Bengaluru Blast Case : दो आतंकी बंगाल से गिरफ्तार, BJP ममता सरकार पर हमलावर, TMC ने किया पलटवार

Bengaluru Blast Case : बेंगलुरु के प्रसिद्ध रामेश्वरम कैफे में पिछले महीने हुए ब्लास्ट के मामले में एनआईए की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है।

Report :  Anshuman Tiwari
Update: 2024-04-12 10:53 GMT

दो आतंकी बंगाल से गिरफ्तार (Photo - Social Media)

Bengaluru Blast Case : बेंगलुरु के प्रसिद्ध रामेश्वरम कैफे में पिछले महीने हुए ब्लास्ट के मामले में एनआईए की टीम को बड़ी कामयाबी मिली है। एनआईए ने धमाके में शामिल दो आतंकियों अब्दुल मतीन और मुसाविर हुसैन शजीब को गिरफ्तार कर लिया है। शजीब को इस धमाके का मुख्य आरोपी बताया जा रहा है, जबकि अब्दुल की गिरफ्तारी सह षड्यंत्रकारी के रूप में की गई है। एनआईए की टीम को पूर्वी मिदनापुर के दीघा में उनके ठिकाने का पता चला था और यहीं से इन दोनों को गिरफ्तार किया गया है।

पश्चिम बंगाल में हुई इस गिरफ्तारी के बाद सियासी घमासान भी छिड़ गया है। भाजपा ने ममता सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। दूसरी ओर टीएमसी ने भी भाजपा पर पलटवार किया है। पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल की पुलिस की मदद के कारण ही एनआईए को आतंकियों को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिल सकी है।

कर्नाटक के रहने वाले हैं दोनों आतंकी

एनआईए के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे में हुए धमाके के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए दोनों आरोपी कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के तीर्थहल्ली के रहने वाले हैं। एनआईए ने पिछले दिनों शजीब और अब्दुल की इस धमाके के आरोपियों के रूप में पहचान की थी।

दोनों आतंकियों का पता लगाने और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए देश में कई ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। एनआईए की टीम ने उत्तर प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के 18 स्थानों पर तलाशी ली थी मगर इन आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था।

एनआईए ने छेड़ा था बड़ा अभियान

पिछले महीने एक मार्च को बेंगलुरु के मशहूर रामेश्वरम कैफे में धमाका हुआ था जिसमें कई लोग घायल हो गए थे। इस धमाके के बाद ही आरोपियों की धरपकड़ के लिए बड़ा अभियान छेड़ा गया था। चिक्कमगलुरु के खालसा निवासी मुजम्मिल शरीफ को 26 मार्च को गिरफ्तार किया गया था, जिसने मुख्य आरोपी को रसद की मदद पहुंचाई थी।

एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि शरीफ से पुलिस हिरासत में पूछताछ की गई थी। एजेंसी ने 29 मार्च को प्रत्येक फरार आरोपी की गिरफ्तारी के लिए सूचना देने पर 10 लाख का इनाम देने की भी घोषणा की थी।

ब्लास्ट के पीछे बड़ी साजिश का खुलासा

एनआईए की टीम को आज उस समय बड़ी कामयाबी मिली जब बेंगलुरु के कैफे में धमाके को अंजाम देने वाले दोनों आतंकियों को पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले से गिरफ्तार कर लिया गया। एनआईए की टीम का कहना है कि शजीब ने ही बैग में बम रखा था और वह उसे कैफे में छोड़ आया था। घटना की साजिश में अब्दुल मतीन भी शामिल था और उसने शजीब को भागने में मदद पहुंचाई थी।

एनआईए का कहना है कि यह महज दो लोगों की हरकत का नतीजा नहीं है। इस धमाके के पीछे एक बहुत बड़ा नेटवर्क है जो विदेश तक फैला हुआ है। दोनों आतंकियों को विदेशी हैंडलर्स से निर्देश मिल रहे थे और दोनों एक बड़े आतंकी मॉड्यूल का हिस्सा हैं।

भाजपा का हमला,टीएमसी का पलटवार

दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी के बाद भाजपा नेता अमित मालवीय ने ममता सरकार और टीएमसी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दोनों आतंकियों की गिरफ्तारी से यह बात साफ हो गई है कि पश्चिम बंगाल आतंकवादियों की सुरक्षित पनाहगाह बन चुका है। आतंकी घटनाएं करने वालों को पश्चिम बंगाल में शरण मिल रही है।

भाजपा नेता के हमले के बाद टीएमसी ने भी पलटवार किया है। टीएमसी नेता कुणाल घोष ने कहा कि पश्चिम बंगाल की पुलिस के मदद करने से ही इन आतंकियों की गिरफ्तारी संभव हो सकी है। उन्होंने कहा कि रामेश्वरम ब्लास्ट केस में पश्चिम बंगाल की पुलिस ने अच्छा काम किया है।

उन्होंने कहा कि बीजेपी और उनके नेताओं से पूछना चाहिए कि ये गिरफ्तारियां कहां हुई हैं- कांथी। हम सभी जानते हैं कि कौन सा परिवार और भाजपा का मुख्य नेता वहां से अवैध गतिविधियां चलाता है।

उल्लेखनीय है की कांथी को भाजपा के वरिष्ठ नेता शुभेंदु अधिकारी और उनके परिवार का गढ़ माना जाता है। लोकसभा चुनाव के मौके पर हुई इस गिरफ्तारी के बाद सियासी घमासान और तेज होने की संभावना है।

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