अब कांग्रेस ने दिखाए राजद को तेवर: पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार

बिहार में चुनावी बिगुल बजने के बाद एनडीए और महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला उलझ गया है। महागठबंधन में रालोसपा के तीखे तेवर के बाद अब कांग्रेस ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं।

Update: 2020-09-26 17:44 GMT

अंशुमान तिवारी

पटना। बिहार में चुनावी बिगुल बजने के बाद एनडीए और महागठबंधन में सीट शेयरिंग का मामला उलझ गया है। महागठबंधन में रालोसपा के तीखे तेवर के बाद अब कांग्रेस ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। कांग्रेस ने कहा है कि अगर सीट शेयरिंग को लेकर सम्मानजनक समझौता नहीं हुआ तो पार्टी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयार है। पार्टी ने इन सभी सीटों के लिए उम्मीदवारों की सूची तैयार होने की भी बात कही।

कांग्रेस नेता ने दिखाए तेवर

कांग्रेसी स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष अविनाश पांडेय ने शनिवार को पटना पहुंचने के बाद पार्टी मुख्यालय सदाकत आश्रम में प्रेस से बातचीत के दौरान तीखे तेवर दिखाए।

उन्होंने कहा कि बिहार में राजद बड़ी पार्टी है और इसलिए हम तेजस्वी यादव को गठबंधन में सीएम का चेहरा मान सकते हैं मगर राजद को भी इस बात का ख्याल होना चाहिए कि कांग्रेस भाजपा विरोध का नेतृत्व देशभर में करती है।

सभी सीटों पर चुनाव लड़ने में दिक्कत नहीं

उन्होंने कहा कि यदि बिहार में सीटों के बंटवारे पर सम्मानजनक समझौता नहीं हुआ और कांग्रेस को उचित हिस्सेदारी नहीं मिली तो हम विधानसभा की सभी 243 सीटों पर लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि पार्टी का जनाधार वापस लौटा है और पार्टी कार्यकर्ताओं में भी आत्मविश्वास जगा है। इसलिए हमें सभी सीटों पर चुनाव लड़ने में कोई दिक्कत नहीं होगी।

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समर्पित कार्यकर्ताओं को ही मिलेगा टिकट

पांडेय ने कहा कि पार्टी की ओर से चुनाव जीतने वाले उम्मीदवारों को ही मैदान में उतारा जाएगा। पार्टी के प्रति समर्पण और निष्ठा की भावना ही किसी उम्मीदवार के चयन का आधार होगा।

पार्टी के लिए दिन रात मेहनत करने वाले कार्यकर्ताओं को टिकट चयन में प्राथमिकता दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बिहार का चुनाव देश में बड़ा सियासी संदेश देने वाला होगा। इसलिए सभी को पूरी ताकत से चुनाव लड़ना चाहिए।

पिछली बार से ज्यादा सीटें मांगीं

कांग्रेस नेता ने कहा कब पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी और कितनी सीटों को लेकर कांग्रेस समझौता कर सकती है, यह मामला पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राज्य प्रभारी को तय करना है। लेकिन इतना जरूर है कि पार्टी को पिछले चुनाव में जितनी सीटें मिली मिली थीं, उससे ज्यादा सीटों पर ही अब बात बन पाएगी। उपेंद्र कुशवाहा के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि भाजपा विरोधी ताकतों को एकजुट होकर चुनाव लड़ना चाहिए।

कांग्रेस मांग रही 70 से ज्यादा सीटें

महागठबंधन में सीटों के बंटवारे का मामला इतनी आसानी से नहीं सुलझता दिख रहा है। राजद ने इस बार 150 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है। ऐसे में बची हुई 93 सीटों में ही महागठबंधन के अन्य दलों को बंटवारा होना है।

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पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 41 सीटें मिली थीं मगर इस बार कांग्रेस 70 से अधिक विधानसभा सीटों पर दावेदारी कर रही है। ऐसे में सीटों के बंटवारे को लेकर पेंच फंस गया है।

रालोसपा ने चुनी अलग राह

महागठबंधन में शामिल दलों और राजद, कांग्रेस, रालोसपा, वीआईपी और वामपंथी दलों के बीच अधिक से अधिक सीटों को हथियाने की होड़ मची हुई है। मन मुताबिक इस सीट न मिलती देख पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने महागठबंधन से अलग होकर एनडीए से हाथ मिला लिया है।

अब रालोसपा के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा भी उसी राह पर बढ़ चले हैं। दरअसल राजद कुशवाहा को 10-12 से अधिक सीटें देने को तैयार नहीं है जबकि रालोसपा इतनी कम सीटों पर समझौता नहीं करना चाहती। अब उपेंद्र कुशवाहा मोलभाव की कोशिश में लगे हुए हैं।

लोजपा ने एनडीए में मामला उलझाया

उधर लोजपा के मुखिया चिराग पासवान के आक्रामक रुख के कारण एनडीए में भी सीट शेयरिंग का मामला उलझा हुआ है।

लोजपा मुखिया ने मनचाही संख्या में सीटें न मिलने पर 143 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की बात कहकर मामले को उलझा दिया है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शुक्रवार को लो जपा के बारे में पूछे जाने पर यह कहकर मामला टाल दिया कि इस विवाद का निपटारा भाजपा को करना है।

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