Bihar: झारखंड के बाद अब बिहार के विधायकों की बाड़ेबंदी, फ्लोर टेस्ट से पहले कांग्रेस एमएलए हैदराबाद शिफ्ट
Bihar News: रविवार को जब ये विधायक हैदराबाद से लौट रहे थे तभी बिहार कांग्रेस के विधायकों का समूह हैदराबाद के लिए प्रस्थान कर रहा था।
Bihar: इन दिनों देश के दो राज्यों में बड़ी सियासी उठापटक चल रही है। दोनों एक-दूसरे के पड़ोसी हैं। दोनों जगहों पर हॉर्स ट्रेडिंग के खतरे को देखते हुए विधायकों की बाड़ेबंदी की गई। कांग्रेस शासित तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में कुछ दिन बिताने के बाद सत्तारूढ़ जेएमएम और कांग्रेस विधायकों का जत्था वापस रांची लौट आया है। रविवार को जब ये विधायक हैदराबाद से लौट रहे थे तभी बिहार कांग्रेस के विधायकों का समूह हैदराबाद के लिए प्रस्थान कर रहा था।
बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में बनी नई एनडीए सरकार का 12 फरवरी को फ्लोर टेस्ट होना है। बहुमत परीक्षण से पहले विधायकों में फूट की आशंका को देखते हुए शनिवार को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने दिल्ली में बड़ी बैठक बुलाई थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में हुई इस बैठक में पार्टी के कुल 19 में से 17 विधायक शामिल हुए। बैठक में उन्हें फ्लोर टेस्ट तक हैदराबाद में रखने की जानकारी दी गई।
रविवार देर शाम रवाना हुए विधायक
मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार देर शाम कांग्रेस विधायकों का जत्था दिल्ली से हैदराबाद के लिए रवाना हुआ। फिलहाल पार्टी के 16 विधायक हैदराबाद पहुंचे हैं,शेष तीन विधायक भी जल्द वहां पहुंचेंगे। दरअसल, इससे पहले बीजेपी नेताओं ने दावा किया था कि कांग्रेस के कई विधायक उनके संपर्क हैं, जिसके बाद पटना से दिल्ली तक हड़कंप मच गया। फिर झारखंड की तर्ज पर बिहार के भी विधायकों को हैदराबाद में रखने का निर्णय लिया गया।
दरअसल, बिहार में सत्ता के उलटफेर के बाद पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की ओर से बड़ा बयान आया था। उन्होंने कहा था कि खेला अभी बाकी है। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने एक अतिरिक्त मंत्री पद न मिलने को लेकर खुलेआम नाराजगी जाहिर कर माहौल को और गरमा दिया। कांग्रेस ने तो उन्हें साथ आने पर मुख्यमंत्री बनाने तक का ऑफर दे डाला। इन सब घटनाक्रमों से अटकलें लगाई जाने लगीं कि बीजेपी सरकार को सुरक्षित रखने के लिए कांग्रेस में सेंध लगा सकती है। उसने अन्य राज्यों में सफलतापूर्वक इस काम को अंजाम भी दिया है।
विधानसभा में क्या है सीटों का गणित
बिहार विधानसभा में कुल सदस्यों की संख्या 243 है। बहुमत का आंकड़ा 122 है। फिलहाल सत्तारूढ़ एनडीए के पास 128 विधायकों का समर्थन है, जो कि बहुमत से छह सीट ज्यादा है। एनडीए को बीजेपी के 78, जदयू के 45, हम के चार और एक निर्दलीय विधायक का समर्थन हासिल है। वहीं, विपक्षी महागठबंधन में राजद के पास 79, कांग्रेस के पास 19 और वामपंथी पार्टियों के पास 16 विधायक हैं। कुल आंकड़ा 114 बैठता है। वहीं, एक सीट एआईएमआईएम के पास है।
झारखंड में आज बहुमत परीक्षण
झारखंड में नई चंपई सोरेन सरकार को आज विधानसभा में फ्लोर टेस्ट में अपना बहुमत साबित करना है। हैदराबाद भेजे गए गठबंधन के सभी विधायक रविवार शाम रांची लौट चुके हैं। जेएमएम संस्थापक शिबू सोरेन ने नाराज विधायक लोबिन हेंब्रम को रविवार को मना लिया। 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में बहुमत के लिए 41 सीटों की दरकार है। एक सीट रिक्त है। सत्तारूढ़ गठबंधन के पास 48 विधायकों का समर्थन है, इस तरह आंकड़ों के लिहाज से चंपई सोरेन सरकार सुरक्षित नजर आ रही है।