बरनाला: किसान-मजदूर एकता महारैली, इस दिन दिल्ली की तरफ रुख करेंगे किसान

कृषि कानूनों के खिलाफ अब भी किसान आंदोलन जारी है। इस आंदोलन को और मज़बूती देने के लिए भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और पंजाब खेत मजदूर यूनियन ने रविवार को बरनाला की अनाज मंडी में किसान-मजदूर एकता महारैली की।

Update: 2021-02-22 03:34 GMT
किसान-मजदूर एकता महारैली

बरनाला: कृषि कानूनों के खिलाफ अब भी किसान आंदोलन जारी है। इस आंदोलन को और मज़बूती देने के लिए भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां और पंजाब खेत मजदूर यूनियन ने रविवार को बरनाला की अनाज मंडी में किसान-मजदूर एकता महारैली की। जिसके साथ ही 27 फ़रवरी को किसान नेता दिल्ली बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पहुंचेंगे।

किसान पहुंचेंगे बड़ी संख्या में दिल्ली बॉर्डर

बता दें, कि इस महारैली में पंजाब-हरियाणा सहित अन्य राज्यों से किसानों, मजदूरों और महिलाओं ने भारी संख्या में शिरकत की। वही भाकियू एकता उगराहां के प्रदेश अध्यक्ष जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा कि प्रधानमंत्री समझ रहे हैं कि पंजाब में किसानों का आंदोलन ठंडा पड़ गया है और किसान अब पहले की तरह उग्र नहीं हैं। जिसको लेकर उन्होंने आगे कहा कि वह 27 फ़रवरी को अपने तेवर दिखाएंगे ।

महिला दिवस दिल्ली बॉर्डर पर

महिला ट्रेक्टर रैली के बाद अब एक बार फिर मार्च के दिन महिला दिवस महिलाएं दिल्ली बॉर्डर पर मनाएंगी और मोदी सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगी। साथ ही 23 फ़रवरी के दिन शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह का जन्मदिवस मनाया जाएगा।

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जल्द ही किसान मांगों को लेकर सफल होंगे

जोगिंदर सिंह ने आगे बताया कि किसान आंदोलन को और मजबूत करने के लिए किसान और खेत मजदूर की एकता होना बेहद आवश्यक है। दिल्ली लाल किले पर हुए हिंसा पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि किसानों के ट्रैक्टर कूच को केंद्र सरकार ने अपने स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए अलग दिशा देने का काम किया है, लेकिन किसानों की एकता के कारण वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाई। केंद्र की दमनकारी नीति के खिलाफ एक बार फिर आंदोलन ने गति पकड़ ली है, जल्द ही किसान अपनी मांगों को लेकर केंद्र को झुकाने में सफलता प्राप्त करेंगे।

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