Mission 2024: भाजपा का तीन राज्यों पर विशेष फोकस, तेलंगाना, ओडिशा और पश्चिम बंगाल में सीटें बढ़ाने की कमान अमित शाह ने संभाली
Mission 2024: मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भाजपा के चाणक्य गृह मंत्री अमित शाह ने इन राज्यों की कमान संभाल ली है।
Mission 2024: मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में मिली जीत से उत्साहित भाजपा अब 2024 की सियासी जंग की तैयारी में जुट गई है। 2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा की ओर से तीन राज्यों को विशेष अहमियत दी जा रही है। इन तीन राज्यों पश्चिम बंगाल,ओडिशा और तेलंगाना में भाजपा अपनी सीटें बढ़ाने की कोशिश में जुट गई है।
मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भाजपा को बड़ी जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले भाजपा के चाणक्य गृह मंत्री अमित शाह ने इन राज्यों की कमान संभाल ली है। चुनावी रणनीति बनाने के लिए शाह पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ सोमवार की रात कोलकाता पहुंच गए हैं।
इन तीन राज्यों की 80 लोकसभा सीटों में 2019 में भाजपा सिर्फ 30 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी मगर अगले आम चुनाव में पार्टी इन तीन राज्यों में सीटों का आंकड़ा 50 तक पहुंचाने की कोशिश में जुट गई है। अगर भाजपा अपनी मुहिम में कामयाब रही तो इन तीनों राज्यों के क्षेत्रीय दलों टीएमसी, बीजू जनता दल और बीआरएस के साथ कांग्रेस को भी करारा झटका लगेगा।
बंगाल में ममता को झटका देने की तैयारी
सबसे पहले बात अगर पश्चिम बंगाल की की जाए तो 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा इस राज्य में सिर्फ दो सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब रही थी मगर 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को बड़ी कामयाबी मिली थी। पार्टी अपनी सीटों का आंकड़ा 18 तक पहुंचाने में सफल हुई थी। इस तरह सिर्फ पश्चिम बंगाल में ही पार्टी को 16 सीटों का फायदा हुआ था। पश्चिम बंगाल के पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा ने ममता बनर्जी की अगुवाई वाली टीएमसी को घेरने की काफी कोशिश की थी मगर ममता ने भाजपा को करारा झटका देते हुए बड़ी जीत हासिल की थी।
अब भाजपा 2024 के चुनाव में उस हार का बदला लेना चाहती है। पश्चिम बंगाल में लोकसभा की 42 सीटें हैं और पार्टी ने इस बार 33 सीटों पर जीत की रणनीति तैयार की है। पार्टी नेताओं की ओर से इस बार 25 सीटों पर निश्चित रूप से जीत हासिल करने का दावा किया जा रहा है।
ओडिशा में सीटों की संख्या बढ़ाने की कोशिश
ओडिशा में बीजू जनता दल को काफी ताकतवर माना जाता है और नवीन पटनायक की अगुवाई में यह पार्टी लंबे समय से राज्य की सत्ता पर काबिज है। ओडिशा में लोकसभा की 21 सीटें हैं। 2014 के चुनाव में मोदी लहर के बावजूद भाजपा को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई थी मगर 2019 में पार्टी ने आठ सीटों पर जीत हासिल करके अपनी ताकत दिखाई थी।
भाजपा ने इस बार राज्य की 15 लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य तय किया है। हालांकि इसके लिए पार्टी को बीजू जनता दल के साथ ही कांग्रेस से भी जूझना होगा। यही कारण है कि इस लक्ष्य को हासिल करना आसान नहीं माना जा रहा है।
तेलंगाना में दहाई तक पहुंचने का लक्ष्य
तेलंगाना में लोकसभा की 17 सीटें हैं। 2014 के चुनाव में भाजपा को सिर्फ एक सीट पर जीत हासिल हुई थी मगर 2019 में पार्टी चार सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। इस बार पार्टी ने दहाई तक पहुंचने की रणनीति तैयार की है। तेलंगाना में हाल में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान के.चंद्रशेखर राव (केसीआर) की अगुवाई वाली बीआरएस को बड़ा झटका देते हुए कांग्रेस ने राज्य की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। भाजपा भी अपनी सीटों की संख्या बढ़ाकर आठ तक पहुंचने में कामयाब रही है।
तेलंगाना में भाजपा का कामकाज देखने वाले एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पिछले चुनाव में दो सीटों पर पार्टी को करीबी हार का सामना करना पड़ा था जबकि दो अन्य सीटों पर भी पार्टी का प्रदर्शन काफी अच्छा था। ऐसे में पार्टी थोड़ी मेहनत के बाद दहाई की संख्या तक पहुंचने में कामयाब हो सकती है। तेलंगाना में बीआरएस की बड़ी हार के बाद 2024 में त्रिकोणीय मुकाबले में भाजपा फायदा उठाने की कोशिश में जुटी हुई है।
अमित शाह की अगुवाई दिखा सकती है रंग
इन तीन राज्यों में लोकसभा की 80 सीटों में से सिर्फ 30 सीटों पर भाजपा को पिछले चुनाव में जीत मिली थी मगर पार्टी अब इन तीन राज्यों में सीटों का आंकड़ा बढ़ाकर 50 सीटों तक करने की कोशिश में जुटी हुई है।
2019 में भाजपा की सीटों के आंकड़े को 303 तक पहुंचाने में इन तीन राज्यों ने बड़ी भूमिका निभाई थी मगर अब पार्टी ने 350 से अधिक सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। ऐसे में पार्टी इन तीन राज्यों में अपना प्रदर्शन और बेहतर बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।
गृह मंत्री अमित शाह ने इन तीन राज्यों में चुनावी रणनीति बनाने की कमान संभाल ली है और माना जा रहा है कि उनकी अगुवाई में पार्टी अपना प्रदर्शन सुधारने में कामयाब हो सकती है।