Bihar Political Crisis: नई सरकार बनने से पहले तोल-मोल शुरू, जीतन राम मांझी ने मांगे दो मंत्री पद!

Bihar Political Crisis: रविवार को नीतीश कुमार मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर फिर नई सरकार के मुखिया होंगे। अब वे RJD का साथ छोड़ भाजपा के साथ सरकार बनाने जा रहे हैं। ऐसे में राजनीतिक स्वार्थ भी देखे जा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, सामने आया है कि थोड़ी ही देर पहले पीएम मोदी के साथ रहने का दावा करने वाले जीतन राम मांझी ने घंटे भर के भीतर मोल-भाव करना और शर्तें रखना शुरू कर दिया है। मांझी के चार विधायक हैं और उन्होंने 2 मंत्री पद मांगे हैं। उन्होंने कहा है कि नई सरकार में दो मंत्री HAM के हों।

Update:2024-01-27 23:20 IST

नई सरकार बनने से पहले तोल-मोल शुरू, जीतन राम मांझी ने मांगे दो मंत्री पद!: Photo- Social Media

Bihar Political Crisis: बिहार में राजनीतिक संकट जारी है। पार्टियां अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक कर रही हैं। रविवार को क्या होने वाला है, इसे लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है। लेकिन बयानबाजियां, बैठकों के दौर और कयासों का सिलसिला लगातार जारी है। कौन किस पार्टी में है और कौन किसे छोड़कर जा सकता है, इसे लेकर कयास लगाए जा रहे हैं। इसी बीच जीतन राम मांझी की पार्टी एचएएम से एक बड़ी खबर सामने आई है। पहले तो मांझी ने कहा कि जहां पीएम मोदी वहां HAM, लेकिन अब मांझी ने भी नई सरकार बनने से पहले तोल-मोल करना शुरू कर दिया है।

मांझी करने लगे मोल-भाव

सूत्रों के मुताबिक, सामने आया है कि थोड़ी ही देर पहले पीएम मोदी के साथ रहने का दावा करने वाले जीतन राम मांझी ने घंटे भर के भीतर मोल-भाव करना और शर्तें रखना शुरू कर दिया है। बता दें कि विधानसभा में मांझी के चार विधायक हैं और उन्होंने 2 मंत्री पद मांगे हैं। उन्होंने कहा है कि नई सरकार में दो मंत्री HAM के होंगे।

मांझी ने कहा था, जहां NDA वहां HAM। मांझी की पार्टी HAM ने शनिवार को विधायक दल की बैठक की। बैठक खत्म होने के बाद सामने आया था कि मांझी NDA के साथ ही हैं। मांझी की ओर से दो टूक कहा गया था कि जहां पीएम मोदी, वहां HAM। उनके इस कथन से जहां तेजस्वी यादव को बड़ा झटका लगा है तो वहीं, राहुल गांधी के लिए भी ये करारे झटके वाली बात थी। बिहार में पल-पल बदलते सियासी समीकरण सामने आने के बाद सामने आया था कि, सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और एचएएम के मुखिया जीतन राम मांझी से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने फोन पर बात की थी। राहुल ने जीतन राम मांझी को इंडिया गठबंधन में आने का न्योता दिया है। सूत्रों की मानें तो भूपेश बघेल मांझी से मुलाकात कर सकते हैं।

क्यों अहम जीतन राम मांझी?

जीतन राम मांझी के लिए कहा जा रहा था कि वह आरजेडी की नैया पार लगाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं, साथ ही वह एनडीए के लिए भी बेहद अहम हैं। क्योंकि जीतनराम की पार्टी एचएएम के 4 विधायक हैं, अगर आरजेडी उन्हें अपने पाले में ले लेती है, तो महागठबंधन 118 सीटों का आकंड़ा छू लेगा। इसमें आरजेडी के 79, कांग्रेस के 19 और लेफ्ट के 16 विधायक भी शामिल हैं। अगर एआईएमआईएम का एक और एक निर्दलीय विधायक भी महागठबंधन के साथ जाते हैं तो ये आंकड़ा 120 तक पहुंच जाएगा। हालांकि उसके बाद भी सरकार बनाने के लिए 2 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। हालांकि जीतनराम मांझी ने बिहार के सियासी संकट पर कहा था कि राजनीति में कोई किसी का दोस्त नहीं है और कोई किसी का परमानेंट दुश्मन नहीं होता है। वहीं, बीजेपी के सहयोगी और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी के बेटे संतोष कुमार सुमन ने दावा किया है कि बिहार सरकार एक-दो दिन में गिर सकती है।

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