखा। साथ ही पटनायक के इस्तीफे की भी मांग भी कर दी।

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मामले को संज्ञान में लेते हुए बार काउंसिल ऑफ इंडिया भी हरकत में आया और वकीलों को कड़ी चेतावनी दी बार काउंसिल ने कहा कि रोहिणी और साकेत कोर्ट में हिंसा करने वाले वकीलों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। बार काउंसिल ने वकीलों को चेताया कि वे हड़ताल खत्म कर तत्काल काम पर लौटें नहीं तो इसके खिलाफ भी काउंसिल को कड़ा कदम उठाना पड़ेगा।

बार काउन्सिल ऑफ इंडिया ने बार संगठनों को पत्र लिखकर गुंडागर्दी में संलिप्त वकीलों की पहचान करने का अनुरोध किया है। इस संस्था ने वकीलों से अपना विरोध खत्म करने का आग्रह किया है क्योंकि यह संस्थान को बदनाम कर रहा है।

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बार काउन्सिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने इस तरह के उपद्रवी तत्वों को बख्शने से संस्थान की छवि खराब कर रही है और बार संगठनों की यही निष्क्रियता तथा सहनशीलता ऐसे वकीलों का हौसला बढ़ाती है। अंत में इसकी परिणति उच्च न्यायालयों या उच्चतम न्यायालय में अवमानना कार्यवाही के रूप में होती है।

मिश्रा ने अपने पत्र में कहा, दिल्ली उच्च न्यायालय के शानदार कदम के बाद भी जिस तरह से कुछ वकीलों ने आचरण कर रहे हैं, कुछ वकीलों के कल (चार नवंबर) के आचरण ने हमें विचलित किया है।

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अदालत से अनुपस्थित रहने या हिंसा का सहारा लेना हमारे लिये मददगार नहीं होगा बल्कि ऐसा करके हम अदालतों, जांच कर रहे न्यायाधीशी, सीबीआई, गुप्तचर ब्यूरो और सतर्कता विभाग की सहानुभूति भी खो रहे हैं। यहां तक कि आम जनता की राय भी हमारे विरूद्ध जा रही है। इसके नतीजे खतरनाक हो सकते हैं।

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