Mukhtar Ansari: माफिया मुख्तार को लेकर पंजाब में मचा घमासान, सीएम और पूर्व सीएम आमने-सामने
Mukhtar Ansari News: गैंगस्टर मुख्तार को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह आमने-सामने हो गए हैं। दोनों नेताओं के बीच ट्विटर वार छिड़ा हुआ है।
Mukhtar Ansari News: उत्तर प्रदेश का कुख्यात माफिया और बाहुबली राजनेता मुख्तार अंसारी इन दिनों बांदा जेल में बंद है। उसके गुनाहों का हिसाब तेजी से हो रहा है। यूपी में जहां माफिया डॉन पर ताबड़तोड़ एक्शन हो रहा है, वहीं पंजाब में उसे लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। गैंगस्टर मुख्तार को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री भगवंत मान और पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह आमने-सामने हो गए हैं। दोनों नेताओं के बीच ट्विटर वार छिड़ा हुआ है।
दरअसल, पिछले दिनों पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कहा था कि रोपड़ की जेल में बंद रहने के दौरान यूपी के गैंगस्टर मुख्तार अंसारी पर जो पैसा खर्च हुआ था, उसका भुगतान सरकारी खजाने से नहीं होगा। उन्होंने कहा कि उस दौरान खर्च किए गए लाखों की रकम की रिकवरी तत्कालीन मुख्यमंत्री और जेल मंत्री से की जाएगी। उनके इसी बयान पर तत्कालीन मुख्यमंत्री रहे अमरिंदर सिंह ने पलटवार किया। जिसका मान ने भी करारा जवाब दिया।
पंजाब सीएम के किस बयान पर भड़के कैप्टन
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने रविवार को ट्वीट कर लिखा था, यूपी के गैंगस्टर अंसारी को पंजाब जेल में रखने और सुप्रीम कोर्ट में उसका केस लड़ने की 55 लाख की फीस पंजाब के खजाने से नहीं दी जाएगी। यह पैसा तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और जेल मंत्री सुखजिंदर रंधावा से वसूल जाएगा। भुगतान नहीं करने की स्थिति में उनकी पेंशन और अन्य सरकारी लाभ रद्द कर दिए जाएंगे।
UP ਦੇ ਗੈਂਗਸਟਰ ਅੰਸਾਰੀ ਨੂੰ ਆਪਣੀ ਦੋਸਤੀ ਨਿਭਾਉਣ ਲਈ ਪੰਜਾਬ ਦੀ ਜੇਲ੍ਹ ਚ ਰੱਖਣ ਅਤੇ ਉਸਦਾ ਕੇਸ ਸੁਪਰੀਮ ਕੋਰਟ ਚ ਲੜਣ ਦੀ ਫੀਸ 55 ਲੱਖ ਪੰਜਾਬ ਦੇ ਖ਼ਜ਼ਾਨੇ ਚੋਂ ਨਹੀ ਦਿੱਤੇ ਜਾਣਗੇ .. ਉਸ ਵੇਲੇ ਦੇ ਗ੍ਰਹਿ ਮੰਤਰੀ ਕੈਪਟਨ ਅਮਰਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਅਤੇ ਜੇਲ੍ਹ ਮੰਤਰੀ ਸੁਖਜਿੰਦਰ ਸਿੰਘ ਰੰਧਾਵਾ ਤੋਂ ਇਹ ਪੈਸਾ ਵਸੂਲਿਆ ਜਾਵੇਗਾ..ਪੈਸਾ ਨਾ ਦੇਣ ਦੀ ਸੂਰਤ…
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) July 2, 2023
भगवंत मान के इस ट्वीट पर तत्कालीन मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भड़क गए। उन्होंने ट्वीट कर ही इसका जवाब भी दिया। कांग्रेस से बीजेपी में आए कैप्टन ने लिखा, भगवंत मान ऐसे मूर्खतापूर्ण बयान जारी करने से पहले कानून और जांच की प्रक्रिया को सीखें, ऐसे बयान शासन की प्रक्रिया के बारे में आपकी अज्ञानता को उजागर करती है। अंसारी को पंजाब लाया गया और जांच के लिए कानून की उचित प्रक्रिया के तहत यहां हिरासत में लिया गया, तो मुख्यमंत्री या उस मामले में जेल मंत्री कहां से तस्वीर में आते हैं?
Mr @BhagwantMann first learn the process of law & investigation before issuing such foolish statements that only expose your ignorance about the process of governance.
Ansari was brought to Punjab & detained here under due process of law for the investigation, so where does the… https://t.co/ill1tbaUEs— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) July 2, 2023
कैप्टन अमरिंदर सिंह के इस बयान पर मुख्यमंत्री भगवंत मान की ओर से भी तीखी प्रतिक्रिया आई। उन्होंने कैप्टन के परिवार के इतिहास को ही लपेटे में ले लिया। मान ने ट्वीट कर लिखा, कैप्टन साहब मैं पंजाब के लोगों के पैसे की रक्षा कर रहा हूं..आप मुझे अज्ञानी कह रहे हैं..कैप्टन साहब आप मुगल शासन के दौरान मुगलों के साथ थे..ब्रिटिश शासन के दौरान आप अंग्रेजों के साथ थे..कांग्रेस शासन के दौरान आप कांग्रेस के साथ थे.. अकालियों के शासन के दौरान आप अकालियों के साथ थे.. अब भाजपा शासन के दौरान आप भाजपा के साथ हैं.. कुछ बुद्धिमानों ने पंजाब को बर्बाद कर दिया है।
मान ने खर्चे की फाइल लौटा दी थी
कुख्यात माफिया से बाहुबली राजनेता बने मुख्तार अंसारी को लेकर पंजाब की राजनीति अप्रैल से ही गरम है। रोपड़ जेल में बंद रहने के दौरान मुख्तार अंसारी का केस सुप्रीम कोर्ट में लड़ने वाले सीनियर वकील ने जब अपना बिल सीएम कार्यालय को भेजा तो बवाल मच गया। सीएम भगवंत मान ने बिल चुकाने से इनकार करते हुए खर्चे की फाइल लौटा दी थी।
उन्होंने तब इसकी जानकारी खुद ट्वीट करके दी थी। भगवंत मान ने बताया था कि यूपी के अपराधी को आराम और सुविधा के साथ रोपड़ जेल में रखा गया था। 48 बार वारंट जारी होने पर भी वह पेश नहीं हुआ। महंगे वकील, कीमत 55 लाख रूपये। खर्चे की फाइल लौटा दी गई थी।
पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था मुख्तार
बाहुबली माफिया मुख्तार अंसारी 2019 से 2021 तक पंजाब की रोपड़ जेल में बंद था। अंसारी को पंजाब पुलिस मोहाली के एक बिल्डर से रंगदारी मांगने के मामले में यूपी से ट्रांजिट रिमांड पर लेकर आई थी। इसके बाद यूपी पुलिस ने 25 बार पंजाब सरकार को पत्र लिखकर मुख्तार अंसारी की मांग की, लेकिन हर बार खराब स्वास्थ्य का हवाला देकर उसे सौंपने से इनकार कर दिया गया।
अंत में मुख्तार के रिमांड के लिए यूपी पुलिस सुप्रीम कोर्ट के शरण में पहुंची, जहां से माफिया डॉन को सौंपने का आदेश जारी हुआ। इस दौरान कोर्ट में मुख्तार की पैरवी के लिए पंजाब सरकार ने वरिष्ठ वकील को हायर किया था, जिसकी फीस लाखों में थी। अब उसी फीस को चुकाने को लेकर पंजाब में सियासी संग्राम छिड़ा हुआ है।