Karnataka: ‘सीएम-डिप्टी सीएम एक दूसरे को चप्पल से मारेंगे’ कर्नाटक सरकार पर इतना बड़ा दावा करने वाले कौन हैं BJP विधायक
Karnataka News: विपक्ष में बैठी बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने राज्य में कर्नाटक सरकार के भविष्य को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगी और आपसी कलह के कारण ये बिखर जाएगी।
Karnataka News: कर्नाटक में एस. सिद्धारमैया के नेतृत्व में बनी नई कांग्रेस सरकार के एक महीने पूरे हो चुके हैं। राज्य सरकार लगातार पिछली भाजपा सरकार के दौरान लिए गए फैसलों को या तो पलट रही है या उसे ठंडे बस्ते में डाल रही है। इस बीच विपक्ष में बैठी बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने राज्य में कर्नाटक सरकार के भविष्य को लेकर बड़ा दावा कर दिया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाएगी और आपसी कलह के कारण ये बिखर जाएगी।
हालांकि, कांग्रेस सरकार पर यह भविष्यवाणी करने वाले पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने इतनी शालीन ढंग से ये बातें नहीं कहीं। यतनाल सरकार के अंदर पनपे अंसतोष का जिक्र करते हुए अपनी जुबां पर नियंत्रण खो बैठे और प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री को लेकर विवादित बयान दे दिया। भाजपा नेता का ये बयान अब वायरल हो रहा है।
क्या कह दिया बीजेपी विधायक ने ?
बीजापुर सीट से बीजेपी विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम सिद्धारमैया औप डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर चल रही खींचतान पर बयान दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की सरकार पांच साल नहीं चल पाएगी। पार्टी के अंदर का असंतोष जल्द ही बाहर आएगा। इसके बाद बीजेपी विधायक ने विवादित टिप्पणी करते हुए कहा मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार जल्द ही झगड़े पर उतर जाएंगे और एक-दूसरे को चप्पल से मारेंगे।
डीके पर लगाया कांग्रेस नेतृत्व को ब्लैकमेल करने का आरोप
बसनगौड़ा पाटिल यतनाल ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वह सीएम पद के लिए कांग्रेस नेतृत्व को ब्लैकमेल करने की कोशिश कर रहे हैं। 23 जून को पूर्व सीएम बसवराज बोम्मई से मुलाकात कर उन्होंने सोनिया गांधी को संदेश देने की कोशिश की है कि उनकी बोम्मई से नजदीकियां बढ़ रही हैं। बीजेपी नेता ने कहा शिवकुमार यह कहकर कांग्रेस आलाकमान को ब्लैकमेल करना चाहते हैं कि अगर उन्हें सीएम नहीं बनाया गया तो वह बोम्मई का साथ देंगे।
दरअसल, कर्नाटक में मई में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 224 सीटों में से 135 पर जीत हासिल कर बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया था। वहीं, बीजेपी महज 66 सीटों पर सिमट कर रह गई थी। हालांकि, इसके बाद कांग्रेस में सीएम पद को लेकर घमासान छिड़ गया। बेंगलुरू से लेकर दिल्ली तक सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच जोर आजमाइश देखी गई। हालांकि, आखिर में बाजी एकबार फिर बुजुर्ग नेता सिद्धारमैया के हाथ ही लगे और वे दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने। तभी से सियासी हलकों में इस बात की अटकलें हैं कि एक फार्मूले के तहत सिद्धारमैया को सीएम की कुर्सी मिली है, जिसे वह लोकसभा चुनाव के बाद छोड़ देंगे। हालांकि, इसमें कितनी सच्चाई इसके बारे में फिलहाल कुछ भी कहना मुश्किल है।
विवादित बयानों के महारथी हैं बसनगौड़ा पाटिल
सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के एक दूसरे को चप्पल से पीटने की भविष्यवाणी करने वाले बीजेपी नेता और विधायक बसनगौड़ा पाटिल यतनाल कर्नाटक भाजपा के बयानवीर नेताओं में गिने जाते हैं। हार्डलाइन हिंदुत्व पर चलने वाले पाटिल के विवादित बयानों की एक लंबी फेहरिस्त है। विधानसभा चुनाव के दौरान भी उनके कुछ बयानों को लेकर काफी विवाद हुआ था।
उन्होंने यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी को विषकन्या कह दिया था। इसके अलावा उन्होंने दावा किया था कि अगर बीजेपी फिर से सत्ता में लौटती है तो कर्नाटक में सारे मदरसे बंद कर दिए जाएंगे। वह चुनावों में खुलेआम मुसलमान प्रत्याशियों को वोट न देने की अपील कर चुके हैं। हाल ही में बसनगौड़ा पाटिल ने कर्नाटक की नई कांग्रेस सरकार की तुलना तालिबान सरकार से कर दी थी।
कौन हैं बसनगौड़ा पाटिल ?
बसनगौड़ा पाटिल यतनाल कर्नाटक में प्रभावशाली समुदाय लिंगायत से आते हैं। उनकी गिनती प्रदेश के कद्दावर भाजपा नेताओं में होती है। पाटिल दो बार सांसद रहने के अलावा दो बार विधायक और एक बार विधान परिषद के सदस्य रह चुके हैं। वो वाजपेयी सरकार में केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री और रेल राज्य मंत्री के पद पर रह चुके हैं। 1994 में पहली बार बीजेपी के टिकट पर बीजापुर से विधानसभा चुनाव जीतने वाले बसनगौड़ा पाटिल ने 1999 में यहीं से सांसद का चुनाव भी जीता था।
साल 2004 के आम चुनाव में भी वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे। 2009 के आम चुनाव में भाजपा ने उनका टिकट काट दिया था। अगले साल यानी 2010 में उन्होंने नाराज होकर जेडीएस ज्वाइन कर लिया था। 2013 के विधानसभा चुनाव में जेडीएस से उन्होंने बीजापुर से चुनवा लड़ा, मगर हार गए। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर उनकी देवगौड़ा परिवार से अनबन हो गई और वे फिर बीजेपी में शामिल हो गए। 2015 में विधान परिषद का उम्मीदवार बनने को लेकर एकबार फिर उनकी बीजेपी से तकरार हो गई। बसनगौड़ा पाटिल ने अपने गृह क्षेत्र बीजापुर से स्वतंत्र उम्मीदवार के तौर पर पर्चा दाखिल कर दिया। जिसपर बीजेपी ने कार्रवाई करते हुए उन्हें 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया था। हालांकि, पाटिल विधान परिषद का चुनाव जीतने में सफल रहे थे। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में एकबार फिर उनकी बीजेपी में एंट्री हुई और उन्हें बीजापुर से टिकट दिया गया, जहां से वे जीतने में सफल भी रहे। 2023 के विधानसभा चुनाव में वह अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे, उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अब्दुल हामिद खाजासाब मुशर्रफ को हरा दिया। बसनगौड़ा पाटिल के बारे में बताया जाता है कि लिंगायत समुदाय और कट्टर हिंदुत्व की विचारधारा के कारण वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के गुडबुक में रहे हैं। इसलिए दो बार उनकी बीजेपी में आसान वापसी हो पाई है।