Bihar News: बिहार सरकार ने जारी की जातिगत जनगणना रिपोर्ट, OBC सबसे ज्यादा 63 फीसदी और ये हैं आंकड़े
Bihar News: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने जातिगत जनगणना रिपोर्ट जारी कर दी है।
Bihar News: बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने जातिगत जनगणना रिपोर्ट जारी कर दी है। राज्य में अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आबादी सबसे ज्यादा है। वहीं, पिछड़ा वर्ग कुल आबादी का 27.1 प्रतिशत है। बिहार जाति आधारित सर्वे में कुल आबादी 13 करोड़ से ज्यादा बताई गई है। बिहार सरकार द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पिछड़ा वर्ग 27.1286 प्रतिशत, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.0148 प्रतिशत, अनूसूचित जाति 19.6518 प्रतिशत, अऩुसूचित जनजाति 1.6824 प्रतिशत और अनारक्षित 15.5224 प्रतिशत जनसंख्या बताई गई है। जातिगत जनगणना की रिपोर्ट अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह समेत अन्य अधिकारियों ने जारी की है।
सीएम नीतीश कुमार ने दी बधाई
बिहार का मुख्यमंत्री ने जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी होने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई ! जाति आधारित गणना के लिए सर्वसम्मति से विधानमंडल में प्रस्ताव पारित किया गया था। बिहार विधानसभा के सभी 9 दलों की सहमति से निर्णय लिया गया था कि राज्य सरकार अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराएगी एवं दिनांक 02-06-2022 को मंत्रिपरिषद से इसकी स्वीकृति दी गई थी। इसके आधार पर राज्य सरकार ने अपने संसाधनों से जाति आधारित गणना कराई है। जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है। इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी। बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी तथा जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा।
किस वर्ग की कितनी आबादी ?
- पिछड़ा वर्ग : 3,54,63,936
- अत्यंत पिछड़ा वर्ग: 4,70,80,514
- अनुसूचित जाति: 2,56,89,820
- अनुसूचित जनजाति : 21,99,361
- अनारक्षित: 2,02,91,679
किस जाति की कितनी आबादी
सामान्य – 15.52%
ओबीसी – 36.1%
पिछड़ा वर्ग – 27.12%
अनूसूचित जाति – 19.65%
यादव – 14.26 %
ब्राह्मण – 3.67%
राजपूत – 3.45%
भूमिहार – 2.89%
अनूसचित जनजाति – 1.68%