Jammu-Kashmir Elections 2024: ‘देर आए पर दुरुस्त आए', चुनावी बिगुल फूंकने पर बोले उमर अब्दुल्ला, अधिकारी तबादले पर उठाए सवाल

Jammu-Kashmir Elections 2024: देर आए दुरुस्त आए। 1987-1988 के बाद यह पहली बार है, जब जम्मू-कश्मीर में इतने कम चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं।

Report :  Viren Singh
Update: 2024-08-16 11:34 GMT

Jammu-Kashmir Elections 2024 (सोशल मीडिया) 

Jammu-Kashmir Elections 2024: जिस घंडी का पूरे जम्मू-कश्मीर के लोगों का इंतजार कई सालों से था, आखिरकार वो घंडी आज आ गई। भारतीय चुनाव आयोग ने जम्मू कश्मीर के विधानसभा चुनाव 2024 के तारीखों का ऐलान कर दिया है। करीब 10 साल बाद राज्य विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। लोग अपनी अपनी सरकार चुनेगे। राज्य में आखिरी बार विधासभा चुनाव साल 2014 में हुए थे। भाजपा और पीडीपी ने मिलकर सरकार बनाई थी, लेकिन गठबंधन की सरकार अपना पूरा कार्यकाल नहीं कर पाई। कश्मीर में बिगड़ते हालात को देखते हुए 2018 में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। अब जब चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है तो राज्य के नेताओं में भी खुशी का माहौल है। उनका कहना है कि देर आए पर पर दुरुस्त आए।

देर आए दुरुस्त आए, बोले उमर अब्दुल्ला

Assembly elections 2024, Jammu Kashmir Assembly elections 2024, National Conference leader Omar Abdullah, Omar Abdullah, BJP, PDP, assembly election results, Jammu Kashmir latest news, कहा, देर आए दुरुस्त आए। चुनाव आयोग ने तीन चरणों में चुनाव की तारीखों की घोषणा की है। कार्यक्रम कुछ ही समय में समाप्त हो जाएगा। 1987-1988 के बाद यह पहली बार है, जब जम्मू-कश्मीर में इतने कम चरणों में चुनाव कराए जा रहे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस इस दिन के लिए तैयार थी। हम जल्द ही अपना चुनाव अभियान शुरू करेंगे।

अधिकारियों के ट्रांसफर पर अब्दुल्ला ने उठाए सवाल

राज्य में एकाएक हुए अधिकारियों के तबादले पर उमर अब्दुल्ला ने सवाल खड़े करते हुए भारतीय चुनाव आयोगा से जांच कराने की मांग की है। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता ने कहा कि हम भारत के चुनाव आयोग को लिख रहे हैं कि उन्हें पिछले 24 घंटों में जम्मू-कश्मीर में हुए तबादलों की जांच करनी चाहिए। कई अधिकारियों को अचानक स्थानांतरित कर दिया गया। हमें संदेह है कि ये तबादले एलजी द्वारा भाजपा की बी और सी टीमों को लाभ पहुंचाने के लिए किए गए हैं, जिन्हें भाजपा ने यहां रखा है।

सुरक्षा बहाल की जाए

उन्होंने ये भी कहा कि पिछले 1-2 वर्षों में, कुछ नेताओं की सुरक्षा कम कर दी गई है और वापस ले ली गई है। हम ईसीआई से अनुरोध करते हैं कि वे आदेश दें और सुनिश्चित करें कि उनकी सुरक्षा बहाल की जाए।

राज्य का दर्जा की मांग करते रहेंगे

कांग्रेस नेता गुलाम अहमद मीर ने कहा कि चुनावी घोषणा का मैं स्वागत करता हूं। भले ही देर हो गई हो, लेकिन कम से कम एक कदम तो उठाया गया है। आज जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए खुशी का दिन है। सदन के गठन के बाद हम राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि लोगों को सावधानी से वोट देना होगा और उन लोगों को वोट देना होगा जो राज्य के दर्जे के लिए लड़ेंगे।

18 सितंबर होगी पहली वोटिंग

बता दें कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव की तारीखों का शुक्रवार को ऐलान कर कर दिया। जम्मू-क्श्मीर की 90 सीटों पर तीन चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। पहले चरण का मतदान 18 सितंबर होगा। दूसरे चरण की वोटिंग 25 सितंबर को होगी, जबकि तीसरा और आखिरी चरण का मतदान 1 अक्टूबर को होगा। पहले चरण के लिए नोटिफिकेशन 20 अगस्त को जारी होगा। नामाकंन की आखिरी तरीखा 27 अगस्त होगी। नामाकंन की जांच पड़ताल 28 अगस्त होगी, जबकि उम्मीदवार के नामांकन वापसी की तिथि 30 अगस्त है, जोकि आखिरी डेट है। 

1 अक्टूबर को नतीजे

जम्मू कश्मीर के दूसरे चरण के चुनाव के लिए गैजेट नोटिफिकेशन 29 अगस्त को जारी होगा। नामांकन की आखिरी तारीख 5 सितंबर होगी। उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 9 सितंबर होगी। 25 सितंबर को चुनाव होंगे। वहीं, तीसरे चरण के लिए गैजेट नोटिफिकेशन 5 सितंबर को जारी होगा, वहीं नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर होगी। उम्मीदवारी वापस लेने की आखिरी तारीख 17 सितंबर होगी। एक अक्तूबर को चुनाव होंगे।

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