तेलंगाना: विधानसभा चुनाव में दुश्मन रही टीआरएस से बीजेपी ने दिए दोस्ती के संकेत

Update: 2018-12-09 06:40 GMT

नई दिल्ली: तेलंगाना विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी ने के चंद्रशेखर राव(केसीआर) की पार्टी के साथ दोस्ती के संकेत दिए हैं। बता दें कि चुनाव के दौरान केसीआर की सरकार को बीजेपी भ्रष्ट और परिवार वाली पार्टी बताकर हमला कर रही थी। बीजेपी का कहना है कि अगर 11 दिसंबर को मतगणना के बाद तेलंगाना में किसी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है और त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनी तो वह सरकार बनाने में केसीआर की पार्टी टीआरएस का साथ देगी। लेकिन बीजेपी ने इसके के लिए एक शर्त रखी है।

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बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ने दिए दोस्ती के संकेत

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के लक्ष्मण ने एक अंग्रेजी अखबार से ये बाते कही हैं। उन्होंने कहा कि अगर तेलंगाना में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बनती है, तो बीजेपी टीआरएस को समर्थन देगी। हालांकि उन्होंने कहा कि हम ऐसी सरकार को समर्थन देंगे जिसमें कांग्रेस और एआईएमआईएम न शामिल हों। बता दें कि टीआरएस और ओवैसी की एआईएमआईएम आधिकारिक रूप से एक साथ नहीं हैं, लेकिन दोनों ही चुनाव से पहले सार्वजनिक तौर पर आपसी दोस्ती की बात स्वीकारी है और ओवैसी ने मुस्लिम बाहुल्य इलाकों में टीआरएस के उम्मीदवारों के लिए प्रचार भी किया है।

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118 सीटों पर बीजेपी ने लड़ा है चुनाव

शुक्रवार को वोटिंग के बाद आए अधिकतर एग्जिट पोल्स में तेलंगाना में टीआरएस की सरकार बनती दिखाई दे रही है। बता दें कि तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटें हैं। 2014 के चुनावों में बीजेपी 45 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे पांच पर जीत मिली थी। इस बार बीजेपी 118 सीटों पर चुनाव लड़ रही है और उसने एक सीट युवा तेलंगाना पार्टी को दिया है।

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एग्जिट पोल्ट बीजेपी को इस बार 5-7 सीटों की संभावना जताई जा रही है। जानकारों के मुताबिक तेलंगाना में मुख्य लड़ाई टीआरएस और कांग्रेस गठबंधन के बीच है। कांग्रेस गठबंधन में चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी, तेलंगाना जन समिति और सीपीआई शामिल हैं।

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