देश में बर्ड फ्लू का खतरा: ऐसे करें बचाव, पालतू पक्षियों को लेकर बरतें ये सावधानियां

एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस को बर्ड फ्लू के नाम से जाता है। यह खतरनाक वायरस इंसानों और पक्षियों को अपनी चपेट में लेता है। बर्ड फ्लू संक्रमण से मुर्गी, टर्की, गीस और बत्तख की प्रजाति जैसी पक्षियां अधिक प्रभावित होती हैं।

Update: 2021-01-11 08:10 GMT
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, केरल और महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है

लखनऊ: कोरोना संकट के बीच देश में बर्ड फ्लू से हाहाकार मचा हुआ है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, हरियाणा, केरल और महाराष्ट्र में बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। इन राज्यों में सैकड़ों पक्षियों की मौत हो चुकी है। राज्यों में मृत पाए गए पक्षियों में एवियन इन्फ्लुऐंजा (Avian Influenza) पाया गया है।

देश में बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए केंद्र सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने चिड़ियाघर प्रबंधनों को निर्देश जारी कर कहा है कि केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण को दैनिक रिपोर्ट भेजें और ऐसा तब तक जारी रखें जब तक कि उनका इलाका रोगमुक्त घोषित नहीं कर दिया जाता।

उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू मिलने के बाद प्रदेश की सरकार सर्तकता बरत रही है। यूपी के कानपुर, लखनऊ समेत कई जिलों में मृत पक्षी पाए गए हैं। कानपुर और लखनऊ के चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया है। कानपुर के चिड़ियाघर में मृत पाए गए पक्षियों में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस की पुष्टि हुई है।

क्‍या है बर्ड फ्लू

एवियन इन्फ्लूएंजा (H5N1) वायरस को बर्ड फ्लू के नाम से जाता है। यह खतरनाक वायरस इंसानों और पक्षियों को अपनी चपेट में लेता है। बर्ड फ्लू संक्रमण से मुर्गी, टर्की, गीस और बत्तख की प्रजाति जैसी पक्षियां अधिक प्रभावित होती हैं। इसके संक्रमण से इंसान और पक्षियों की मौत तक हो सकती है।

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बर्ड फ्लू का इलाज

वायरस से संक्रमित शख्स का इलाज एंटीवायरल ड्रग ओसेल्टामिविर (टैमीफ्लू) (oseltamivir (Tamiflu) ) और ज़ानामिविर (रेलेएंजा) (zanamivir (Relenza)) से होता है। इस वायरस से संक्रमित लोगों को पूरी तरह से आराम करना चाहिए। हेल्दी भोजन करना चाहिए जिसमें अधिक से अधिक लिक्विड हो। बर्ड फ्लू अन्य लोग संक्रमित ना हो इसके लिए मरीज को एकांत में रहना चाहिए।

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कैसे करें बचाव

बर्ड फ्लू से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतनी बेहद जरूरी है। हाथों को 15 सेकेंड धोना चाहिए। हाथों को बार-बार साबुन से धोएं। सैनिटाइजर हमेशा साथ में रखना चाहिए। हाथ ना धो पाने की स्थिति में सैनिटाइज का इस्तेमाल करें। संक्रमित पोल्ट्री फार्म में जाने और वहां काम करने वाले लोगों के संपर्क में ना आएं। जो लोग पोल्ट्री फार्म में काम करते हैं और वहां जातें उनको PPE किट पहन कर रहना चाहिए। डिस्पोजेबल ग्लव्स पहनें और इस्तेमाल के बाद उसे नष्ट कर दें।

इसके साथ ही पूरे बाजू के कपड़े पहनने चाहिए। इसके अलावा अपने जूतों को डिसइनफेक्ट करते रहें। छींकने या खांसने से समय मुंह को अच्छे से ढककर रखें। सांस के संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना चाहिए। टिश्यू पेपर को इस्तेमाल को इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए और सिर्फ डस्टबिन में डालें। बीमार व्यक्ति को भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचना चाहिए। बर्ड फ्लू की कोई वैक्सीन नहीं है। इसके बचाव की फ्लू की वैक्सीन भी लगवाई जा सकती है।

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पालतू पक्षियों के बारे में बरतें सावधानी

डोमेस्‍ट‍िक पक्ष‍ियों(पालतू पक्षियों) से डरने की जरूरत नहीं है। उनका ज्यादा ध्‍यान रखने की आवश्यकता है। इस वायरस का घर तक पहुंचना आसान नहीं है, क्योंकि अभी तक भारत में कोई डोमेस्टिक मामला नहीं सामने आया है। लेकिन मध्‍यप्रदेश और राजस्‍थान में पहली बार स्‍थानी पक्षियों की मौत हुई है। इसलिए पालतू पक्षियों को तिर‍िक्‍त सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर आपने घर में तोता कबूतर या किसी भी पक्षी को पालकर रखा है तो उसके स्‍वास्‍थ्‍य के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत है। अगर पक्षी को उल्टी आने की शि‍कायत हो या उसकी लार अध‍िक पतली दिखे तो सावधान हो जाएं। अगर आपके पक्षी में वायरल इनफ्लूएंजा के कोई भी लक्षण दिखें, तो आप उसे डॉक्‍टर को द‍िखाएं। इसके साथ ही पक्ष‍ियों के रहने की जगह की देखरेख हाथों में ग्‍लव्‍स पहनकर करनी चाहिए। उनको बच्‍चों के संपर्क में लाने से बचें।

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