Bikaner House : अब बीकानेर हाउस की होगी कुर्की, जानिए किसने बनावाया था, कोर्ट ने क्यों दिया ये आदेश
Bikaner House News : दिल्ली में हिमाचल हाउस के बाद अब बीकानेर हाउस की भी कुर्की होगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने राजस्थान के नोखा नगर परिषद के मालिकान हक वाले बीकानेर हाउस को कुर्क करने का आदेश जारी किया है।
Bikaner House News : दिल्ली में हिमाचल हाउस के बाद अब बीकानेर हाउस की भी कुर्की होगी। पटियाला हाउस कोर्ट ने राजस्थान के नोखा नगर परिषद के मालिकान हक वाले बीकानेर हाउस को कुर्क करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश नोखा नगर पालिका और एनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ हुए समझौते का पालन नहीं करने के बाद जारी किया गया है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट की जज विद्या प्रकाश की पीठ ने बीकानेर हाउस विवाद मामले में सुनवाई की है। पीठ ने आदेश बीकानेर हाउस की कुर्की के आदेश जारी किया है। पीठ ने कहा कि नगर पालिका को बार-बार अवसर दिए जाने के बाद भी अपनी सम्पत्ति का हलफनामा प्रस्तुत नहीं किया है। ऐसे में कोर्ट ने डिक्री धारक की ओर से दी गई दलीलों पर सहमति जताते हुए बीकानेर हाउस के खिलाफ कुर्की वारंट जारी के लिए मामला उपयुक्त पाया है। इसके अलावा पीठ ने नगर पालिका को बिक्री की घोषणा की शर्तों को निपटाने के लिए तय की गई तारीख का नोटिस लेने के लिए 29 नवंबर को अदालत में उपस्थित होने का आदेश दिया।
बता दें कि कोर्ट ने 21 जनवरी, 2020 को नोखा नगर पालिका को आदेश दिया था कि एनवायरो इन्फ्रा इंजीनियर्स को 50.31 लाख रुपए का भुगतान करे। इसके बावजूद नगर पालिका ने कंपनी को भुगतान नहीं किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा था कि अगले अदेश तक नगर पालिका बीकानेर हाउस को लेकर कोई फैसला या काम नहीं कर पाएगी।
जानिए बीकानेर हाउस के बारे में
बीकानेर हाउस का निर्माण महाराजा गंगा सिंह के शासनकाल (1887 से 1943 ई.) में हुआ था। वह बीकानेर रियासत के राजा थे। यह हाउस लुटियंस दिल्ली में 8 एकड़ के भूखंड पर फैला हुआ है, जो इंडिया गेट के पास है। इसका डिजाइन चार्ल्स जी ब्लोमफील्ड ने बनाया था। इसका डिजाइन एक बंगले जैसा था। इसका इस्तेमाल शाही परिवार के दिल्ली निवास के रूप में किया जाता था। यह आधिकारिक रूप से 18 फरवरी, 1929 को सम्मानित मेहमानों के लिए एक भव्य गृह प्रवेश पार्टी के साथ खोला गया था।
आजादी के बाद राजस्थान सरकार ने बीकानेर हाउस को खरीद लिया था। कला और संस्कृति के उद्देश्य से राजस्थान सरकार ने इसे 2014-15 में पुनर्निर्मित किया था। देश की स्वतंत्रता के समय यहां कई बैठकों का भी आयोजन किया गया और भविष्य की रूपरेखा बनाई गई थी।
हिमाचल भवन की भी कुर्की का आदेश हुआ था जारी
बता दें इससे पहले हाईकोर्ट ने हिमाचल भवन की कुर्की का आदेश जारी किया था। यह आदेश हिमाचल सरकार द्वारा सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी का बकाया न चुकाने के बाद दिया था। दरअसल, सेली हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कंपनी को 2009 में एक प्रोजेक्ट मिला था। इसके लिए कंपनी ने सरकार के पास अपफ्रंट प्रीमियम के रूप में 64 करोड़ रुपए जमा करा दिए थे, लेकिन यह प्रोजेक्ट बाद में बंद कर दिया था। इसके बाद सरकार ने कंपनी के 64 करोड़ रुपए जब्त कर लिए थे।
इसी जब्ती के खिलाफ कम्पनी में आर्बिट्रेशन में चुनौती दी थी। इसके बाद कोर्ट ने सरकार को कंपनी का बकाया 7 फीसदी ब्याज सहित चुकाने का आदेश दिया था। इसके बाद यह रकम लगभग 150 करोड़ रुपए बन गई थी। कोर्ट ने हिमाचल भवन की कुर्की का आदेश जारी कर दिया था। हालांकि हिमाचल सरकार के इसके खिलाफ कोर्ट में अपील दायर की है।