Sanatan Dharma Row: सनातन पर अब आर-पार के मूड में भाजपा, सोनिया, लालू और अखिलेश को घेरा, INDIA के एजेंडे पर उठाए सवाल

Sanatan Dharma Row: पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-09-12 13:47 IST

Sanatan Dharma Row: सनातन धर्म के अपमान के मुद्दे पर भाजपा ने विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया और कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी अब इस मुद्दे पर आर-पार की लड़ाई लड़ने के मूड में दिख रही है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन के बयान के बाद अब इस मुद्दे को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। भाजपा ने विपक्षी गठबंधन इंडिया को घेरते हुए आरोप लगाया है कि गठबंधन की मुंबई बैठक में बनी रणनीति के बाद सनातन धर्म का अपमान किया जा रहा है।

पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने इस मुद्दे पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि मोहब्बत की दुकान के नाम पर सनातन धर्म के खिलाफ नफरत का सामान क्यों बेचा जा रहा है? भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इस मुद्दे को लेकर सोनिया गांधी, राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव और सपा मुखिया अखिलेश यादव को घेरा है। उन्होंने सनातन धर्म के अपमान के मुद्दे पर इन तीनों नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं।


सनातन के खिलाफ बना इंडिया गठबंधन

देश में अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सनातन धर्म के अपमान का मुद्दा गरमा गया है। भाजपा इस मुद्दे को धार देने की कोशिश में जुट गई है। पार्टी अध्यक्ष नड्डा ने एक्स पर अपनी पोस्ट में कहा कि इंडिया गठबंधन की मुंबई बैठक के दो दिन बाद द्रमुक नेता उदयनिधि स्टालिन का बयान आना और फिर प्रियांक खड़गे का सनातन धर्म पर हमला सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

अब डीएमके के एक मंत्री ने भी स्वीकार किया है कि इंडिया गठबंधन का गठन ही सनातन धर्म के विरोध में किया गया है। मंत्री के इस बयान से साफ हो गया है कि सनातन धर्म का अपमान सोनिया गांधी, राहुल और कांग्रेस की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है।

मोहब्बत की दुकान पर नफरत का सामान

उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन में शामिल विपक्षी दलों से जवाब भी मांगा। उन्होंने कहा कि इन दलों को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि क्या संविधान में किसी को किसी धर्म के बारे में आपत्तिजनक बयान देने का अधिकार दिया गया है? उन्होंने कहा कि इंडिया गठबंधन, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और कांग्रेस को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि मोहब्बत की दुकान के नाम पर सनातन धर्म के खिलाफ नफरत का सामान क्यों बेचा जा रहा है? यह नफरत का मेगा मॉल सिर्फ सत्ता के लिए है। इसका एकमात्र मकसद है बांटो और राज करो।

सोनिया और राहुल ने नहीं दिया जवाब

इस बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने भी सनातन धर्म के अपमान के मुद्दे पर इंडिया गठबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कहा कि सनातन धर्म के अपमान के मुद्दे पर हमने सोनिया, राहुल और प्रियंका गांधी से सवाल किया था मगर उसका कोई जवाब नहीं आया। अब तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री का बयान सामने आया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि इंडिया गठबंधन का जन्म ही सनातन को खत्म करने के लिए हुआ है।

उन्होंने कहा कि ऐसे में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह है कि क्या इंडिया गठबंधन का एकमात्र एजेंडा सनातन का विरोध करना है? हमारा कांग्रेस से सवाल है कि क्या पार्टी में किसी दूसरे धर्म के बारे में कोई टिप्पणी करने की हिम्मत है? केवल वोट बैंक की राजनीति के तहत सनातन पर टिप्पणी की जा रही है, लेकिन इन नेताओं ने दूसरे धर्म पर चुप्पी साध रखी है।

सोनिया,लालू और अखिलेश की चुप्पी पर सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने सनातन के मुद्दे पर सोनिया गांधी, राजद मुखिया लालू प्रसाद यादव और सपा मुखिया अखिलेश यादव की चुप्पी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि लालू यादव हाल में मुंबई में सिद्धि विनायक मंदिर में दर्शन करने गए थे,लेकिन इंडिया गठबंधन के नेताओं की ओर से सनातन पर किए जा रहे हमले पर उन्होंने चुप्पी साध रखी है। अखिलेश यादव का भी अभी तक इस मुद्दे पर कोई बयान सामने नहीं आया है। इन नेताओं की चुप्पी सनातन के अपमान पर सहमति का संकेत है।

सनातन के अपमान को भाजपा ने बनाया मुद्दा

भाजपा नेता ने महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के बयानों पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि उद्धव कह रहे हैं कि अयोध्या में भगवान श्रीराम मंदिर के उद्घाटन से गोधरा जैसा नरसंहार हो जाएगा। उद्धव ठाकरे को यह नहीं भूलना चाहिए कि वे शिवसेना संस्थापक बाला साहब ठाकरे के बेटे हैं और बाला साहब ने अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए काफी साहस दिखाया था।

भाजपा नेताओं के इन बयानों से साफ हो गया है कि पार्टी 2024 की सियासी जंग से पहले सनातन के अपमान के मुद्दे को गरमाने की कोशिश में जुट गई है। सियासी जानकारों का मानना है कि आने वाले दिनों में पार्टी इस मुद्दे पर और तीखा तेवर अपना सकती है। इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं के लिए भाजपा का यह तेवर मुसीबत बढ़ाने वाला साबित हो सकता है। 

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