Bengaluru Flood: बारिश ने तोड़ दी भारत के 'सिलिकॉन सिटी' की कमर, नाव-ट्रैक्टर से दफ्तर जा रहे IT प्रोफेशनल्स

Bengaluru Flood: आईटी प्रोफेशनल्स भी नाव-ट्रैक्टर के जरिये ही दफ्तर पहुंच रहे हैं। बेंगलुरु की इस हालत ने उसके 'सिलिकॉन वैली' जैसे उपनामों पर भी अब प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं।

Written By :  aman
Update: 2022-09-07 14:44 GMT

Bengaluru Flood

Bengaluru Flood: दक्षिणी राज्य कर्नाटक (Karnataka) की राजधानी बेंगलुरु (Bengaluru) इन दिनों भारी बारिश और शहर में जलभराव की समस्या से जूझ रहा है। बेंगलुरु की पहचान इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री के हब के रूप में होती रही है। बेंगलुरु को भारत का 'सिलिकॉन सिटी' (India's 'Silicon City') के नाम से भी जाना जाता है। मगर, पिछले कुछ दिनों से यह खूबसूरत शहर बेहाल है।

लगातार भारी बारिश (Bengaluru Rain) ने शहर को तालाब में तब्दील कर दिया है। सड़कों पर जगह-जगह गाड़ियां पानी में डूबी है। एक से एक महंगी गाड़ियां अब सडकों पर तैरती नजर आ रही है। जिस बेंगलुरु की सड़कों पर एक से एक वाहन फर्राटे से दौड़ते थे आज वहां नाव चल रही है।


नाव-ट्रैक्टर से दफ्तर जा रहे आईटी प्रोफेशनल्स

बारिश की वजह से उत्पन्न हालात के बाद लोगों को उनके घरों से ट्रैक्टरों के जरिये रेस्क्यू किया जा रहा है। आईटी प्रोफेशनल्स (IT Professionals) भी नाव और ट्रैक्टर के जरिये ही दफ्तर पहुंच रहे हैं। कोई कैब उन्हें लेने नहीं आ पाएगी। बेंगलुरु की इस हालत ने उसके 'सिलिकॉन वैली' जैसे उपनामों पर भी अब प्रश्न चिन्ह लगा दिए हैं। साथ ही, सोशल मीडिया पर ये बहस भी छिड़ गई है कि क्या आईटी कंपनियों के लिए बेंगलुरु ही बेस्ट है?

यहां आपको बता दें, कि भारी बारिश के बाद बेंगलुरु में बाढ़ के हालात उत्पन्न होने से आईटी और बैंकिंग कंपनियों (IT and Banking Companies) को एक दिन में करीब 225 करोड़ रुपए का नुकसान उठाना पड़ा है। अब ये हालात जितने दिन कायम रहेंगे आप उससे इस आंकड़े को गुणा करते जाएं।


सीएम को पत्र, बताया नुकसान का आंकड़ा

आउटर रिंग रोड कंपनीज एसोसिएशन (Outer Ring Road Companies Association) ने इस संबंध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई (Karnataka CM Basavaraj Bommai) को चिठ्ठी लिखी है। इस संगठन ने पत्र में सीएम को लिखा है कि, 'सिर्फ आउटर रिंग रोड कॉरिडोर में आईटी और बैंकिंग सेक्टर की कंपनियों में तकरीबन 50 हजार से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। 


ये कंपनियां सालाना 22 मिलियन रेवेन्यू पैदा करती हैं। संगठन ने आगे लिखा कि, इस कॉरिडोर में खस्ताहाल इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण कंपनियों को दिक्कतें हो रही हैं। 


20 अगस्त को आउटर रिंग रोड पर बाढ़ के हालात उत्पन्न होने से कर्मचारी 05 घंटे से ज्यादा सड़क पर फंसे रहे थे। इससे कंपनियों को 225 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ था।'



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