Nitish Kumar: आखिर क्या गुल खिलाने वाले हैं नीतीश,लालू के खिलाफ सीबीआई के एक्शन पर चुप्पी, नागालैंड में जदयू का भाजपा को समर्थन

Nitish Kumar: नागालैंड में इस बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले जदयू के एकमात्र विधायक ने भाजपा गठबंधन वाली सरकार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update: 2023-03-08 03:47 GMT

Nitish Kumar (Pic: Social Media)

Nitish Kumar: बिहार की सियासत में इन दिनों नई कयासबाजी का दौर शुरू हो गया है। राजद और जदयू के बीच विभिन्न मुद्दों पर चल रही खींचतान के बाद नीतीश कुमार के भावी कदमों को लेकर सवाल उठने लगे हैं कि आने वाले दिनों में नीतीश क्या गुल खिलाने वाले हैं। रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के मामले में सीबीआई पूरे एक्शन मोड में दिख रही है। राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों पर शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। सीबीआई की इस कार्रवाई पर राजद ने तो तीखी प्रतिक्रिया जताई है मगर नीतीश और जदयू नेताओं की चुप्पी को लेकर सवाल उठ रहे हैं। 

दूसरी ओर नागालैंड में इस बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले जदयू के एकमात्र विधायक ने भाजपा गठबंधन वाली सरकार को बिना शर्त समर्थन देने का ऐलान किया है। एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भाजपा के खिलाफ पूरे देश में मोर्चा बनाने की बात कर रहे हैं तो दूसरी ओर नागालैंड में जदयू का भाजपा गठबंधन की सरकार को समर्थन नई सियासत का संकेत देता दिख रहा है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या नीतीश कुमार आने वाले दिनों में एक बार फिर पलटी मारेंगे? अब सबकी निगाहें नीतीश कुमार के भाभी कदमों पर लगी हुई हैं।

लालू और परिजनों के खिलाफ कसा शिकंजा

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के बहुचर्चित मामले में लालू और उनके परिजनों के खिलाफ सीबीआई का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है। अभी हाल में सीबीआई ने इस मामले में लालू प्रसाद की पत्नी और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से पटना स्थित आवास पर पूछताछ की है। राबड़ी देवी से पूछताछ के लिए सीबीआई की 12 सदस्यीय टीम पहुंची थी। टीम ने कई घंटे तक इस घोटाले के संबंध में राबड़ी देवी से पूछताछ की है। इस मामले में मंगलवार को दिल्ली में लालू की बेटी मीसा भारती के आवास पर लालू से भी सीबीआई की टीम ने दो राउंड में पूछताछ की है। जानकारों का मानना है कि इस मामले में लालू और उनके परिजनों के खिलाफ सीबीआई पूरे एक्शन मूड में दिख रही है।

सीबीआई की ओर से की जा रही है इस कार्रवाई पर राजद की ओर से तीखी प्रतिक्रिया जताई गई है। राबड़ी देवी से पूछताछ के दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन करते हुए तीखा विरोध जताया था। बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी इस पूछताछ को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का बड़ा आरोप लगाया है।

सीबीआई के एक्शन पर जदयू की चुप्पी

राजद की ओर से तो इस मामले को लेकर तीखा विरोध जताया जा रहा है बगैर महागठबंधन के प्रमुख साझीदार जदयू की ओर से कोई टिप्पणी नहीं की गई है। इस मामले में अभी तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार या जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव सिंह उर्फ ललन सिंह का कोई बयान सामने नहीं आया है। केसी त्यागी ने इस मामले में बयान देते हुए यहां तक कहा है कि हमें जांच से कोई दिक्कत नहीं है मगर जांच का कोई नतीजा तो सामने आना चाहिए।

जदयू नेताओं की यह चुप्पी बिहार की सियासत में नए सवाल खड़े कर रही है। हाल के दिनों में राजद और जदयू के बीच खींचतान की कई खबरें सामने आई हैं। इसके साथ ही जन्मदिन के बहाने नीतीश की गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बातचीत भी काफी चर्चाओं में है।

2017 में भी इसीलिए टूटा था महागठबंधन

यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 2017 में जब जदयू और राजद का महागठबंधन टूटा था तो उस समय भी रेलवे में नौकरी के बदले जमीन के घोटाले में तेजस्वी यादव बुरी तरह घिरे हुए दिख रहे थे। उस समय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बयान दिया था कि इस मामले में तस्वीर साफ होनी चाहिए।

सियासी जानकारों का मानना था कि इस मुद्दे पर नीतीश कुमार तेजस्वी यादव का इस्तीफा चाहते थे मगर तेजस्वी की ओर से इस्तीफा न दिए जाने के बाद उन्होंने महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर लिया था। भाजपा के साथ हाथ मिलाकर उन्होंने अपनी सरकार भी बचा ली थी। विरार की सियासत में इन दिनों यह चर्चा है कि क्या इस मुद्दे पर नीतीश कुमार कहीं फिर पलटी मारने की तो तैयारी नहीं कर रहे हैं।

नागालैंड में जदयू विधायक का भाजपा को समर्थन

इस बीच नागालैंड में इस बार के विधानसभा चुनाव में जीतने वाले जदयू के एकमात्र विधायक ने भाजपा गठबंधन की सरकार को बिना शर्त समर्थन दे दिया है। इस कदम के बाद भी बिहार की सियासत में जल्द ही बड़ी उठापटक होने की संभावना जताई जा रही है।

नागालैंड के चुनाव में इस बार जेडीयू के जवेंगा सेब ने जीत हासिल की है और उन्होंने बीजेपी के गठबंधन वाली सरकार को समर्थन देने की घोषणा कर दी है। इसे भी सियासत में बड़े भूचाल का संकेत माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस बात पर लगी हुई है कि आने वाले दिनों में बिहार में नीतीश क्या गुल खिलाने वाले हैं।

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