Ram Mandir Row: ‘मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता’, राम मंदिर को लेकर बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान

Ram Mandir Row: अपने विवादित और भड़काऊ बयानों के लिए कुख्यात राजद नेता और शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने एकबार फिर ऐसा बयान दिया है, जिस पर बवाल मचना तय है।

Written By :  Krishna Chaudhary
Update:2024-01-08 08:41 IST

Chandrashekhar Singh statement  (photo: social media )

Ram Mandir Row: अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। इस आयोजन में भारतीय जनता पार्टी की विशेष सक्रियता को लेकर विपक्ष का एक बड़ा खेमा भड़का हुआ है। पड़ोसी राज्य बिहार में उद्घाटन कार्यक्रम पर सत्तारूढ़ महागठबंधन के नेताओं की ओर से एक के बाद एक लगातार विवादित बयान दिए जा रहे हैं।

अपने विवादित और भड़काऊ बयानों के लिए कुख्यात राजद नेता और शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर सिंह ने एकबार फिर ऐसा बयान दिया है, जिस पर बवाल मचना तय है। सिंह ने राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह का समर्थन करते हुए कहा कि मंदिर का रास्ता गुलामी का रास्ता होता है। जबकि स्कूल का रास्ता प्रकाश का रास्ता होता है। फतेह बहादुर ने अपनी बात नहीं रखी बल्कि देश की पहली शिक्षिका और हमारी माता सावित्री बाई फुले ने जो कहा था, उसी को दोहराया है। लेकिन षड्यंत्रकारियों ने उनके गले की कीमत लगा दी।

शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि अब एकलव्य का बेटा अंगूठा दान नहीं देगा, शहीद जगदेव प्रसाद का बेटा अब आहूति नहीं देगा। अब आहूति लेना जानता है। उन्होंने कहा षड्यंत्रकारी याद रखें बहुजन लोगों का इतना पसीना बहेगा कि समुदंर बन जाएगा और षड्यंत्रकारी सात समंदर पार खड़े नजर आएंगे। राजद नेता चंद्रशेकर सिंह ये बातें सात जनवरी को रोहतास में आयोजित सावित्री बाई फुले की जयंती समारोह में कही।

क्या कहा था फतेह बहादुर ने ?

एक जनवरी को राजद विधायक फतेह बहादुर सिंह के द्वारा लालू यादव और राबड़ी देवी के आवास के बाहर एक पोस्टर लगाया गया था। जिसमें लिखा था, मंदिर का मतलब मानसिक गुलामी का मार्ग और स्कूल का मतलब होता है जीवन में प्रकाश का मार्ग। जब मंदिर की घंटी बजती है तो हमें संदेश देती है कि हम अंधविश्वास, पाखंड, मूर्खता और अज्ञानता की ओर बढ़ रहे हैं और जब स्कूल की घंटी बजती है तो हमें यह संदेश मिलता है कि हम तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता व प्रकाश की ओर बढ़ रहे हैं। अब तय करना है कि आपको किस तरफ जाना चाहिए – सावित्री बाई फुले।

इस पोस्टर में एक तरफ लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी की तस्वीर थी तो दूसरी तरफ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की तस्वीर लगी थी। पोस्टर के ऊपर महात्मा बुद्ध, सम्राट अशोक और सावित्री फुले समेत अन्य लोगों की तस्वीर लगी हुई थी। पोस्टर के वायरल होते ही बिहार में सियासी बवाल हो गया। बीजेपी के साथ-साथ राजद की सहयोगी जदयू ने भी विधायक फतेह बहादुर पर जमकर हमला बोला था। मामला तूल पकड़ने के बाद राजद विधायक को सफाई देनी पड़ी थी।

प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर जारी है विवादित बयानबाजी

बिहार में राजद और जदयू के नेताओं की ओर से राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर विवादित बयान देने का सिलसिला जारी है। अब एक अन्य राजद विधायक अजय यादव ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि धार्मिक भावनाओं को भड़काने के लिए बीजेपी 22 जनवरी को राम भक्तों पर ब्लास्ट करा सकती है। इसका राजनीतिक लाभ लेने के लिए भाजपा मुसलमानों और पाकिस्तान का नाम लेगी।

राम मंदिर के निर्माण में हुए खर्च को लेकर अतरी से विधायक अजय यादव ने प्रधानमंत्री पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने करदाताओं का पैसा मंदिर बनाने में लगा दिया है। उन्होंने करदाताओं की गाढ़ी कमाई बर्बाद कर दी। इसी प्रकार सीएम नीतीश कुमार के करीबी मंत्री अशोक चौधरी और नालंदा से उनकी पार्टी के सांसद कौशलेंद्र कुमार प्राण प्रतिष्ठा समारोह पर विवादित टिप्पणी कर चुके हैं।

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