BJP Mission 2024: राम मंदिर के जरिए मिशन 2024 साधेगी भाजपा, सभी लोकसभा क्षेत्रों से पांच-पांच हजार लोगों को लाने की तैयारी, सांसदों-विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी

BJP Mission 2024: रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी भाजपा राम मंदिर के जरिए पूरे देश में अपनी सियासी धमक बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2023-12-26 12:23 IST

BJP Mission 2024  (photo: social media )

BJP Mission 2024: भारतीय जनता पार्टी ने 2024 की सियासी जंग जीतने के लिए अयोध्या के राम मंदिर को लेकर बड़ी रणनीति तैयार की है। अयोध्या के राम मंदिर में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है और पार्टी की ओर से इसे बिगशो बनाने के लिए व्यापक कार्यक्रम तैयार किया गया है। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी भाजपा राम मंदिर के जरिए पूरे देश में अपनी सियासी धमक बनाने की कोशिश में जुटी हुई है।

22 जनवरी के बाद देश के सभी 545 लोकसभा क्षेत्रों से पांच-पांच हजार लोगों को अयोध्या लाने की तैयारी है। विभिन्न लोकसभा क्षेत्रों में रामलला के दर्शन के इच्छुक लोगों की सूची बनाने की जिम्मेदारी सांसदों और विधायकों को सौंप गई है। पार्टी नेतृत्व का मानना है कि अयोध्या से लौटने वाले लोग अपने क्षेत्रों में राम मंदिर की भव्यता के बारे में लोगों को जानकारी देंगे और इससे पार्टी को बड़ा चुनावी फायदा मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

सियासी समीकरण साधने की कोशिश

मौजूदा समय में भगवान रामलला का प्रस्तावित प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होने वाले इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की भव्य तैयारियां की जा रही हैं। विपक्षी दलों के नेताओं का भी मानना है कि इसके जरिए भाजपा अपना सियासी समीकरण साधने की कोशिश में जुटी हुई है।

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि राम मंदिर को लेकर पार्टी ने बड़ा चुनावी प्लान तैयार किया है। इसके तहत देश के सभी लोकसभा क्षेत्रों से पांच-पांच हजार लोगों को अयोध्या ले जाने की तैयारी है। इन लोगों को अलग-अलग तिथियां पर अयोध्या लाया जाएगा। वैसे पार्टी की ओर से तीन महीने के भीतर करीब एक करोड़ लोगों को अयोध्या में दर्शन-पूजन कराने का लक्ष्य रखा गया है।

सांसदों और विधायकों को सौंपी जिम्मेदारी

भाजपा नेतृत्व की ओर से इस काम में पार्टी के सांसदों और विधायकों की मदद लेने का फैसला किया गया है। विभिन्न क्षेत्रों की लिस्ट बनाने की जिम्मेदारी सांसदों और विधायकों को सौंपी गई है। 23 जनवरी के बाद विभिन्न क्षेत्रों के लोगों को अयोध्या ले जाने का सिलसिला शुरू हो जाएगा। दूर के शहरों से श्रद्धालुओं को अयोध्या लाने के लिए ट्रेनों की मदद ली जाएगी। अयोध्या में श्रद्धालुओं के ठहरने और भोजन आदि की व्यवस्था भी की जाएगी।

अयोध्या में 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद देश के विभिन्न हिस्सों से सौ स्पेशल ट्रेन चलाए जाने की भी तैयारी है। 22 जनवरी के बाद इन ट्रेनों को करीब 100 दिनों तक चलाया जाएगा। माना जा रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद काफी संख्या में श्रद्धालु अयोध्या में दर्शन-पूजन के लिए पहुंचेंगे।

देशभर में पहुंचेगा अयोध्या का संदेश

भाजपा नेतृत्व का मानना है कि अयोध्या से लौटने वाले श्रद्धालु अपने क्षेत्रों में राम मंदिर की भव्यता के बारे में लोगों को जानकारी देंगे। पार्टी लोगों तक यह संदेश पहुंचाने की कोशिश में जुटी हुई है कि जो काम पिछले 500 वर्षों में नहीं हो सका, उसे भाजपा ने पूरा कर दिखाया है। अयोध्या में बड़े पैमाने पर विकास से जुड़े विभिन्न प्रोजेक्ट चलाए जा रहे हैं और अयोध्या से लौटने वाले लोग राम मंदिर की भव्यता के साथ अयोध्या के विकास के संबंध में भी लोगों को जानकारी देंगे। भाजपा नेतृत्व को इससे बड़ा चुनावी लाभ मिलने की संभावना है।

लोगों की सूची बनाने का काम पहले ही शुरू हो चुका है और इस काम को पूरा करने के लिए 15 जनवरी आखिरी तारीख तय की गई है। विभिन्न क्षेत्रों में भाजपा से जुड़े लोगों ने इस बाबत अलग-अलग इलाकों में लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया है। राम जन्मभूमि ट्रस्ट के साथ ही अयोध्या प्रशासन को भी इस बाबत जानकारी दी गई है।

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